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अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर हो कोसी महासेतु का नामकरण : गोपालजी ठाकुर - कोसी महासेतु का नामकरण

सांसद गोपालजी ठाकुर ने कोसी रेल महासेतु का नाम अटल महासेतु रखने की मांग की है. उन्होंने कहा कि महासेतु का नाम अटल जी के नाम पर होने से उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी जाएगी.

सांसद गोपालजी ठाकुर
सांसद गोपालजी ठाकुर
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Published : Mar 17, 2021, 8:55 AM IST

दरभंगा: सांसद गोपालजी ठाकुर ने लोकसभा में रेल मंत्रालय के नियंत्राधीन मांगों के अनुदान पर चर्चा की है. इस दौरान उन्होंने मांग करते हुए कहा कि कोसी रेल महासेतु का नाम अटल महासेतु किया जाए. साथ ही दरभंगा में बनने वाले सभी 10 आरओबी का निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाए.

इसे भी पढ़ें: बस-टेंपो में अश्लील गाना बजाया तो परमिट होगा रद्द, परिवहन विभाग का फैसला

'दो भागों में विभक्त मिथिला को एक करने की नींव अटल जी ने रखी'
सांसद गोपालजी ठाकुर ने कहा कि 1934 के विनाशकारी भूकंप में दो भाग में विभक्त मिथिला को रेल मार्ग से एक करने की नींव पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी ने जून 2003 में रखी थी. जिसे वर्षों तक कांग्रेसी सरकार ने ठंडे बस्ते में रखने का कार्य किया है.

देखें रिपोर्ट.

जून 2003 में रखी गई थी महासेतु की आधारशिला
सांसद ने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद रेलमंत्री पीयूष गोयल के कार्य कुशलता में रेलवे ने युद्ध स्तर पर कार्य किया. साथ ही 2020 में रेल महासेतु का निर्माण कार्य पूर्ण किया गया. उन्होंने कहा कि मिथिला को एक करने के लिए स्वर्गीय अटल जी ने जिस रेल महासेतु की नींव रखी थी, उस महासेतु का नाम अटल जी के नाम पर होने से उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी जाएगी. उन्होंने कहा कि बीते दिनों पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक ने स्पेशल ट्रेन से सहरसा, दरभंगा होते हुए समस्तीपुर तक यात्रा की थी. जिससे इस रेलखंड और महासेतु पर सामान्य रेल परिचालन शुरू होने का मिथिलावासियों को शुभ संकेत मिला है.

ये भी पढ़ें: राबड़ी की गैर मौजूदगी का दिख रहा असर, विधान परिषद में कुंद पड़ी विपक्ष की धार

मिथिला क्षेत्र के रेलवे का हुआ ऐतिहासिक विकास
सांसद ने कहा कि दरभंगा जिले के सभी 10 और संसदीय क्षेत्र के 9 रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण कार्य शीघ्र शुरू किया जाए. उन्होंने कहा कि दोनार और कमतौल गुमती का निर्माण बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड के माध्यम से होना है. वहीं बाकी बचे सभी 8 आरओबी का निर्माण बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड के माध्यम से किया जाना है. उन्होंने कहा कि रेलवे के माध्यम से सभी आरओबी का जीएडी अनुमोदित किया जा चुका है. अब राज्य सरकार के माध्यम से कैबिनेट कर टेंडर किया जाना है, जिससे निर्माण कार्य शुरू हो सके.

दरभंगा: सांसद गोपालजी ठाकुर ने लोकसभा में रेल मंत्रालय के नियंत्राधीन मांगों के अनुदान पर चर्चा की है. इस दौरान उन्होंने मांग करते हुए कहा कि कोसी रेल महासेतु का नाम अटल महासेतु किया जाए. साथ ही दरभंगा में बनने वाले सभी 10 आरओबी का निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाए.

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'दो भागों में विभक्त मिथिला को एक करने की नींव अटल जी ने रखी'
सांसद गोपालजी ठाकुर ने कहा कि 1934 के विनाशकारी भूकंप में दो भाग में विभक्त मिथिला को रेल मार्ग से एक करने की नींव पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी ने जून 2003 में रखी थी. जिसे वर्षों तक कांग्रेसी सरकार ने ठंडे बस्ते में रखने का कार्य किया है.

देखें रिपोर्ट.

जून 2003 में रखी गई थी महासेतु की आधारशिला
सांसद ने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद रेलमंत्री पीयूष गोयल के कार्य कुशलता में रेलवे ने युद्ध स्तर पर कार्य किया. साथ ही 2020 में रेल महासेतु का निर्माण कार्य पूर्ण किया गया. उन्होंने कहा कि मिथिला को एक करने के लिए स्वर्गीय अटल जी ने जिस रेल महासेतु की नींव रखी थी, उस महासेतु का नाम अटल जी के नाम पर होने से उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी जाएगी. उन्होंने कहा कि बीते दिनों पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक ने स्पेशल ट्रेन से सहरसा, दरभंगा होते हुए समस्तीपुर तक यात्रा की थी. जिससे इस रेलखंड और महासेतु पर सामान्य रेल परिचालन शुरू होने का मिथिलावासियों को शुभ संकेत मिला है.

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मिथिला क्षेत्र के रेलवे का हुआ ऐतिहासिक विकास
सांसद ने कहा कि दरभंगा जिले के सभी 10 और संसदीय क्षेत्र के 9 रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण कार्य शीघ्र शुरू किया जाए. उन्होंने कहा कि दोनार और कमतौल गुमती का निर्माण बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड के माध्यम से होना है. वहीं बाकी बचे सभी 8 आरओबी का निर्माण बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड के माध्यम से किया जाना है. उन्होंने कहा कि रेलवे के माध्यम से सभी आरओबी का जीएडी अनुमोदित किया जा चुका है. अब राज्य सरकार के माध्यम से कैबिनेट कर टेंडर किया जाना है, जिससे निर्माण कार्य शुरू हो सके.

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