पटनाः बिहार सरकार के श्रम संसाधन विभाग और टाटा टेक्नोलॉजी के बीच एक समझौता ज्ञापन पर सोमवार को हस्ताक्षर किया (MoU signed between Tata Technology and Bihar Government) हुआ. इस एमओए के तहत बिहार सरकार के 149 सरकारी स्वामित्व वाले औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान यानी कि आईटीआई को उन्नत बनाने के लिए वैश्विक इंजीनियरिंग और उत्पाद विकास डिजिटल सेवा कंपनी टाटा टेक्नोलॉजी दो चरणों में प्रदेश के आईटीआई को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाएगी.
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सोमवार को पटना में श्रम संसाधन मंत्री जीवेश मिश्रा की मौजूदगी में साइन हुए इस एमओयू के बाद इस परियोजना के तहत 4606 करोड़ का प्रदेश में निवेश होगा. जिसमें 88% राशि टाटा टेक्नोलॉजी इनवेस्ट करेगी और 12% राशि बिहार सरकार लगाएगी. टाटा टेक्नोलॉजी इस प्रोजेक्ट के तहत पहले चरण में बिहार के 60 आईटीआई में 23 नई तकनीक के साथ उन्नत व्यापार पाठ्यक्रमों की सुविधा प्रदान करेगी, जिसमें रोबोटिक्स, डिजिटल मैन्युफैक्चरिंग, ऑटोमेशन, आर्टीशनशिप, इलेक्ट्रिक वाहन जैसे कई प्रकार के नई तकनीकों के पाठ्यक्रम होंगे.
एमओयू साइन होने के बाद श्रम संसाधन मंत्री जीवेश मिश्रा ने बताया कि टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में देश की अग्रणी संस्था टाटा टेक्नोलॉजी और बिहार सरकार के बीच एक एमएओ साइन हुआ है. इसके तहत प्रदेश के 149 आईटीआई संस्थानों में 23 नए प्रकार के पाठ्यक्रम की शुरुआत की जाएगी. इन ट्रेड पाठ्यक्रमों को पढ़कर के निकलने के बाद छात्रों के सामने रोजगार प्राप्त करने की संकट नहीं होगी.
मंत्री जीवेश मिश्रा ने कहा कि इंडस्ट्री 4.0 के तहत काम आने वाला मानव बल और एक्सपर्ट्स को तैयार करने का काम बिहार की सभी 149 आईटीआई में किया जाएगा. प्रथम चरण में 60 आईटीआई केंद्रों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में अपग्रेड किया जाएगा. 4 दिसंबर 2022 तक इसे पूरा कर लिया जाएगा.
दूसरे चरण में बाकी बचे 89 केंद्रों को उन्नत बनाने का कार्य जनवरी 2023 में प्रारंभ किया जाएगा, जिसे 31 दिसंबर 2023 से पहले सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में तब्दील कर दिया जाएगा. कंपनी अपने उद्योग भागीदारों के साथ 298 प्रशिक्षण कर्मियों को भी तैनात करेगी और उन्नत उपकरणों की सुविधा प्रदान करेगी.
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प्रथम चरण में 2188 करोड़ रुपए खर्च होंगे और शेष राशि दूसरे चरण में आईटीआई को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में तब्दील करने में खर्च किया जाएगा. पूरा प्रोजेक्ट 4606 करोड़ का है. इस प्रोजेक्ट के तहत रोबोटिक और 3-डी जैसे ट्रेड पढ़ाए जाएंगे और उन्होंने टाटा टेक्नोलॉजी से अनुरोध किया है कि प्रदेश के बच्चों को ड्रोन टेक्नोलॉजी के बारे में भी पढ़ाया जाए और इस तकनीक से भी प्रशिक्षित किया जाए.
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