पटना: पटना शहर में 2019 की तरह जल जमाव की स्थिति उत्पन्न ना हो, इसे लेकर पटना नगर निगम नालों की सफाई में जुटा है. यहां छोटे-बड़े नालों की उड़ाही 15 फरवरी से ही शुरू है, जोकि लगातार जारी है. इसके लिए जेसीबी के साथ-साथ मानव बल को भी लगाया गया है.
छोटे-बड़े सभी नालों की सफाई के लिए निगम प्रशासन के द्वारा लगाभग 6 से 8 करोड़ों रुपए खर्च का अनुमान लगाया गया है और नाले की सफाई को मई महीने तक पूरा कर लेने का लक्ष्य रखा गया है.
पटना में कुल 535 नाले
बता दें कि पटना में नालों की संख्या की बात करें तो कुल 535 हैं, जिनमें 9 बड़े नाले हैं. 14 मीडियम नाले और 172 छोटे नाले हैं जो 39 संप हाउस से जुड़े हुए हैं. सभी नालों का पानी संप हाउस द्वारा शहर के बाहर छोटी नदियों में प्रभावित किया जाता है. शहर के सभी बड़े नालों के साथ-साथ अन्य सभी छोटे नालों, नालियों, मेनहोल, कैचपिट आदि की उड़ाही का काम भी मई तक पूरा कर लेने का भी लक्ष्य रखा है.
ये भी पढ़ेंः मास्क पर ज्ञान दे रहे थे सुशील मोदी, खुद उड़ा रहे कोरोना प्रोटोकॉल की धज्जियां
नगर निगम अंतर्गत सभी 9 बड़े नालों सर्पेंटाइन नाला, योगीपुर नाला, मंदीरी नाला, बाकरगंज नाला, आनंदपुरी नाला, कुर्जी नाला, बाईपास नाला (कंकड़बाग क्षेत्र), बाईपास नाला (नूतन राजधानी क्षेत्र) एवं सैदपुर नाले की उड़ाही का कार्य एजेंसी के माध्यम से कराने का फैसला लिया गया है. हालांकि अभी एजेंसी का चयन नहीं हो पाने की वजह से इस बार इन सभी नालों की सफाई भी निगम प्रशासन अपने कर्मियों द्वारा सुपर सकर, पोकलेन मशीनों से करवा रहा है.