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मुखिया पद पर सास और बहू के बीच जंग, अभी सास की सास हैं मुखिया - पंचायत चुनाव लेटेस्ट न्यूज

बिहार पंचायत चुनाव में मुखिया पद के लिए एक ही सीट से सास और बहू ने नामांकन पर्चा भरा है. दोनों का कहना है कि वो मुखिया बनकर गांव का विकास करेंगी. पढ़ें पूरी खबर...

पंचायत चुनाव में सास-बहू आमने सामने
पंचायत चुनाव में सास-बहू आमने सामने
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Published : Oct 12, 2021, 10:52 AM IST

पटनाः बिहार में इन दिनों पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election) की सरगर्मी तेज है. तीन चरणों के मतदान संपन्न हो चुके हैं. प्रत्याशियों के बीच काफी रोचक मुकाबला देखने को मिल रहा है. एक पद के लिए कई उम्मीदवारों की लड़ाई तो लगभग हर सीट पर होती है लेकिन पटना के मसौढ़ी के बेर्रा पंचायत (Berra Panchayat of Masaudhi) के मुखिया पद के लिए सास और बहू चुनावी मैदान में ताल ठोक रही हैं.

इसे भी पढ़ें- पंचायत चुनाव के रंग: 'दंगल' में आमने-सामने सास और बहू, दोनों के अपने-अपने दावे

दरअसल, छठे चरण के चुनाव को लेकर मसौढ़ी में नामांकन संपन्न हो चुका है. इस चरण के लिए 3 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. वहीं, एक सीट पर मसौढ़ी की सास और बहू के नामांकन की चर्चा पूरे इलाके में है. दोनों ने एक ही पंचायत के मुखिया पद के लिए अपना नामांकन पर्चा भरा है.

देखें वीडियो

ईटीवी भारत संवाददाता ने सास और बहू दोनों प्रत्याशियों से पूछा कि आप दोनों एक ही सीट से चुनाव क्यों लड़ रही हैं, तो इसके जवाब में वे कुछ ज्यादा नहीं बोल पाईं. दोनों ने बस इतना ही कहा कि वो पंचायत और गांव का विकास करेंगी इसलिए चुनाव लड़ रही हैं.

इसे भी पढ़ें-'गांव की सरकार' बनाने के लिए बढ़-चढ़कर भाग ले रही महिलाएं, नामांकन केंद्र पर उमड़ी भीड़

बेर्रा पंचायत के मुखिया पद के लिए सास विमला देवी ने जहां अपना नामांकन कराया है, वहीं उनकी बहू गुड़िया देवी ने भी अपने सास के खिलाफ पर्चा भरा है. गुड़िया देवी के प्रतिनिधि गौतम कुमार ने ईटीवी भारत को बताया कि इस सीट पर उनकी दादी कुलबदन देवी मुखिया हैं लेकिन अब वह बुजुर्ग हो चुकी हैं.

यानी कि मुखिया कुलबदन देवी की विरासत संभालने के लिए उनकी बहू विमला देवी और विमला देवी की बहू गुड़िया कुमारी के बीच दावेदारी की लड़ाई है. अब देखना यह बेहद दिलचस्प होगा कि कुलबदन देवी की उत्तराधिकारी इन दोनों सास-बहू में से कौन बन पाती हैं. या कोई ही इस चुनाव में बाजी मार जाता है.

इसे भी पढ़ें- टूटी-फूटी ब्लैक बोर्ड...खुले में शौच...बैग में किताब नहीं बोरा रखकर स्कूल पहुंचते हैं यहां के बच्चे

हालांकि, कुछ गांववालों का मानना है कि सास और बहू के बीच नामांकन सिर्फ नौटंकी है. नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि तक दोनों में से कोई एक प्रत्याशी अपना नाम वापस भी ले सकती हैं. बहरहाल, अगर ये चुनावी लड़ाई होती है तो जनता का फैसला भी काफी दिलचस्प होगा. आपको बता दें कि मसौढ़ी में कुल 1990 और पुनपुन प्रखंड में कुल 1339 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं.

पटनाः बिहार में इन दिनों पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election) की सरगर्मी तेज है. तीन चरणों के मतदान संपन्न हो चुके हैं. प्रत्याशियों के बीच काफी रोचक मुकाबला देखने को मिल रहा है. एक पद के लिए कई उम्मीदवारों की लड़ाई तो लगभग हर सीट पर होती है लेकिन पटना के मसौढ़ी के बेर्रा पंचायत (Berra Panchayat of Masaudhi) के मुखिया पद के लिए सास और बहू चुनावी मैदान में ताल ठोक रही हैं.

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दरअसल, छठे चरण के चुनाव को लेकर मसौढ़ी में नामांकन संपन्न हो चुका है. इस चरण के लिए 3 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. वहीं, एक सीट पर मसौढ़ी की सास और बहू के नामांकन की चर्चा पूरे इलाके में है. दोनों ने एक ही पंचायत के मुखिया पद के लिए अपना नामांकन पर्चा भरा है.

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ईटीवी भारत संवाददाता ने सास और बहू दोनों प्रत्याशियों से पूछा कि आप दोनों एक ही सीट से चुनाव क्यों लड़ रही हैं, तो इसके जवाब में वे कुछ ज्यादा नहीं बोल पाईं. दोनों ने बस इतना ही कहा कि वो पंचायत और गांव का विकास करेंगी इसलिए चुनाव लड़ रही हैं.

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बेर्रा पंचायत के मुखिया पद के लिए सास विमला देवी ने जहां अपना नामांकन कराया है, वहीं उनकी बहू गुड़िया देवी ने भी अपने सास के खिलाफ पर्चा भरा है. गुड़िया देवी के प्रतिनिधि गौतम कुमार ने ईटीवी भारत को बताया कि इस सीट पर उनकी दादी कुलबदन देवी मुखिया हैं लेकिन अब वह बुजुर्ग हो चुकी हैं.

यानी कि मुखिया कुलबदन देवी की विरासत संभालने के लिए उनकी बहू विमला देवी और विमला देवी की बहू गुड़िया कुमारी के बीच दावेदारी की लड़ाई है. अब देखना यह बेहद दिलचस्प होगा कि कुलबदन देवी की उत्तराधिकारी इन दोनों सास-बहू में से कौन बन पाती हैं. या कोई ही इस चुनाव में बाजी मार जाता है.

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हालांकि, कुछ गांववालों का मानना है कि सास और बहू के बीच नामांकन सिर्फ नौटंकी है. नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि तक दोनों में से कोई एक प्रत्याशी अपना नाम वापस भी ले सकती हैं. बहरहाल, अगर ये चुनावी लड़ाई होती है तो जनता का फैसला भी काफी दिलचस्प होगा. आपको बता दें कि मसौढ़ी में कुल 1990 और पुनपुन प्रखंड में कुल 1339 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं.

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