पटना: मुजफ्फरपुर इंसेफेलाइटिस (Muzaffarpur Encephalitis) का कहर एक बार फिर बच्चों पर टूटा है. कोविड-19 महामारी (covid-19 pandemic) के बीच हालांकि अभी चमकी बुखार (chamki fever in bihar) से प्रभावित मरीजों की संख्या कम जरूर है. लेकिन राज्य सरकार इस पर विशेष निगरानी रख रही है. पिछले दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने एईएस (Acute Encephalitis Syndrome) वाले इलाकों में पक्का मकान बनाने की सरकारी योजनाओं की समीक्षा की. इस विषय पर विस्तार से ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री श्रवण कुमार (shravan Kumar) ने जानकारी दी.
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30 हजार परिवार चिन्हित
मुजफ्फरपुर के मीनापुर, कांटी, बोचहा, मांगपुर और मुशहरी प्रखंडों के 30 हजार ऐसे परिवारों को चिन्हित किया गया है, जिनके पास अपना पक्का मकान नहीं था. चमकी बुखार इन इलाकों में सबसे ज्यादा असर डाल रहा था. राज्य सरकार ने सर्वे कराकर जानकारी ली कि आखिर इस बीमारी के फैलने का क्या कारण है. सर्वे रिपोर्ट में यह भी बताया गया था कि कच्चा मकान होने के कारण इलाकों में काफी गंदगी होती है जिसके कारण भी यह बीमारी फैलती है.
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'अब तक कुल परिवारों में से 75% परिवारों के मकान पक्के बना दिए गए हैं. और शेष के मकान को पक्का करने का काम चल रहा है. चिन्हित परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना और मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत पक्का मकान योजना का लाभ मिल रहा है.'- श्रवण कुमार, ग्रामीण विकास मंत्री
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बनाए जा रहे पक्के मकान
ग्रामीण विकास विभाग द्वारा इलाके का सर्वे करा वैसे परिवारों को चिन्हित किया गया जिनके पास पक्के मकान नहीं थे. श्रवण कुमार ने बताया कि पिछले वर्ष बिहार सरकार ने मुजफ्फरपुर के 5 प्रखंडों में तकरीबन 30,000 परिवारों को चिन्हित किया था.
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