पटनाः नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ पूर्वोत्तर भारत के अलावा अन्य राज्यों में इसका विरोध हो रहा है. इस कानून के खिलाफ गुरुवार को वाम दलों ने बिहार बंद का ऐलान किया है, जिसे महागठबंधन के सहयोगी दलों ने समर्थन दिया है. वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी बंद के समर्थन में राजेंद्र नगर टर्मिनल पहुंचे, जहां ट्रेन रोक कर प्रदर्शन किया.
वीआईपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी के साथ कार्यकर्ताओं ने ट्रेन को रोकते हुए कानून के विरोध में जमकर नारेबाजी की. वहीं, वीआईपी कार्यकर्ताओं ने ट्रैक पर अर्धनगन होकर विरोध-प्रदर्शन किया. पार्टी कार्यकर्ताओं ने सीएम नीतीश कुमार और पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस दौरान सहनी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह काला कानून देश के लिए खतरनाक है और संविधान के खिलाफ है.
नीतीश के राज में महिलाएं असुरक्षित
मुकेश सहनी ने बताया कि नागरिकता संशोधन कानून लागू कर देशवासियों को परेशान किया जा रहा है. वीआईपी प्रमुख ने इसे काला कानून करार देते हुए वापस लेने की मांग की. वहीं, युवा प्रदेश अध्यक्ष विकास कुमार ने कहा कि नीतीश राज में यहां महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं.
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युवा वीआईपी नेता ने कहा कि बेरोजगारी चरम सीमा पर है जिस पर विपक्ष सरकार को घेर रहा है. लेकिन महिला सुरक्षा, बेरोजगारी और महंगाई को मुद्दा बनाने से रोकने के लिए केंद्र सरकार कानून लेकर आयी है. वीआईपी नेता ने कहा कि जब तक केंद्र सरकार इस कानून को वापस नहीं लेगी, तब तक विरोध जारी रहेगा. बता दें कि सुबह 7 बजे से ही महागठबंधन नेता बंद के समर्थन में सड़कों पर उतर गए.