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पटना: स्मार्ट सिटी का सपना 'पानी-पानी'! 5 दिनों की बारिश ने खोली नगर निगम की पोल

पटना को स्मार्ट बनाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कई योजना के साथ डीपीआर बनाया और करोड़ों रुपए भी खर्च किए लेकिन लगातार 5 दिनों से हो रही बारिश में स्मार्ट सिटी का सपना पानी-पानी हो गया.

5 दिनों की बारिश ने खोली नगर निगम की पोल
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Published : Oct 1, 2019, 11:40 PM IST

पटना: शहर में हो रही मूसलाधार बारिश ने सरकार के विकास के दावे की पोल खोलकर रख दी है. शहर को स्मार्ट बनाने के लिए सरकार करोड़ों रुपए खर्च करती है फिर भी बारिश के समय विभिन्न इलाकों में जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो जा रही है.

Patna smart city news
जलजमाव

वीआईपी इलाकों में लगा 3 से 4 फीट पानी
पटना को स्मार्ट बनाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कई योजना के साथ डीपीआर बनाया और करोड़ों रुपए भी खर्च किए लेकिन लगातार 5 दिनों से हो रही बारिश में स्मार्ट सिटी का सपना पानी-पानी हो गया. पाटलिपुत्र और बोरिंग रोड यहां के वीआईपी इलाके माने जाते हैं. यहां भी लगभग 3 से 4 फीट पानी लग जाता है.

स्मार्ट सिटी का सपना पानी-पानी

ड्रेनेज सिस्टम और संप हाउस की स्थिति खराब
यहां की सड़क कॉलोनी और घरों में 3 से 4 फीट पानी अभी भी जमा है. पटना को स्मार्ट बनाने के लिए मुख्यमंत्री लगातार अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे. इसके लिए सरकार ने नगर निगम के साथ स्मार्ट सिटी बोर्ड का भी गठन किया था, फिर भी यहां नाले की सफाई, ड्रेनेज सिस्टम और संप हाउस की यह स्थिति है. सरकार लगातार जल निकासी के लिए काम कर रही है.

पटना: शहर में हो रही मूसलाधार बारिश ने सरकार के विकास के दावे की पोल खोलकर रख दी है. शहर को स्मार्ट बनाने के लिए सरकार करोड़ों रुपए खर्च करती है फिर भी बारिश के समय विभिन्न इलाकों में जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो जा रही है.

Patna smart city news
जलजमाव

वीआईपी इलाकों में लगा 3 से 4 फीट पानी
पटना को स्मार्ट बनाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कई योजना के साथ डीपीआर बनाया और करोड़ों रुपए भी खर्च किए लेकिन लगातार 5 दिनों से हो रही बारिश में स्मार्ट सिटी का सपना पानी-पानी हो गया. पाटलिपुत्र और बोरिंग रोड यहां के वीआईपी इलाके माने जाते हैं. यहां भी लगभग 3 से 4 फीट पानी लग जाता है.

स्मार्ट सिटी का सपना पानी-पानी

ड्रेनेज सिस्टम और संप हाउस की स्थिति खराब
यहां की सड़क कॉलोनी और घरों में 3 से 4 फीट पानी अभी भी जमा है. पटना को स्मार्ट बनाने के लिए मुख्यमंत्री लगातार अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे. इसके लिए सरकार ने नगर निगम के साथ स्मार्ट सिटी बोर्ड का भी गठन किया था, फिर भी यहां नाले की सफाई, ड्रेनेज सिस्टम और संप हाउस की यह स्थिति है. सरकार लगातार जल निकासी के लिए काम कर रही है.

Intro: स्मार्ट सिटी के नाम पर सरकार ने पटना के विभिन्न इलाकों में हजारों करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद भी स्मार्ट सिटी का सपना हुआ पानी पानी---


Body:पटना-- सरकार विकास का लाख दवा कर ले की शहर और गांव विकास कर रहा है लेकिन सरकार का विकास की कलई बरसात के समय ही खुल जाती है सरकार शहर को स्मार्ट बनाने के लिए लाखों करोड़ों रुपए खर्च करती है फिर भी बरसात के समय में शहर के विभिन्न इलाकों में जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो जा रही है
पटना को स्मार्ट बनाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कई योजना के साथ डीपीआर भी बनाया और करोड़ों रुपए खर्च भी किए लेकिन यह नजारा स्मार्ट सिटी के सपने पर भगवान में पानी फेर दी लगातार 5 दिनों से हो रही बारिश में स्मार्ट सिटी का सपना हो गया पानी पानी सरकार सिर्फ आपदा के नाम लेकर ही अपने पर प्रश्नचिन्ह खड़ा नहीं करना चाह रही है लेकिन जो हम तस्वीर आपको दिखा रहे हैं यह पटना के सबसे वीआईपी इलाका पाटलिपुत्र और बोरिंग रोड का है इस जगह पर केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान बीजेपी के राज सभा सांसद गोपाल नारायण सिंह जदयू नेता अजय आलोक के साथ कई विधायक और बड़े अधिकारियों का आवास है लेकिन बरसात के समय में इस रास्ते में लगभग 3 से 4 फीट पानी लग जाता है।
वही हाल पाटलिपुत्र तेरी ए का भी है जहां पर अभी भी जलजमाव की स्थिति बनी हुई है सड़क हो या कॉलोनी या किसी का घर हर जगह 3 से 4 फीट पानी अभी भी जमा हुआ है सवाल है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना को स्मार्ट बनाने के लिए लगातार अधिकारी मंत्री के साथ बैठक भी करते आ रहे थे लेकिन नतीजा क्या निकला इस तस्वीर के माध्यम से आप समझ सकते हैं हम आपको बता दें कि स्मार्ट बनाने के लिए सरकार ने नगर निगम के साथ स्मार्ट सिटी बोर्ड का भी गठन क्या है शहर केकई एरिया में अतिक्रमणकारियों पर तो सरकार ने डंडा चला दिया अतिक्रमण मुक्त कराया है लेकिन सवाल है कि सरकार जिस तरह से अतिक्रमण मुक्त अभियान चला रही थी तो उससे पहले बरसात के समय में ही यदि सरकार अवेयरनेस होकर नाले की सफाई ड्रेनेज सिस्टम संप हाउस को यदि सुदृढ़ कर लेती तो शायद ही इस तरह के हालात शहर में बनता।


Conclusion: बहरहाल राजधानी पटना में जलजमाव की स्थिति अभी भी यथावत बनी हुई है सरकार लगातार जल निकासी के लिए काम कर रही है यहां तक एयर फोर्स के चॉपर भी मंगाया गया है ताकि लोगों को मदद पहुंचाया जा सके लेकिन इस जलजमाव का जिम्मेवार कौन है इसका जवाब ना तो सरकार के कौन है इसका जवाब सरकार के पास कोई जवाब नहीं है सरकार सिर्फ आपदा का नाम लेकर लोगों की मदद करने का आश्वासन दे रही है।

ईटीवी भारत की रिपोर्ट
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