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सोमवार से शुरू हो रहे मानसून सत्र में लाए जाएंगे कई महत्वपूर्ण विधेयक, इस प्रारूप में चलेगी कार्यवाही

सोमवार से बिहार विधानसभा (Bihar Assembly) का मानसून सत्र (Monsoon Session) शुरू हो रहा है. सत्र काफी हंगामेदार रहने की संभावना है. 5 दिनों के इस सत्र में कई राजकीय विधेयक (State Bill) पेश होने हैं. पढ़ें रिपोर्ट..

पटना
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Published : Jul 25, 2021, 8:41 PM IST

पटना: बिहार विधानमंडल (Bihar Legislature) का मानसून सत्र (Monsoon Session) 26 जुलाई से शुरू हो रहा है. 5 दिनों के मानसून सत्र में कई राजकीय विधेयक (State Bill) पेश होने हैं. सत्र के दौरान राज्यपाल (Governor) की ओर से प्रख्यापित अध्यादेश की प्रमाणित प्रतियों को सदन के पटल पर भी रखा जाएगा. वित्तीय वर्ष 2021-22 के प्रथम अनुपूरक व्यय विवरणी भी सदन में पेश होगा.

ये भी पढ़ें- मानसून सत्र: गरजने बरसने की तैयारी में विपक्ष, अलर्ट मोड में नीतीश सरकार

छोटे से सत्र में 4 दिन ही प्रश्नों का उत्तर सदन में होगा. ऐसे में विपक्ष ने कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी कर रखी है. सत्ता पक्ष भी विपक्ष को जवाब देने के लिए तैयार है. मानसून सत्र को लेकर सुरक्षा के भी व्यापक इंतजाम किए गए हैं.

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बिहार विधानसभा के 26 जुलाई से 30 जुलाई तक चलने वाले मानसून सत्र में कोरोना को लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है. सभी सदस्यों का टीकाकरण हो इस पर विधानसभा अध्यक्ष का जोर है. साथ ही विधानसभा में प्रवेश करने वाले सभी लोगों के पास टीकाकरण का सर्टिफिकेट हो इसकी भी जांच होगी.

विधानसभा के मानसून सत्र से ठीक 1 दिन पहले तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया. साफ-सफाई से लेकर दीवारों की पुताई और रंगाई को भी पूरा किया गया. सुरक्षा को लेकर भी अधिकारी व्यस्त दिखे. बम निरोधक दस्ते से लेकर सिविल ड्रेस में तैनात होने वाले सुरक्षाकर्मियों ने विधानसभा परिसर में जांच पड़ताल की.

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दोनों सदनों में 27 जुलाई से 30 जुलाई तक 4 दिनों में सदस्यों के प्रश्नों का उत्तर भी होगा. सदन की कार्यवाही की शुरुआत प्रश्नकाल से होगी, फिर शून्य काल होगा और अंत में ध्यान कर्षण होगा. संबंधित विभाग के मंत्री सदस्यों के प्रश्नों का उत्तर देंगे. विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने सदस्यों के प्रश्नों का उत्तर हो इसके लिए इस बार भी विशेष हिदायत सरकार को दी है.

ये भी पढ़ें- मानसून सत्रः सरकार के लिए आसान नहीं होगा विपक्ष के सवालों का सामना करना, कई मंत्रियों की अग्नि परीक्षा

ऐसे विपक्ष बिहार की कई समस्याओं को सदन के अंदर उठाकर सरकार को घेरने की कोशिश करेगा और पिछले बजट सत्र में जो घटना हुई उसके लिए सरकार से माफी मांगने की मांग भी करेगा. सीपीआईएम के विधायक सत्येंद्र यादव का कहना है कि ''विपक्ष की ओर से महंगाई, अफसरशाही, बेरोजगारी और किसान के मुद्दे सदन में उठाएगा. इसके साथ ही कोरोना में निधन हुए लोगों को मुआवजा देने का मुद्दा भी प्रमुखता से उठाया जाएगा.''

सत्ता पक्ष के तरफ से भी विपक्ष के हमले का जवाब देने की तैयारी है. पूर्व मंत्री और विधान पार्षद नीरज कुमार का कहना है कि ''सरकार प्रश्नों का उत्तर देने की पूरी तैयारी की है, लेकिन अभी जरूरी है कि विपक्ष के सदस्य शांति पूर्वक सदन को चलने दें और अपनी बात के साथ सरकार की बात को भी सुने.''

