पटना: वीआईपी पार्टी को बिहार के अंदर किसी भी गठबंधन में जगह नहीं मिली है. मुकेश सहनी का नाव मझधार में है. मुकेश सहनी के निशाने पर एनडीए और महागठबंधन दोनों है. भविष्य में मुकेश सहनी चौंका देने वाले फैसले ले सकते हैं. फिलहाल वो अलग राह अख्तियार करने की कोशिश में हैं.
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मुकेश सहनी को नहीं मिली गठबंधन में जगह: मुकेश सहनी को किसी भी गठबंधन ने तवज्जो नहीं दिया गया है. बदली परिस्थितियों में मुकेश सहनी ने तीन राज्यों में पांव पसारने का फैसला लिया है. मुकेश सहनी महागठबंधन और एनडीए दोनों से दो-दो हाथ के लिए तैयार हैं. मुकेश सहनी ने किसी भी गठबंधन में जाने का फैसला नहीं लिया है.
"मेरे बदौलत ही बिहार में एनडीए की सरकार बनी थी. लेकिन गरीब के बेटे को लोगों ने बर्दाश्त नहीं किया और मेरी पार्टी को तोड़ दिया गया. फिर मुझे भी सरकार से बाहर कर दिया गया."- मुकेश सहनी, वीआईपी सुप्रीमो
निषाद आरक्षण देने वाले के साथ रहुंगा: मुकेश साहनी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि जिन्होंने मुझे बैठक में आने का न्योता नहीं भेजा, उनसे बात करिए. मैं फिलहाल किसी भी गठबंधन में नहीं हूं. जो कोई निषाद आरक्षण देगा. मैं उसके साथ रहूंगा. अगर निषाद आरक्षण दे दिया तो मैं कोई भी समझौता करने के लिए तैयार रहूंगा. दिल्ली और पश्चिम बंगाल में निषाद को आरक्षण है. जबकि बिहार और उत्तर प्रदेश में नहीं है.
"मैं भविष्य में कोई भी फैसला ले सकता हूं. जरूरत पड़ी तो अकेले भी चुनाव में जाने के लिए तैयार हूं. निषाद समुदाय के हक के लिए मैं कोई भी कुर्बानी देने को तैयार हूं."- मुकेश सहनी, वीआईपी सुप्रीमो