गयाः बिहार के गया इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर मॉक ड्रिल किया गया. बुधवार को इस संयुक्त मॉक ड्रिल में भूकंप आपदा पर आधारित तैयारियों की रूपरेखा रही. भूकंप जैसे प्राकृतिक आपदा का पूर्वानुमान नहीं लगाए जा सकने और अचानक जानमाल के भारी नुकसान होने की संभावना होती है. ऐसी आपदा एयरपोर्ट जैसे आवागमन के स्थान पर कई गंभीर क्षति पहुंचा सकती है. ऐसी आपदा को कम करने यात्रियों और कर्मियों के मानव जीवन को बचाने के लिए इस तरह के माॅक ड्रिल का आयोजन किया गया.
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इस तरह से किया गया रूपांतरित अभ्यासः बुधवार को गया अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आपदा प्रबंधन के तहत यह मॉक ड्रिल आयोजित किया गया. इस मॉक ड्रिल में भूकंप से प्रभावित होने की स्थिति में गया एयरपोर्ट के टर्मिनल बिल्डिंग में फंसे हुए तथा घायल यात्रियों और स्टाफ की सुरक्षित निकासी, प्राथमिक उपचार, उचित चिकित्सा हेतु हॉस्पिटल भेजना, आतुर वाहन एवं दूसरे आपात सेवाओं को प्रदान करना, ट्रैफिक मैनेजमेंट, विधि व्यवस्था आदि का गहनता से रूपांतरण अभ्यास किया गया.
घायलों को कम समय में ढूंढ निकालाः गया एयरपोर्ट पर आपदा प्रबंधन की व्यवस्था को और सुदृढ़ एवं प्रभावी बनाएंगे. एआई फायर प्रभारी ओपी तिवारी ने अपनी टीम के साथ युवाओं के लाइफ डिटेक्टर और विक्टिम्स चर्च एवं लोकेटर जैसे वैश्विक स्तर के आधुनिक यंत्रों का प्रयोग करते हुए घायलों को कम समय में ढूंढ निकाला. मॉक ड्रिल के दौरान मगध मेडिकल थाना अध्यक्ष शैलेश कुमार और पुलिस बल ने ट्रैफिक और विधि व्यवस्था में योगदान दिया. इस संयुक्त अभ्यास में सीआईएसएफ, एएआई फायर, एसडीआरएफ, पुलिस बल, एयरलाइंस और एयरपोर्ट स्टाफ सहित 90 से ज्यादा कर्मी और अधिकारी शामिल हुए.
बड़े स्तर पर पहली बार मॉक ड्रिलः ड्रिल का निर्देशन एवं ब्रीफिंग सीआईएसएफ के उप कमांडेंट बलवंत कुमार ने किया. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा की स्थिति में प्लान के अनुसार संबंधित एवं त्वरित अनुक्रिया के द्वारा ही ज्यादा से ज्यादा माननीय जीवन और संपत्ति को बचाया जा सकता है. बेहतर तैयारी और उत्तम सुरक्षा के भी महत्व को रेखांकित किया. गया एयरपोर्ट के डायरेक्टर बंगजीत शाह ने बताया कि इस तरह बड़े स्तर पर अभ्यास गया एयरपोर्ट पर पहली बार किए गए हैं.
"इस तरह बड़े स्तर पर अभ्यास गया एयरपोर्ट पर पहली बार किया गया है. इससे आपदा के समय यात्रियों और स्टाफ को बचाने में मदद मिलेगी. समय रहते यात्रियों को बचाना चुनौती है. इसलिए पहले से इसका अभ्यास जरूरी होता है. इसी को देखते हुए यह मॉक ड्रिल किया गया है." -बंगजीत शाह, डायरेक्टर, गया इंटरनेशनल एयरपोर्ट