देखें रिपोर्ट

बिहार विधानसभा और विधान परिषद में मानसून सत्र में लाए जाएंगे. इन महत्वपूर्ण विधेयकों में खेल विधेयक, मेडिकल विश्वविद्यालय विधेयक, इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय विधेयक, पंचायत से संबंधित संशोधन विधेयक और विनियोग विधेयक हैं.

बता दें कि विधानसभा में एनडीए के 126 विधायक हैं. जिसमें बीजेपी के 74, जदयू के 43, हम और वीआईपी के 4-4 विधायक हैं. दूसरी तरफ आरजेडी महागठबंधन में 110 विधायक हैं, जिनमें आरजेडी के 75, कांग्रेस के 19 और वामपंथी दलों के 16 विधायक हैं.

ये भी पढ़ें- 25 विधायक हुए शिकार, सिर्फ 2 पुलिसकर्मी जिम्मेदार? जहन में अब भी ताजा हैं वो खौफनाक तस्वीरें

ये भी पढ़ें- जिसके कारण हुआ '23 मार्च', मुद्दे अब भी वही, तो अब इस बार क्या?

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छोटे से सत्र में 4 दिन ही प्रश्नों का उत्तर सदन में होगा. ऐसे में विपक्ष ने कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी कर रखी है. सत्ता पक्ष भी विपक्ष को जवाब देने के लिए तैयार है. मानसून सत्र को लेकर सुरक्षा के भी व्यापक इंतजाम किए गए हैं.

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बिहार विधानसभा के 26 जुलाई से 30 जुलाई तक चलने वाले मानसून सत्र में कोरोना को लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है. सभी सदस्यों का टीकाकरण हो इस पर विधानसभा अध्यक्ष का जोर है. साथ ही विधानसभा में प्रवेश करने वाले सभी लोगों के पास टीकाकरण का सर्टिफिकेट हो इसकी भी जांच होगी.

विधानसभा के मानसून सत्र से ठीक 1 दिन पहले तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया. साफ-सफाई से लेकर दीवारों की पुताई और रंगाई को भी पूरा किया गया. सुरक्षा को लेकर भी अधिकारी व्यस्त दिखे. बम निरोधक दस्ते से लेकर सिविल ड्रेस में तैनात होने वाले सुरक्षाकर्मियों ने विधानसभा परिसर में जांच पड़ताल की.

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दोनों सदनों में 27 जुलाई से 30 जुलाई तक 4 दिनों में सदस्यों के प्रश्नों का उत्तर भी होगा. सदन की कार्यवाही की शुरुआत प्रश्नकाल से होगी, फिर शून्य काल होगा और अंत में ध्यान कर्षण होगा. संबंधित विभाग के मंत्री सदस्यों के प्रश्नों का उत्तर देंगे. विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने सदस्यों के प्रश्नों का उत्तर हो इसके लिए इस बार भी विशेष हिदायत सरकार को दी है.

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ऐसे विपक्ष बिहार की कई समस्याओं को सदन के अंदर उठाकर सरकार को घेरने की कोशिश करेगा और पिछले बजट सत्र में जो घटना हुई उसके लिए सरकार से माफी मांगने की मांग भी करेगा. सीपीआईएम के विधायक सत्येंद्र यादव का कहना है कि ''विपक्ष की ओर से महंगाई, अफसरशाही, बेरोजगारी और किसान के मुद्दे सदन में उठाएगा. इसके साथ ही कोरोना में निधन हुए लोगों को मुआवजा देने का मुद्दा भी प्रमुखता से उठाया जाएगा.''

सत्ता पक्ष के तरफ से भी विपक्ष के हमले का जवाब देने की तैयारी है. पूर्व मंत्री और विधान पार्षद नीरज कुमार का कहना है कि ''सरकार प्रश्नों का उत्तर देने की पूरी तैयारी की है, लेकिन अभी जरूरी है कि विपक्ष के सदस्य शांति पूर्वक सदन को चलने दें और अपनी बात के साथ सरकार की बात को भी सुने.''

देखें रिपोर्ट

बिहार विधानसभा और विधान परिषद में मानसून सत्र में लाए जाएंगे. इन महत्वपूर्ण विधेयकों में खेल विधेयक, मेडिकल विश्वविद्यालय विधेयक, इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय विधेयक, पंचायत से संबंधित संशोधन विधेयक और विनियोग विधेयक हैं.

बता दें कि विधानसभा में एनडीए के 126 विधायक हैं. जिसमें बीजेपी के 74, जदयू के 43, हम और वीआईपी के 4-4 विधायक हैं. दूसरी तरफ आरजेडी महागठबंधन में 110 विधायक हैं, जिनमें आरजेडी के 75, कांग्रेस के 19 और वामपंथी दलों के 16 विधायक हैं.

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