पटना: बिहार विधानसभा में बुधवार को प्रश्नकाल के दौरान पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने अध्यक्ष विजय सिन्हा को ही सलाह देने लगे और कह दिया कि व्याकुल मत होइये. इस बिहार सरकार के पशुपालन मंत्री और वीआईपी पार्टी के नेता मुकेश सहनी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि सदन में इस तरह का व्यवहार नहीं होना चाहिए.
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बता दें कि बिहार विधानसभा के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि सत्ता पक्ष के मंत्री ने विधानसभा अध्यक्ष को ही खुली चुनौती दे दी, बुधवार को प्रश्नकाल के दौरान पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने अध्यक्ष विजय सिन्हा को ही सलाह देने लगे और कह दिया कि व्याकुल मत होइये. इसके बाद अध्यक्ष विजय सिन्हा ने मंत्री को कहा कि यह शब्द वापस लीजिए, लेकिन मंत्री ने शब्द वापस नहीं लिया. इसपर बिधानसभा की कार्रवाई पहले 12 बजे तक स्थगित की गई.
वहीं, फिर जब सदन की कार्रवाई शुरू हुई तो जदयू के विधायक नरेंद्र नारायण यादव ने विधानसभा अध्यक्ष का कुर्सी संभाला और फिर से सदन की कार्रवाई 2 बजे तक स्थगित कर दिया गया. मंत्री ने अपने इस बयान को लेकर विधानसभा अध्यक्ष से माफी नहीं मांगी, मामला बीजेपी पार्टी से ही जुड़ा है.
'सदन में जो हुआ वो ठीक नहीं'
विधानसभा अध्यक्ष भी बीजेपी से है और मंत्री सम्राट चौधरी भी बीजेपी से है. पशुपालन एवं मत्स्य विभाग के मंत्री मुकेश शाहनी को जब पूछा गया कि आज जो सदन में घटना हुआ है क्या ठीक है? उन्होंने कहा कि सदन में इस तरह का व्यवहार नहीं होना चाहिए. उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधा और कहा कि सदन के अंदर विपक्षी सदस्यों का आचरण अच्छा नहीं है.
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'हम जब कोई सवाल का जवाब देने सदन में खड़ा होते है. पता नहीं क्यों विपक्ष भड़क जाता है. विपक्ष सरकार के जवाब को भी नहीं सुनना चाहता है. जनता देख रही है कि विपक्ष सदन में क्या कर रहा है. जनता विपक्ष के इस आचरण का जबाब फिर से देगी.- मुकेश सहनी, कैबिनेट मंत्री बिहार