पटना: बिहार में अपराध (Crime in Bihar) पर नियंत्रण पुलिस-प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बन गई है. इसको लेकर बिहार पुलिस मुख्यालय द्वारा ऑपरेशन प्रहार और और एंटी लिकर टास्क फोर्स का गठन किया गया है. साल 2021 की शुरुआत के 3 महीनों की तुलना में साल 2022 के शुरुआती 3 महीनों में पुलिस मुख्यालय के अनुसार कांडों की संख्या पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है. पुलिस मुख्यालय के अनुसार वर्ष के 3 महीनों की तुलना में इस वर्ष की तीन महीनों में सभी मामलों में कमी आई है. हालांकि तुलनात्मक रूप से हत्या की घटनाओं में इजाफा हुआ है.
ये भी पढ़ें- हाल के दिनों में बढ़ा क्राइम ग्राफ, अपराधियों के आगे बेबस दिखी पटना पुलिस
बिहार में हत्या की घटनाओं में बढ़ोतरी: बिहार पुलिस मुख्यालय के आंकड़े के अनुसार साल 2021 के शुरुआती 3 महीनों की तुलना में साल 2022 में हत्या के आंकड़ों में 6.1 प्रतिशत की आंशिक वृद्धि हुई है. पुलिस मुख्यालय के अनुसार साल 2021 के 3 महीनों में कुल 640 हत्या, 72 डकैती, 665 लूट, 357 बलात्कार और 1548 से अनुसूचित जनजाति अत्याचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था. वहीं, साल 2022 के प्रथम 3 माह में 679 हत्या, 69 डकैती और लूट, 317 बलात्कार और 1385 अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत मामला दर्ज हुआ है. हत्या को छोड़कर सभी मामलों में कहीं ना कहीं थोड़ी गिरावट जरूर दिख रही है.
ये भी पढ़ेंः बिहार में क्राइम 'अनकंट्रोल': पुलिस सिर्फ झाड़ियों में ढूंढ रही खाली बोतल, अपराधी प्रशासन को दिखा रहे ठेंगा
21138 से वांछित अपराधी गिरफ्तार: पुलिस मुख्यालय के अनुसार बढ़ते अपराध के मद्देनजर विशेष अभियान शुरू किया गया है, जिसे ऑपरेशन प्रहार की संज्ञा दी गई है. ऑपरेशन प्रहार के तहत गंभीर मामले मसलन हत्या-डकैती-लूट और बलात्कार के मामलों में अपराधियों और वांछितों की गिरफ्तारी के लिए व्रज प्लाटून का गठन जिलो में किया गया है. बिहार में व्रज की 20 कंपनियां और 47 प्लाटून का गठन किया गया है. जिसके तहत कुल 21138 से वांछित अपराधियों की गिरफ्तारी की गई है. बिहार में टास्क फोर्स की 233 टीमों का गठन किया गया है.
ऐसी ही विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP