पटना: बिहार (Bihar) में सियासी घमासान जारी है. लोजपा (LJP) में फूट के बाद राजद (RJD) चिराग पासवान (Chirag Paswan) को अपने तरफ करने में जुट गयी है. लोजपा में मचे घमासान को लेकर राजद नेता मृत्युंजय तिवारी (RJD Leader Mrityunjay Tiwari) ने कहा कि यह लोजपा का अंदरूनी मामला है. लेकिन बीजेपी (BJP) और जदयू (JDU) के खेल को जनता समझ चुकी है. दलित वोटर (Dalit Voters) चिराग पासवान के साथ हैं.
'जदयू को कोई फायदा नहीं होने वाला है. उल्टे दलित वोटर भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की राजनीति को समझने लगे हैं. रामविलास पासवान जैसे लोग के सिद्धांतों से भी छलावा किया जा रहा है'.- मृत्युंजय तिवारी, राजद प्रवक्ता
जनता सब कुछ देख रही है
उन्होंने कहा कि चिराग पासवान को बीजेपी और जदयू अलग-थलग करने की कोशिश कर रही है. जनता सब कुछ देख रही है और समझ भी रही है. बिहार के दलित वोटर सच्चाई जान चुके हैं. वे इन सब बातों में अब फंसने वाले नहीं हैं.
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लालू और तेजस्वी हैं चुप
हालांकि, इस प्रकरण पर राजद प्रमुख लालू यादव (RJD Supremo Lalu Yadav) और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) चुप हैं. इस बारे में राजद नेता और पूर्व मंत्री आलोक कुमार मेहता (Alok Kumar Mehta) कहते हैं कि राजद ने कभी भी दूसरे दल के अंदरूनी मामले में दखलअंदाजी नहीं की है.
बता दें कि बिहार में पिछले लोकसभा चुनाव और उसके बाद हुए विधानसभा चुनाव के दौरान भी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने अगर किसी एक नेता को प्रमोट किया तो वे थे तेजस्वी यादव.
तेजस्वी को राजद भावी मुख्यमंत्री के तौर पर देखता है. पिछले दो साल में चाहे सीपीआई नेता कन्हैया कुमार हों या जाप नेता पप्पू यादव या लोजपा नेता चिराग पासवान. इन तीनों के मामले में लालू और तेजस्वी बेहद सावधानी बरतते हैं.
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