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जिंदा लौटा 'मॉब लिंचिंग का शिकार मृतक', पुलिस ने परिवार से करा दिया था दाह संस्कार

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Published : Nov 16, 2019, 2:21 PM IST

Updated : Nov 17, 2019, 4:52 PM IST

कृष्णा मांझी की पत्नी रुदी देवी ने बताया कि शव बिल्कुल सड़-गल गया था. हम पहचान नहीं कर पा रहे थे. लेकिन पुलिस ने कहा कि शव स्वीकार लो, सरकारी योजना के तहत पैसे मिल जाएंगे.

पटना

पटनाः बिहार पुलिस की कार्यशैली पर आए दिन सवाल उठते रहते हैं. ताजा मामला राजधानी से सटे नौबतपुर थाना क्षेत्र का है. पुलिस ने मॉब लिंचिंग का शिकार मृत व्यक्ति की पहचान महमतपुर गांव निवासी कृष्णा मांझी के रूप में कर उसके परिवार वालों से दाह संस्कार कराया था. वो कृष्णा मांझी दाह संस्कार के तीन माह बाद जिंदा घर लौट आया है.

परिवार वाले खुश, पुलिस के माथे पर बल
कृष्णा मांझी के घर लौट आने से उसके घर और गांव में खुशी का माहौल है लेकिन इसकी सूचना मिलते ही पुलिस के माथे पर बल पड़ गया. पुलिस के लिए अब यह पहचान करना बड़ी चुनौती है कि जिस शव का दाह संस्कार कृष्णा मांझी समझ कर कर दिया गया आखिर वो लाश किसकी थी. पुलिस पर सवाल उठ रहा है कि शव की सही पहचान किए बगैर कैसे किसी को सौंप दिया गया.

पटना
कृष्णा मांझी की पत्नी रुदी देवी

बच्चा चोर समझ भीड़ ने की थी पिटाई
दरअसल 10 अगस्त नवही पंचायत के महमदपुर गांव में एक राहगिर को बच्चा चोर समझकर भीड़ ने लाठी-डंडे से बुरी तरह पीट दी थी. जिसे पुलिस ने गंभीर अवस्था में रेफरल अस्पताल नौबतपुर भेजा लेकिन उनकी स्थिति को देखते हुए फिर उसे एम्स में भर्ती कराई गयी थी. जहां इलाज के दौरान उसने उसने दम दिया.

पेश है रिपोर्ट

'दलीत हो पैसै मिलेंगे, शव स्वीकार लो'
मौत के 48 घंटे बाद तक भी शव का कोई दावेदार नहीं आया. फिर शव की पहचान कृष्णा मांझी के रूप में की गई. शव का पोस्टमॉर्टम कराकर उसके परिवार वालो से दाह संस्कार करा दिया गया. कृष्णा मांझी की पत्नी रुदी देवी ने बताया कि शव बिलकुल सड़-गल गया था. हम पहचान नहीं कर पा रहे थे. पुलिस ने हमें कहा कि शव स्वीकार लो, दलीत हो सरकारी योजना के तहत पैसे मिल जाएंगे.

ये भी पढ़ेंः 4 महीने पहले हो चुका था अंतिम संस्कार, पति को जिंदा देख फूट-फूटकर रोई पत्नी

कर्ज लेकर हुआ था श्राद्ध
रुदी देवी ने कहा हम कर्ज लेकर श्राद्ध किए थे. सरकार से आज तक न तो कबीर अंत्येष्टि की राशि मिली और न ही सामाजिक सुरक्षा के तहत 20 हजार की राशि ही मिली. उन्होंने बताया कि पति आ गए, अब मैं खुश हूं. सरकार से कोई पैसे नहीं चाहिए. बता दें कि रुदी देवी मांग में सिंदूर लगाना भी बंद कर दी थी.
10 अगस्त को हुए मॉब लिंचिंग की घटना में 150 अज्ञात पर केस दर्ज कर पुलिस 23 लोगों की गिरफ्तार कर जेल भेज दी थी.

पटना
एएसआई दरोगी कुमार

पुलिस करेगी जांच
वहीं एएसआई दरोगी कुमार ने बताया की कृष्णा मांझी के जिंदा लौटने की खबर थाने को मिली है. मामले की जानकारी वरिय अधिकारी को दे दी गई है. पुलिस आगे की कार्रवाई की तैयारी कर रही है. कृष्णा मांझी के परिवार को जबरन शव सौंपने के आरोप पर उन्होंने कहा कि इस बात में कोई सच्चाई नहीं है.

