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नाबालिग से दुष्कर्म केस में फरार DSP कमलाकांत को राहत, पटना हाई कोर्ट से मिली जमानत

नाबालिग से रेप मामले में फरार डीएसपी कमलाकांत प्रसाद को पटना हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए उन्हें जमानत दे दी है. पढ़ें पूरी खबर.

नाबालिग से दुष्कर्म केस में फरार DSP कमलाकांत को राहत
नाबालिग से दुष्कर्म केस में फरार DSP कमलाकांत को राहत
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Published : Aug 25, 2021, 5:56 PM IST

पटना: बिहार के गया की रहने वाली एक नाबालिग से दुष्कर्म के आरोप में फरार चल रहे डीएसपी कमलाकांत प्रसाद (DSP Kamlakant Prasad) को पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) से जमानत मिल गई है. पुलिस ड्यूटी के दौरान हमेशा से विवादों में घिरे रहने वाले डीएसपी कमलाकांत प्रसाद पर दलित महिला ने दुष्कर्म का मामला दर्ज करवाया था. जिसके बाद पुलिस मुख्यालय ने निलंबित कर उनकी गिरफ्तारी के लिए नोटिस भी जारी किया था.

यह भी पढ़ें: गया: 3 साल बाद नाबालिग युवती से दुष्कर्म मामले में आरोपी DSP के खिलाफ वारंट जारी

जानकारी के मुताबिक निचली अदालत द्वारा जमानत अर्जी खारिज होने के बाद पूर्व डीएसपी कमलाकांत ने हाई कोर्ट में जमानत की अर्जी लगाई थी. इसके बाद हाई कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई के दौरान उन्हें जमानत दे दी है. जस्टिस आशुतोष कुमार की बेंच में आरोपी डीएसपी से जुड़े दुष्कर्म के मामले में वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा ने कोर्ट के समक्ष जो सबूत पेश किए थे, वो पर्याप्त साबित नहीं हुए. इस वजह से आरोपी डीएसपी कमलाकांत को जमानत मिल गई.

दरअसल, दलित महिला के द्वारा लगाए गए आरोप के बाद पुलिस मुख्यालय के द्वारा इस मामले को संज्ञान लेते हुए जांच कराई गई थी. जांच के दौरान प्रथम दृष्टि में आरोप सही पाया गया था. इसके बाद पुलिस मुख्यालय ने डीएसपी कमलाकांत को निलंबित कर दैनिक समाचार पत्र के माध्यम से नोटिस तक जारी किया था. इसके बाद से आरोपी डीएसपी कमलाकांत फरार चल रहे थे.

ये भी पढ़ें : नाबालिग से रेप मामले में फरार DSP कमलाकांत को राहत, गिरफ्तारी पर गया सिविल कोर्ट ने 5 जुलाई तक रोक लगाई

बता दें कि इससे पहले आरोपी डीएसपी कमलाकांत प्रसाद की गिरफ्तारी पर गया सिविल कोर्ट ने रोक लगाई थी. दरअसल, आरोपी डीएसपी ने अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग कोर्ट से की थी. कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए 5 जुलाई तक रोक लगा दी है. पांच जुलाई के बाद से वे फरार चल रहे थे. जिसके बाद गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्होंने हाई कोर्ट में जमानत की अर्जी लगाई थी.

जानकारी के अनुसार, मामला साल 2017 का है. आरोप है कि घटना के दिन पीड़ित नाबालिग लड़की उनके गया स्थित सरकारी आवास में ठहरी थी. इस दौरान डीएसपी ने उसके साथ दुष्कर्म किया. नाबालिग लड़की से दुष्कर्म की घटना उस समय की है, जब कमलाकांत गया जिले के पुलिस मुख्यालय में डीएसपी थे. पीड़िता ने अपने बयान में कहा है कि आरोपित ने अपने सरकारी आवास पर ही घटना को अंजाम दिया था. इस मामले में बीते 27 मई को उनके विरुद्ध महिला थाने में नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई थी. मामला संज्ञान में आने बाद जांच सीआईडी के कमजोर वर्ग की शाखा कर रही है.

यह भी पढ़ें: Honey Trap Case: प्यार-धोखा और ब्लैकमेलिंग में फंसे सांसद प्रिंस राज, जमानत के लिए महिला पहुंची कोर्ट...

