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मोकामाः बिना प्राचार्य के चल रहा राम रतन सिंह महाविद्यालय, कामकाज हो रहा प्रभावित

कुछ दिनों पहले राम रतन सिंह कॉलेज के प्राचार्य का तबादला हो गया था. फिलहाल इस कॉलेज में पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से प्राचार्य की नियुक्ति नहीं की गई है.

राम रतन सिंह महाविद्यालय
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Published : Nov 17, 2019, 11:40 PM IST

पटना: मोकामा के एकमात्र कॉलेज राम रतन सिंह महाविद्यालय में प्राचार्य नहीं रहने के कारण कॉलेज की वित्तीय और रूटीन कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो रहा है. पूर्व के प्राचार्य के तबादले के बाद कॉलेज के वरीय शिक्षिका को प्रभारी प्राचार्य बनाया गया. हालांकि उन्होंने प्रभार लेने से साफ इंकार कर दिया. इस संबंध में उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन को पत्र लिख कर कहा कि वह प्रभार नहीं ले सकती हैं.

दरअसल, बीते दिनों पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय ने राम रतन सिंह महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ इंद्रजीत राय का तबादला कर दिया. इसके बाद कॉलेज की सीनियर टीचर रुखसाना परवीन को प्रभारी प्राचार्य बनाने की अधिसूचना जारी की गई. लेकिन रुखसाना परवीन ने भी विश्वविद्यालय प्रशासन को पत्र लिखकर प्रभार लेने से इंकार कर दिया. बता दें कि इससे पहले भी रुखसाना परवीन को कुछ मौकों पर प्रभारी प्राचार्य बनाया गया था. लेकिन उस वक्त भी उन्होंने प्रभार नहीं लिया था.

देखिए रिपोर्ट

यह भी पढ़ेंः बिहार में बढ़ते क्राइम पर BJP की दलील- RJD सरकार से कम हो रहे हैं अपराध

कॉलेज में निर्णय लेने वाला कोई नहीं
तीन सप्ताह बीत जाने के बाद भी विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से कॉलेज में प्राचार्य की नियुक्ति नहीं की गई है. वहीं दूसरी तरफ प्राचार्य के कक्ष में ताला लटका है. कॉलेज के सीनियर टीचर और पूर्व प्रभारी प्राचार्य डॉ. विपिन कुमार ने बताया कि प्राचार्य की अनुपस्थिति में कॉलेज के कामकाज पर असर पड़ रहा है. कॉलेज में कोई भी निर्णय लेने वाला व्यक्ति नहीं है. जिसके कारण कॉलेज कैंपस के वातावरण पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है.

पटना: मोकामा के एकमात्र कॉलेज राम रतन सिंह महाविद्यालय में प्राचार्य नहीं रहने के कारण कॉलेज की वित्तीय और रूटीन कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो रहा है. पूर्व के प्राचार्य के तबादले के बाद कॉलेज के वरीय शिक्षिका को प्रभारी प्राचार्य बनाया गया. हालांकि उन्होंने प्रभार लेने से साफ इंकार कर दिया. इस संबंध में उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन को पत्र लिख कर कहा कि वह प्रभार नहीं ले सकती हैं.

दरअसल, बीते दिनों पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय ने राम रतन सिंह महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ इंद्रजीत राय का तबादला कर दिया. इसके बाद कॉलेज की सीनियर टीचर रुखसाना परवीन को प्रभारी प्राचार्य बनाने की अधिसूचना जारी की गई. लेकिन रुखसाना परवीन ने भी विश्वविद्यालय प्रशासन को पत्र लिखकर प्रभार लेने से इंकार कर दिया. बता दें कि इससे पहले भी रुखसाना परवीन को कुछ मौकों पर प्रभारी प्राचार्य बनाया गया था. लेकिन उस वक्त भी उन्होंने प्रभार नहीं लिया था.

देखिए रिपोर्ट

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कॉलेज में निर्णय लेने वाला कोई नहीं
तीन सप्ताह बीत जाने के बाद भी विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से कॉलेज में प्राचार्य की नियुक्ति नहीं की गई है. वहीं दूसरी तरफ प्राचार्य के कक्ष में ताला लटका है. कॉलेज के सीनियर टीचर और पूर्व प्रभारी प्राचार्य डॉ. विपिन कुमार ने बताया कि प्राचार्य की अनुपस्थिति में कॉलेज के कामकाज पर असर पड़ रहा है. कॉलेज में कोई भी निर्णय लेने वाला व्यक्ति नहीं है. जिसके कारण कॉलेज कैंपस के वातावरण पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है.

Intro:मोकामा का राम रतन सिंह कॉलेज इन दिनों बिना प्राचार्य के ही है. कुछ दिनों पहले राम रतन सिंह कॉलेज के प्राचार्य का तबादला हो गया था. फिलहाल इस कॉलेज में पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा प्राचार्य नियुक्ति नहीं की गई है.


Body:मोकामा के एकमात्र कॉलेज राम रतन सिंह महाविद्यालय में प्राचार्य नहीं रहने से कॉलेज के वित्तीय और रूटीन कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं. आलम यह है कि पूर्व के प्राचार्य का तबादला कर दिया गया और जिन्हें कॉलेज का प्रभारी प्राचार्य बनाया गया, उन्होंने प्रभार लेने से स्पष्ट इंकार करते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन को लिखित में दे दिया कि वह प्रभार नहीं ले सकती हैं. दरअसल बीते दिनों पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय द्वारा मोकामा के राम रतन सिंह महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ इंद्रजीत राय का तबादला कर दिया गया था. इंद्रजीत राय के तबादले के पश्चात मोकामा कॉलेज की सीनियर टीचर रुखसाना परवीन को कॉलेज का प्रभारी प्राचार्य बनाने की अधिसूचना जारी की गई. रुखसाना परवीन ने विश्वविद्यालय प्रशासन को लिखित में दे दिया कि वे प्रभार नहीं ले सकती हैं. इससे पहले भी रुखसाना परवीन को कुछ मौकों पर प्रभारी प्राचार्य बनाया गया था लेकिन उन्होंने उस समय भी प्रभार नहीं लिया था. विश्वविद्यालय प्रशासन को प्रभार ग्रहण करने से लिखित में मना करने के तीन सप्ताह गुजर जाने के बाद भी कॉलेज के प्राचार्य के पद पर किसी की नियुक्ति नहीं की गई है. प्राचार्य के नहीं रहने से विद्यालय का रूटीन कामकाज और वित्तीय कामकाज बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है. कॉलेज प्राचार्य के पक्ष में ताला लटका रहता है और किसी को प्रभार नहीं दिया गया है इसलिए कोई निर्णय लेने वाला व्यक्ति भी कॉलेज में उपलब्ध नहीं है.


Conclusion:कॉलेज के सीनियर टीचर और पूर्व प्रभारी प्राचार्य डॉ विपिन कुमार ने बताया कि प्राचार्य के नहीं रहने का असर निश्चित तौर पर पड़ता ही है. उन्होंने कहा कि प्राचार्य के नहीं रहने के कारण कॉलेज में कामकाज पर असर पड़ा है क्योंकि कोई निर्णय लेने वाला व्यक्ति और कॉलेज को नेतृत्व प्रदान करने वाला व्यक्ति उपलब्ध नहीं है.
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