पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने सरदार पटेल की जयंती (Sardar Patel Birth Anniversary) पर उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी और कहा कि जो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्वयं को पटेल का वंशज मानते हैं, वे लौहपुरुष को भुलाने पर तुली कांग्रेस के साथ चले गए. सुशील मोदी ने कहा कि पटेल जयंती को देश एकता दिवस के रूप में मना रहा है, लेकिन कांग्रेस की संगत का असर है कि नीतीश कुमार ने इससे भी किनारा कर लिया. उन्होंने कहा कि सरदार पटेल न होते तो हैदराबाद आज पाकिस्तान का हिस्सा होता और हमें वहां पासपोर्ट लेकर जाना पड़ता.
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सुशील मोदी ने कहा कि आजादी के बाद 565 रियासतों का भारतीय संघ में विलय करा कर तत्कालीन गृह मंत्री बल्लभ भाई पटेल ने एकीकरण में अमूल्य योगदान किया, लेकिन उनकी पार्टी कांग्रेस ही उन्हें भुला कर केवल नेहरू-गांधी परिवार का महिमा मंडन करती रही है. उन्होंने कहा कि जब प्रथम परिवार के लिए 'बाहरी' पीवी नरसिंह राव प्रधानमंत्री बने, तभी सरदार पटेल को 41 साल बाद मरणोपरांत भारत रत्न प्रदान किया जा सका.
सुशील मोदी ने कहा कि जहां कांग्रेस और उसके साथी दल सरदार पटेल को भुलाने में लगे रहे, वहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात में उनकी सबसे ऊंची ( 182 मीटर ) प्रतिमा स्थापित कर एक महान राष्ट्र नायक का उनके कद के अनुरूप सम्मान किया. उन्होंने कहा कि सरदार पटेल ने नेहरू की इच्छा के विरुद्ध जाकर हैदराबाद में सैन्य कार्रवाई की, जिससे यह भूभाग आज देश में है और साइबर सिटी बन कर लाखों लोगों को रोजगार दे रहा है.
मोदी ने कहा कि केवल एक रियासत कश्मीर का विलय नेहरू के हाथ में था और वह भी शांतिपूर्ण ढंग से वे नहीं करा पाये. उन्होंने कहा कि कश्मीर पर पाकिस्तान समर्थक कबाइली हमले के समय सेना भेजने में देर करने से लेकर मामले को संयुक्त राष्ट्र में ले जाने तक तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू ने जितनी गलतियां कीं, उसका खामियाजा देश 70 साल तक भुगतता रहा.