पीड़‍िता का आरोप है कि उस वक्त डीएसपी अपने पटना स्थित आवास पर घरेलू कामकाज के लिए अपने साथ ले जाने वाले थे. यही कारण है कि वह रात में उनके सरकारी आवास में ही रुकी थी. आरोप के अनुसार, कमलाकांत प्रसाद ने रात में किशोरी से दुष्कर्म किया और डरा-धमकाकर चुप करा दिया. बताया जाता है कि इस मामले में पॉक्सो और एससी-एसटी समेत कई संगीन धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. मामला संज्ञान में आने के बाद डीजीपी ने 11 जून को इस मामले की जांच की जिम्मेदारी सीआईडी (कमजोर वर्ग) को सौंप दी.

पटना: बिहार के गया की रहने वाली एक नाबालिग से दुष्कर्म के आरोप में फरार चल रहे डीएसपी कमलाकांत प्रसाद (DSP Kamlakant Prasad) को पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) से जमानत मिल गई है. पुलिस ड्यूटी के दौरान हमेशा से विवादों में घिरे रहने वाले डीएसपी कमलाकांत प्रसाद पर दलित महिला ने दुष्कर्म का मामला दर्ज करवाया था. जिसके बाद पुलिस मुख्यालय ने निलंबित कर उनकी गिरफ्तारी के लिए नोटिस भी जारी किया था.

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जानकारी के मुताबिक निचली अदालत द्वारा जमानत अर्जी खारिज होने के बाद पूर्व डीएसपी कमलाकांत ने हाई कोर्ट में जमानत की अर्जी लगाई थी. इसके बाद हाई कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई के दौरान उन्हें जमानत दे दी है. जस्टिस आशुतोष कुमार की बेंच में आरोपी डीएसपी से जुड़े दुष्कर्म के मामले में वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा ने कोर्ट के समक्ष जो सबूत पेश किए थे, वो पर्याप्त साबित नहीं हुए. इस वजह से आरोपी डीएसपी कमलाकांत को जमानत मिल गई.

दरअसल, दलित महिला के द्वारा लगाए गए आरोप के बाद पुलिस मुख्यालय के द्वारा इस मामले को संज्ञान लेते हुए जांच कराई गई थी. जांच के दौरान प्रथम दृष्टि में आरोप सही पाया गया था. इसके बाद पुलिस मुख्यालय ने डीएसपी कमलाकांत को निलंबित कर दैनिक समाचार पत्र के माध्यम से नोटिस तक जारी किया था. इसके बाद से आरोपी डीएसपी कमलाकांत फरार चल रहे थे.

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बता दें कि इससे पहले आरोपी डीएसपी कमलाकांत प्रसाद की गिरफ्तारी पर गया सिविल कोर्ट ने रोक लगाई थी. दरअसल, आरोपी डीएसपी ने अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग कोर्ट से की थी. कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए 5 जुलाई तक रोक लगा दी है. पांच जुलाई के बाद से वे फरार चल रहे थे. जिसके बाद गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्होंने हाई कोर्ट में जमानत की अर्जी लगाई थी.

जानकारी के अनुसार, मामला साल 2017 का है. आरोप है कि घटना के दिन पीड़ित नाबालिग लड़की उनके गया स्थित सरकारी आवास में ठहरी थी. इस दौरान डीएसपी ने उसके साथ दुष्कर्म किया. नाबालिग लड़की से दुष्कर्म की घटना उस समय की है, जब कमलाकांत गया जिले के पुलिस मुख्यालय में डीएसपी थे. पीड़िता ने अपने बयान में कहा है कि आरोपित ने अपने सरकारी आवास पर ही घटना को अंजाम दिया था. इस मामले में बीते 27 मई को उनके विरुद्ध महिला थाने में नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई थी. मामला संज्ञान में आने बाद जांच सीआईडी के कमजोर वर्ग की शाखा कर रही है.

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पीड़‍िता का आरोप है कि उस वक्त डीएसपी अपने पटना स्थित आवास पर घरेलू कामकाज के लिए अपने साथ ले जाने वाले थे. यही कारण है कि वह रात में उनके सरकारी आवास में ही रुकी थी. आरोप के अनुसार, कमलाकांत प्रसाद ने रात में किशोरी से दुष्कर्म किया और डरा-धमकाकर चुप करा दिया. बताया जाता है कि इस मामले में पॉक्सो और एससी-एसटी समेत कई संगीन धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. मामला संज्ञान में आने के बाद डीजीपी ने 11 जून को इस मामले की जांच की जिम्मेदारी सीआईडी (कमजोर वर्ग) को सौंप दी.

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