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Bihar News: आकाशीय बिजली से 2 महीने में अबतक 190 से अधिक लोगों की हुई मौत, धरी रह गयी सरकार की तैयारी - इंद्रब्रज ऐप

बिहार के रोहतास, गया, औरंगाबाद, कैमूर और मधेपुरा में वज्रपात से लोगों की मौत हुई है. ऐसे बिहार का कोई जिला नहीं बचा है जहां इस तरह की घटनाएं नहीं हो रही है. पटना गया और औरंगाबाद में तो सायरन बजाकर भी लोगों को अलर्ट किया जा रहा है, लेकिन उसका भी असर बहुत ज्यादा नहीं है. बिहार सरकार की ओर से वज्रपात से मौत में मृतक के आश्रित को 4 लाख देने की व्यवस्था है और यह गरीबों के आश्रितों के लिए एक बड़ी राहत है लेकिन जितनी मौतें हो रही है सरकार की तैयारियों पर सवाल उठ रहा है.

आकाशीय बिजली
आकाशीय बिजली
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Published : Jul 21, 2023, 9:55 PM IST

आकाशीय बिजली से 2 महीने में 190 से अधिक लोगों की गई जान.

पटना: बिहार में इस बार मानसून कमजोर है लेकिन इसके बावजूद पिछले 2 महीने में आकाशीय बिजली से मरने वालों का आंकड़ा 200 के करीब छूने वाला है. यह स्थिति तब है जब बिहार सरकार की ओर से इस बार आकाशीय बिजली यानी वज्रपात से बचाव के लिए कई स्तर पर तैयारी की गई थी. इंद्रब्रज ऐप के माध्यम से लोगों को वज्रपात की पहले सूचना दिए जाने का दावा किया गया. कई इलाकों में सायरन बजाने की व्यवस्था भी की गई है, लेकिन जो मौत का आंकड़ा पिछले 2 महीने में दिखा है वह सब तैयारियों पर पानी फेर रहा है.

आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी एडवाइजरी.
आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी एडवाइजरी.

इसे भी पढ़ेंः Bagaha News : रसोई में खाना बना रही थी महिला.. तभी आसमान से मौत बनकर गिरी बिजली

ए़डवाइजरी का भी असर नहीं: आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से खराब मौसम को लेकर लगातार एडवाइजरी भी जारी हो रहा है, जिसमें लोगों को सतर्क रहने की बात कही जा रही है. जो जानकारी मिल रही है इस साल मोबाइल नंबरों पर खराब मौसम की लगभग 14 करोड़ एसएमएस भेजे जा चुके हैं. लेकिन उसके बावजूद उसका असर दिख नहीं रहा है. 2023 में अब तक 190 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. वज्रपात से अगस्त और सितंबर तक लोगों की मौत होती है और ऐसे में अभी कम से कम 2 महीने सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है. फिलहाल मानसून कमजोर है और आने वाले दिनों में यदि मानसून की सक्रियता बढ़ेगी तो वज्रपात की घटनाएं भी बढ़ेगी.

सरकार की तैयारी.
सरकार की तैयारी.

"हम लोगों ने कई स्तर पर तैयारी की है कई जगह उसका असर भी हुआ है लेकिन खेतों में काम करने वाले किसान और मजदूर तक हम अपनी बात नहीं पहुंचा पा रहे हैं. अभी बहुत काम करना बाकी है लेकिन हम लोग लगातार प्रयास कर रहे हैं. आधुनिक टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर रहे हैं. पूर्व सूचना मिलने पर उस क्षेत्र के डेढ़ सौ लोगों को फोन भी हम लोग कर रहे हैं."- उदय कांत मिश्र, उपाध्यक्ष, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण

आधुनिक तड़ित चालक लगाने की पहल करे सरकारः मुख्यमंत्री ने पिछले साल सरकारी और निजी आवासों पर तड़ित चालक लगाने का निर्देश दिया था लेकिन इस काम में बहुत तेजी नहीं आई है. ए एन सिन्हा शोध संस्थान के विशेषज्ञ डॉक्टर विद्यार्थी विकास का कहना है आधुनिक तरीके के तड़ित चालक जो बड़े एरिया को कवर कर सकते हैं लगाने से खासकर ग्रामीण इलाकों में मौतें कम होगी क्योंकि किसानों के पास मैसेज पहुंच नहीं पाता है. जब तक मौसम खराब होता है तब तक सुरक्षित स्थान पर पहुंच नहीं पाते हैं और मौत का सबसे बड़ा कारण यही है ऐसे में यदि अधिक से अधिक है और आधुनिक तड़ित चालक लगाने की सरकार पहल करे तो लोगों की जान बचाई जा सकती है.

