पटना: नगर निगम ने राजधानी को स्मार्ट और सुंदर बनाने के लिए पटना के विभिन्न इलाके और चौक-चौराहों पर मॉड्यूलर शौचालयों का निर्माण करवाया था. लेकिन कुछ दिन बाद इन शौचालयों में ताले जड़ दिए गए हैं. ऐसे में राजधानी वासियों को काफी फजीहत झेलनी पड़ रही है. लोग जहां-तहां मूत्र त्याग कर रहे हैं. इससे राजधानी में गंदगी फैल रही है. कोई सड़क के किनारे तो कोई फुटपाथ पर और कुछ लोग तो बंद शौचालय के बाहर ही पेशाब करते दिख जाते हैं.
निगम और एजेंसी के बीच फंस गया है मामला
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक राजधानी में इन सभी शौचालयों की साफ सफाई करने वाली एजेंसी के साथ और निगम के बीच किसी बात को लेकर मामला फंस गया है. लिहाजा एजेंसी ने सभी शौचालयों में ताले जड़ दिया है. खबर है कि निगम द्वारा एजेंसी को सुबह 5 बजे से 8 बजे और शाम 4 बजे से 7 बजे तक साफ करने का निर्देश दिया गया था. लेकिन एजेंसी ने सुबह 5 बजे से शौचालयों की सफाई करने से हाथ खड़ा कर दिया. इस बात को लेकर निगम और एजेंसी के बीच मामला फंस गया है.
शौचालय में लगे नल को तोड़ दिया गया
इन सभी शौचालयों में लटके ताले की वजह जानने की कोशिश जब हमने की तो पटना नगर निगम के पीआरओ हर्षिता कुमारी ने बताया कि पटना नगर निगम ने राजधानी को साफ सुथरा रखने के लिए सभी जगह मॉड्यूलर शौचालय का निर्माण करवाया है. लेकिन आम लोगों के द्वारा शौचालय में लगाए गए नल को तोड़ दिया गया. शौचालयों को काफी गंदा रखा जा रहा था. जब तक शौचालयों को सुरक्षित रखने और साफ-सफाई करने वाली एजेंसी से बात नहीं हो जाती, तब तक इन शौचालयों में ताला बंद रहेगा. निगम की तरफ से एक मोबाइल सफाई टीम है जो घूम घूम कर इन शौचालयों की सफाई करती है. जब तक यह सफाई टीम वहां पहुंचती तब तक दूसरा शौचालय फिर गंदा हो जाता है. ऐसे में जब तक साफ सफाई करने वाली एजेंसी से निगम की सहमति नहीं बन जाती है, तब तक ताला बंद ही रहेगा और बात बनने के बाद बहुत जल्द ही इन शौचालयों में लगे ताले को खोल दिया जाएगा.
120 से अधिक पब्लिक टॉयलेट का किया गया निर्माण
बता दें कि पटना नगर निगम द्वारा पटना के 60 जगहों पर लगभग 120 से अधिक पब्लिक टॉयलेट का निर्माण कराया गया है. इन का उद्घाटन 6 फरवरी को मेयर सीता साहू और नगर आयुक्त अनूप कुमार सुमन ने किया था. लगभग 25 करोड़ की लागत से इन शौचालयों का निर्माण करवाया गया है. टाटा कंपनी और एचडीएफसी बैंक द्वारा सीएसआर के तहत इनका निर्माण कराया गया है. इसमें 20 करोड टाटा और 5 करोड़ एचडीएफसी बैंक द्वारा रकम दिया गया है. इसके रखरखाव की जिम्मेदारी टाटा के पास है जबकि सभी शौचालय के लिए जमीन पानी और उसमें टाईलस निगम द्वारा लगाई गई है.
सफाई ठीक से नहीं हो पा रही थी
शौचालय के उद्घाटन के कुछ दिनों तक सब कुछ ठीक चला लेकिन एक पखवारे के बाद ही विभिन्न इलाकों में स्थित मॉड्यूलर शौचालयों की स्थिति साफ सफाई को लेकर गड़बड़ होने लगी. कहीं नल गायब है तो कहीं पानी नहीं है. सबसे ज्यादा जरूरी चीज सफाई ठीक से नहीं हो पा रही थी, जिसकी वजह से शौचालय काफी गंदा रहता था. जिसकी वजह से लोग जाना पसंद नहीं करते है.
इन इलाकों में मॉड्यूलर शौचालय में लटके हैं ताले
पटना के जिन इलाकों में मॉड्यूलर शौचालय में ताले लटके हैं वह हैं इनकम टैक्स चौराहा ,हाई कोर्ट, जू गेट नंबर 2 ,बांस घाट, पाटलिपुत्र गोलंबर ,दीघा सेंट माइकल स्कूल के सामने, विमेंस आईटीआई के सामने ,पटना हाई कोर्ट के अंबेडकर पार्क, कर्मचारी चयन आयोग, एयरपोर्ट के पास सिंचाई भवन के सामने, इनकम टैक्स राजस्व भवन के सामने ,इंटर काउंसिल के सामने, तारामंडल गेट दो के पास, बिस्कोमान भवन गोलंबर, एनआईटी मोड ,एयरपोर्ट रोड ,एलजेपी कार्यालय के पास, आयकर गोलंबर सुधा बूथ के पास ,चुनाव आयोग के सामने ,सचिवालय थाना के पास, पटना जीपीओ के पास इत्यादि कई जगहों पर मॉड्यूलर और शौचालयों में ताले लटके हैं.