पटना: संग्रहालय केवल शहर को ही नहीं बल्कि संपूर्ण विश्व को जोड़ने की कड़ी की तरह काम करता है. उक्त बात प्रसिद्ध ब्रिटिश कला इतिहासकार नील मैकग्रेगर ने राजधानी में आयोजित की गई बिहार संग्रहालय बिनाले 2021 के दौरान कही. उन्होंने बिहार के भारत तथा विश्व पर पड़े महत्वपूर्ण प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बिहार बुद्ध की भूमि है और इस धर्म का प्रचार बिहार से ही दुनियाभर में फैला. बता दें कि बिहार संग्रहालय बिनाले 2021 की मेजबानी बिहार संग्राहलय पटना कर रहा है. कोरोना के कारण संग्रहालय बिनाले बर्चुअल तरीके से ऑर्गेनाइज किया गया है.
इसे भी पढ़ें: बिहार म्यूजियम विनाले का CM नीतीश करेंगे उद्घाटन, कई संग्रहालय लेंगे हिस्सा
बिहार से ही दुनियाभर में फैला: नील मैकग्रेगर
बिहार संग्रहालय बिनाले-2021 दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन है, जिसमें बुधवार को बिहार, भारत और विश्व के संग्रहालय संस्कृतियों से जुड़ी बातों को लेकर चर्चा की गई. इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में प्रसिद्ध ब्रिटिश कला इतिहासकार नील मैकग्रेगर कल शामिल हुए.
'एक शहर के अस्तित्व और उसके रोजमर्रा की जिंदगी में संग्रहालय का होना बहुत महत्वपूर्ण है. संग्रहालय केवल शहर को ही नहीं बल्कि संपूर्ण विश्व को जोड़ने की कड़ी की तरह काम करता है. भारत तथा विश्व पर पड़े बिहार के महत्वपूर्ण प्रभाव के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि बिहार बुद्ध की भूमि है. इसका प्रचार बिहार से ही दुनियाभर में हुआ.'- नील मैकग्रेगर, इतिहासकार
नील मैकग्रेगर ने इस दौरान कलाकृतियों और खास वस्तुओं की सहायता से बताया कि ज्ञान और दर्शन के यह विचार कैसे विश्व को प्रभावित कर रहे हैं. साथ ही यूनाइटेड किंगडम, जहां भारतीयों की बहुत बड़ी समुदाय का प्रवास है, कैसे ब्रिटिश संस्कृति में घुल मिल गए हैं. मैकग्रेगर ने आगे कहा कि अतीत को देखने में एक अच्छी बात यह है कि हम अपने भविष्य को लेकर कुछ जरूरी और महत्वपूर्ण सवाल अपने आप से पूछ सकते हैं.
संग्राहलयों को नए दौर के अनुरूप ढालने को लेकर चर्चा
आपको बता दें कि बिहार संग्राहलय की ओर से आयोजित बिहार संग्रहालय बिनाले 2021 का मुख्य उदेश्य संग्रहालयों के पुरावशेषो एवं कलाकृतियों की संस्कृति की पहचान के साथ उसके भीतर से विमर्श को उजागर करना है. वर्चुअल कॉन्फ्रेंस में कलात्मक संसार से जुड़े कलाकार, संरक्षक, क्यूरेटर कला पारखी, एवं संग्रहालय पर होने वाले असर पर विस्तार से चर्चा की गई. वहीं कोविड-19 के दौरान जिस तरीके से चीजें ऑनलाइन हो रही हैं उसके हिसाब से संग्रहालयों के लिए साझा सामग्री संचालित रणनीतियों और डिजिटल उपकरणों के माध्यम से पहुंच बढ़ाने को लेकर भी चर्चा हुई.