पटना: बिहार विधान मंडल का मानसून सत्र 10 जुलाई से शुरू हो रहा है. मानसून सत्र को लेकर विधानसभा और विधान परिषद में तैयारी पूरी कर ली गई है. विपक्षी दलों के साथ बैठक के अलावा प्रशासनिक अधिकारियों के साथ भी उच्च स्तरीय बैठक हुई है. छोटे सत्र में विपक्ष शिक्षक नियोजन और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर चार्जशीट मामले को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी कर रही है. वहीं सरकार भी विपक्ष से दो-दो हाथ करने के लिए तैयार है.
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"सरकार पर निर्भर करता है. विपक्ष के सवाल का जवाब देंगे तब कार्यवाही ठीक से चलेगी. कई मुद्दे हैं. भ्रष्टाचार और अपराध तो है ही. शिक्षक अभ्यर्थियों पर जिस प्रकार से सरकार ने लाठी चार्ज किया और डोमिसाइल नीति में बदलाव की है उस पर भी जवाब लेंगे"- विजय सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष
विपक्ष की तैयारी: बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र में सरकार की ओर से प्रथम अनुपूरक बजट पेश होगा और उस पर चर्चा होगी. सरकार उसे पास करवाएगी. वहीं कुछ विधेयक भी सरकार की तरफ से लाया जाएगा. फिर सदस्यों के प्रश्नों का प्रश्न काल में उत्तर भी होगा. 10 जुलाई से 14 जुलाई तक चलने वाले 5 दिनों के सत्र में सरकार विधायी कार्य संपन्न कराने का प्रयास करेगी वहीं विपक्ष भी सरकार को घेरने का मौका छोड़ने वाली नहीं है. विपक्ष के नेताओं का साफ कहना है यदि उनकी बात नहीं सुनी गई तो सदन की कार्यवाही चलने का सवाल ही नहीं है.
सभी दल तैयार है दो-दो हाथ के लिएः बीजेपी के वरिष्ठ नेता व विधान पार्षद नवल किशोर यादव ने कहा शिक्षक नियोजन नियमावली से लेकर सुल्तानगंज में पुल के ध्वस्त होने का मामला सदन में उठाएंगे. सरकार से जवाब लेंगे सरकार जवाब नहीं देगी तो सदन नहीं चलेगा. मंत्री श्रवण कुमार का कहना है कि हम लोग विपक्ष के हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार हैं. छोटे सत्र पर विपक्ष के आरोप पर कहा कि हर बार मानसून सत्र छोटा ही होता है. संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि हम लोगों ने बैठक में सभी दलों से सहयोग की अपील की है. कांग्रेस के विधानमंडल दल के नेता शकील अहमद खान ने कहा यदि विपक्ष तेवर में है तो हम लोग भी कम तेवर में नहीं हैं.
शांतिपूर्ण कार्यवाही की तैयारी: वहीं विधानसभा में यूनिफॉर्म सिविल कोड और केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग जैसे मुद्दे पर भी सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच टकराव होने के आसार हैं. ऐसे विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी और विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने सर्वदलीय बैठक कर सदन की कार्यवाही सुचारू ढंग से शांतिपूर्ण चले कोशिश की है. लेकिन देखना है जब सदन की कार्यवाही शुरू होगी तो विपक्ष और सत्तापक्ष का क्या रूख होता है.