आकाशीय बिजली से 2 महीने में 190 से अधिक लोगों की गई जान.

पटना: बिहार में इस बार मानसून कमजोर है लेकिन इसके बावजूद पिछले 2 महीने में आकाशीय बिजली से मरने वालों का आंकड़ा 200 के करीब छूने वाला है. यह स्थिति तब है जब बिहार सरकार की ओर से इस बार आकाशीय बिजली यानी वज्रपात से बचाव के लिए कई स्तर पर तैयारी की गई थी. इंद्रब्रज ऐप के माध्यम से लोगों को वज्रपात की पहले सूचना दिए जाने का दावा किया गया. कई इलाकों में सायरन बजाने की व्यवस्था भी की गई है, लेकिन जो मौत का आंकड़ा पिछले 2 महीने में दिखा है वह सब तैयारियों पर पानी फेर रहा है.

आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी एडवाइजरी.
आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा जारी एडवाइजरी.

इसे भी पढ़ेंः Bagaha News : रसोई में खाना बना रही थी महिला.. तभी आसमान से मौत बनकर गिरी बिजली

ए़डवाइजरी का भी असर नहीं: आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से खराब मौसम को लेकर लगातार एडवाइजरी भी जारी हो रहा है, जिसमें लोगों को सतर्क रहने की बात कही जा रही है. जो जानकारी मिल रही है इस साल मोबाइल नंबरों पर खराब मौसम की लगभग 14 करोड़ एसएमएस भेजे जा चुके हैं. लेकिन उसके बावजूद उसका असर दिख नहीं रहा है. 2023 में अब तक 190 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. वज्रपात से अगस्त और सितंबर तक लोगों की मौत होती है और ऐसे में अभी कम से कम 2 महीने सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है. फिलहाल मानसून कमजोर है और आने वाले दिनों में यदि मानसून की सक्रियता बढ़ेगी तो वज्रपात की घटनाएं भी बढ़ेगी.

सरकार की तैयारी.
सरकार की तैयारी.

"हम लोगों ने कई स्तर पर तैयारी की है कई जगह उसका असर भी हुआ है लेकिन खेतों में काम करने वाले किसान और मजदूर तक हम अपनी बात नहीं पहुंचा पा रहे हैं. अभी बहुत काम करना बाकी है लेकिन हम लोग लगातार प्रयास कर रहे हैं. आधुनिक टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर रहे हैं. पूर्व सूचना मिलने पर उस क्षेत्र के डेढ़ सौ लोगों को फोन भी हम लोग कर रहे हैं."- उदय कांत मिश्र, उपाध्यक्ष, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण

आधुनिक तड़ित चालक लगाने की पहल करे सरकारः मुख्यमंत्री ने पिछले साल सरकारी और निजी आवासों पर तड़ित चालक लगाने का निर्देश दिया था लेकिन इस काम में बहुत तेजी नहीं आई है. ए एन सिन्हा शोध संस्थान के विशेषज्ञ डॉक्टर विद्यार्थी विकास का कहना है आधुनिक तरीके के तड़ित चालक जो बड़े एरिया को कवर कर सकते हैं लगाने से खासकर ग्रामीण इलाकों में मौतें कम होगी क्योंकि किसानों के पास मैसेज पहुंच नहीं पाता है. जब तक मौसम खराब होता है तब तक सुरक्षित स्थान पर पहुंच नहीं पाते हैं और मौत का सबसे बड़ा कारण यही है ऐसे में यदि अधिक से अधिक है और आधुनिक तड़ित चालक लगाने की सरकार पहल करे तो लोगों की जान बचाई जा सकती है.

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