पटना: कोरोना वायरस के खतरे से बचाव के लिए पूरे देश में लॉकडाउन है. इस कारण कई विभागों के विकास कार्य ठप हैं. लॉकडाउन 2 में कुछ छूट जरूर मिला है और कुछ क्षेत्रों में काम शुरू भी हुआ है. बिहार में इस साल विधानसभा का चुनाव है. ऐसे में विधायकों के लिए मुश्किलें बढ़ी हुई है. विधायक फंड की राशि खर्च हो पाएगी कि नहीं एक बड़ा सवाल है. ऐसे योजना और विकास विभाग के मंत्री महेश्वर हजारी का दावा है कि लॉक डाउन का विधायक फंड की राशि के खर्च पर असर नहीं पड़ेगा.
विधायक फंड पर नहीं पड़ेगा असर
कोरोना वायरस के कारण बिहार में भी जनता कर्फ्यू और लॉक डाउन को लेकर पिछले 22 मार्च से हीं कामकाज ठप है. ऐसे में बिहार में जब इस साल चुनाव होना है. तब बड़ा सवाल है कि विधायक फंड का पैसा कैसे खर्च हो पाएगा. योजना विकास मंत्री महेश्वर हजारी का कहना है कि वित्तीय वर्ष में 3 करोड़ की राशि में से 50 लाख की राशि कोरोना उन्मूलन कोष में जमा करने के बाद अधिकांश विधायकों के फंड में ढाई करोड़ बचे हुए हैं. उनके अनुशंसा करते ही इस पर काम शुरू हो जाएगा. योजना विकास मंत्री का दावा है कि चुनावी साल में बहुत ज्यादा असर पड़ने वाला नहीं है.
योजना विकास मंत्री मानते हैं कि वित्तीय वर्ष 2020- 21 के शुरुआती महीना में लॉकडाउन लगने के कारण कई विभागों के बजट के खर्च पर असर पड़ सकता है. बिहार सरकार का पहले से ही यह रिकॉर्ड रहा है कि शुरू के वर्षों में खर्च की गति धीमी रही है, लेकिन चुनावी साल है. ऐसे इस बार सरकार की ओर से पूरी कोशिश होगी कि अधिक से अधिक राशि चुनाव से पहले खर्च की जाए, लेकिन कोरोना बड़ा बाधक बनने वाला है.
कोरोना बढ़ाएगा विधायकों की मुश्किल
नीतीश सरकार ने विधायकों और विधान पार्षदों के फंड से ही कोरोना उन्मूलन कोष का गठन किया है. कोरोना उन्मूलन कोष में सभी विधानमंडल सदस्यों के एक वर्ष में मिलने वाले तीन करोड़ फंड से 50 लाख की राशि जमा की गई है. मुख्यमंत्री ने अपने विधान परिषद के फंड से 7 करोड़ की राशि दी है. तो सुशील मोदी भी 2 करोड़ से अधिक की राशि कोरोना उन्मूलन कोष में दी है. कई सदस्य 50 लाख से अधिक राशि की अनुशंसा की है. चुनावी साल में विधायकों के लिए मुश्किलें बढ़ी हुई है. क्योंकि अभी लॉकडाउन 3 मई को समाप्त होगा या उसके आगे भी रहेगा यह तय नहीं हुआ है.
बिहार में कोरोना संक्रमित मरीज लगातार मिल रहे हैं. ऐसे में पूरी तरह छूट मिलना संभव नहीं दिखता है. तय है कि क्षेत्र में विधायकों के लिए बची ढाई करोड़ की राशि खर्च कर पाना एक बड़ी चुनौती होगी.