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आखिरकार बच गई मसौढ़ी नगर परिषद अध्यक्ष की कुर्सी, कांटे के मुकाबले में विपक्ष को दी मात

मसौढ़ी नगर परिषद में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग में मुख्य पार्षद सुनीता सिन्हा ने जीत हासिल की. प्रस्ताव के पक्ष में 4 वोट पड़े जबकि इसके विरोध में 5 पार्षदों ने वोटिंग की. हालांकि चर्चा में भाग लेने आए 3 पार्षदों ने वोटिंग प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लिया.

मसौढ़ी नगर परिषद अध्यक्ष
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Published : Jul 6, 2019, 4:27 AM IST

पटना: मसौढ़ी नगर परिषद अध्यक्ष सुनीता सिन्हा को अविश्वास प्रस्ताव से गुजरना पड़ा है. जिसमें उनकी कुर्सी सही सलामत रह गई है. उनके खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव खारिज हो गया. सुनीता सिन्हा पुनः अपनी कुर्सी बचाने में कामयाब हो गई.

अविश्वाश प्रस्ताव में विजय होने के बाद खुशी मनाती नगर परिषद अध्यक्ष

नगर परिषद् अध्यक्ष पर लगा था अनियमितता का आरोप
बिहार में इन दिनों नगर निगम और नगर परिषद् के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष की कुर्सी खतरे में आ रही है. पटना नगर निगम और बिहारशरीफ नगर निगम के डिप्टी मेयर ने कुर्सी गंवाई तो पटना मेयर की कुर्सी बचाने में सफल रही. वही मसौढ़ी नगर परिषद अध्यक्ष सुनीता सिन्हा के खिलाफ 25 जून को कुछ पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव लाया था. अध्यक्ष पर नगर परिषद के योजना में अनियमितता का आरोप लगाया था.

patna
कार्यपालक पदाधिकारी कुणाल किशोर

एक वोट से बच गई कुर्सी
नगर परिषद कार्यालय में इस पर वोटिंग की गई. कार्यपालक पदाधिकारी कुणाल किशोर ने बताया कि चर्चा में 26 में से कुल 12 पार्षदों ने वोटिंग प्रक्रिया में हिस्सा लिया. प्रस्ताव के पक्ष में 4 पार्षदों ने जबकि 5 पार्षदों ने विपक्ष में वोट डाले. वोटिंग के बाद एक बार फिर से सुनीता सिन्हा नगर अध्यक्ष की कुर्सी हासिल करने में सफलता हासिल की. सिन्हा के जीत हासिल करते ही उनके समर्थकों का जमावड़ा लग गया. लोगों ने उन्हें फूल-मालाओं पहना कर स्वागत किया. जीत के साथ ही समर्थकों के बीच खुशी की लहर दौड़ पड़ी.

पटना: मसौढ़ी नगर परिषद अध्यक्ष सुनीता सिन्हा को अविश्वास प्रस्ताव से गुजरना पड़ा है. जिसमें उनकी कुर्सी सही सलामत रह गई है. उनके खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव खारिज हो गया. सुनीता सिन्हा पुनः अपनी कुर्सी बचाने में कामयाब हो गई.

अविश्वाश प्रस्ताव में विजय होने के बाद खुशी मनाती नगर परिषद अध्यक्ष

नगर परिषद् अध्यक्ष पर लगा था अनियमितता का आरोप
बिहार में इन दिनों नगर निगम और नगर परिषद् के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष की कुर्सी खतरे में आ रही है. पटना नगर निगम और बिहारशरीफ नगर निगम के डिप्टी मेयर ने कुर्सी गंवाई तो पटना मेयर की कुर्सी बचाने में सफल रही. वही मसौढ़ी नगर परिषद अध्यक्ष सुनीता सिन्हा के खिलाफ 25 जून को कुछ पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव लाया था. अध्यक्ष पर नगर परिषद के योजना में अनियमितता का आरोप लगाया था.

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कार्यपालक पदाधिकारी कुणाल किशोर

एक वोट से बच गई कुर्सी
नगर परिषद कार्यालय में इस पर वोटिंग की गई. कार्यपालक पदाधिकारी कुणाल किशोर ने बताया कि चर्चा में 26 में से कुल 12 पार्षदों ने वोटिंग प्रक्रिया में हिस्सा लिया. प्रस्ताव के पक्ष में 4 पार्षदों ने जबकि 5 पार्षदों ने विपक्ष में वोट डाले. वोटिंग के बाद एक बार फिर से सुनीता सिन्हा नगर अध्यक्ष की कुर्सी हासिल करने में सफलता हासिल की. सिन्हा के जीत हासिल करते ही उनके समर्थकों का जमावड़ा लग गया. लोगों ने उन्हें फूल-मालाओं पहना कर स्वागत किया. जीत के साथ ही समर्थकों के बीच खुशी की लहर दौड़ पड़ी.

Intro:मसौढ़ी नगर परिषद में अविश्वाश प्रस्ताव पर बहस,
हुई वोटिंग,
वोटिंग के बाद बची मुख्य पार्षद सुनीता सिन्हा की कुर्शी,
दोबारा कुर्सी मिलने से समर्थकों में खुसी का माहौल।


Body:मसौढ़ी नगर परिषद अद्यक्ष सुनीता सिन्हा के खिलाफ लाया गया अविश्वाश प्रस्ताव खारिज हो गया और सुनीता सिन्हा पुनः अपनी कुर्शी बचाने में कामयाब हो गईं।आपको बताते चलें कि बीते 25 जून को कुछ पार्षदों द्वारा नगर परिषद के योजना में अनियमितता की शिकायत पर अविश्वाश प्रस्ताव लाया गया था,इसको लेकर नगर परिषद कार्यालय में आज वोटिंग की गई।चर्चा में 26 में से कुल 12 पार्षदों ने ही इस वोटिंग प्रक्रिया में हिस्सा लिया।जिनमे से 4 पार्षदों ने पक्ष और 5 पार्षदों ने विपक्ष में वोट डाले।जिससे सुनीता सिन्हा एक बार फिर से नगर अद्यक्ष बन गई।और उनकी कुर्शी बच गई।


Conclusion:बाइट:-कुणाल किशोर(कार्यपालक पदाधिकारी मसौढ़ी)
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