पटनाः बिहार पुलिस की कार्यशैली पर आए दिन सवाल उठते रहते हैं. ताजा मामला राजधानी से सटे नौबतपुर थाना क्षेत्र का है. पुलिस ने मॉब लिंचिंग का शिकार मृत व्यक्ति की पहचान महमतपुर गांव निवासी कृष्णा मांझी के रूप में कर उसके परिवार वालों से दाह संस्कार कराया था. वो कृष्णा मांझी दाह संस्कार के तीन माह बाद जिंदा घर लौट आया है.

परिवार वाले खुश, पुलिस के माथे पर बल
कृष्णा मांझी के घर लौट आने से उसके घर और गांव में खुशी का माहौल है लेकिन इसकी सूचना मिलते ही पुलिस के माथे पर बल पड़ गया. पुलिस के लिए अब यह पहचान करना बड़ी चुनौती है कि जिस शव का दाह संस्कार कृष्णा मांझी समझ कर कर दिया गया आखिर वो लाश किसकी थी. पुलिस पर सवाल उठ रहा है कि शव की सही पहचान किए बगैर कैसे किसी को सौंप दिया गया.

पटना
कृष्णा मांझी की पत्नी रुदी देवी

बच्चा चोर समझ भीड़ ने की थी पिटाई
दरअसल 10 अगस्त नवही पंचायत के महमदपुर गांव में एक राहगिर को बच्चा चोर समझकर भीड़ ने लाठी-डंडे से बुरी तरह पीट दी थी. जिसे पुलिस ने गंभीर अवस्था में रेफरल अस्पताल नौबतपुर भेजा लेकिन उनकी स्थिति को देखते हुए फिर उसे एम्स में भर्ती कराई गयी थी. जहां इलाज के दौरान उसने उसने दम दिया.

पेश है रिपोर्ट

'दलीत हो पैसै मिलेंगे, शव स्वीकार लो'
मौत के 48 घंटे बाद तक भी शव का कोई दावेदार नहीं आया. फिर शव की पहचान कृष्णा मांझी के रूप में की गई. शव का पोस्टमॉर्टम कराकर उसके परिवार वालो से दाह संस्कार करा दिया गया. कृष्णा मांझी की पत्नी रुदी देवी ने बताया कि शव बिलकुल सड़-गल गया था. हम पहचान नहीं कर पा रहे थे. पुलिस ने हमें कहा कि शव स्वीकार लो, दलीत हो सरकारी योजना के तहत पैसे मिल जाएंगे.

ये भी पढ़ेंः 4 महीने पहले हो चुका था अंतिम संस्कार, पति को जिंदा देख फूट-फूटकर रोई पत्नी

कर्ज लेकर हुआ था श्राद्ध
रुदी देवी ने कहा हम कर्ज लेकर श्राद्ध किए थे. सरकार से आज तक न तो कबीर अंत्येष्टि की राशि मिली और न ही सामाजिक सुरक्षा के तहत 20 हजार की राशि ही मिली. उन्होंने बताया कि पति आ गए, अब मैं खुश हूं. सरकार से कोई पैसे नहीं चाहिए. बता दें कि रुदी देवी मांग में सिंदूर लगाना भी बंद कर दी थी.
10 अगस्त को हुए मॉब लिंचिंग की घटना में 150 अज्ञात पर केस दर्ज कर पुलिस 23 लोगों की गिरफ्तार कर जेल भेज दी थी.

पटना
एएसआई दरोगी कुमार

पुलिस करेगी जांच
वहीं एएसआई दरोगी कुमार ने बताया की कृष्णा मांझी के जिंदा लौटने की खबर थाने को मिली है. मामले की जानकारी वरिय अधिकारी को दे दी गई है. पुलिस आगे की कार्रवाई की तैयारी कर रही है. कृष्णा मांझी के परिवार को जबरन शव सौंपने के आरोप पर उन्होंने कहा कि इस बात में कोई सच्चाई नहीं है.

Intro: रानीतलाब थाना क्षेत्र के निसरपुरा गांव से 6 माह से लापता कृष्णा मांझी लौटा आज पूना से घर ,पत्नी ने पति को जीवित देख कर खुशी से झूम उठीं ,4माह पूर्व नोबतपुर थाना के महमदपुर गांव में बच्चा चोरी के अफवाह में ग्रामीणों ने अज्ञात आदमी को लाठी डंडे से पीट पीट कर हत्या कर दिया था ,वही पत्नी ने पति की शव होने के सन्देह पर शव को पुलिस के साथ देख रेख में दाह संस्कार करा कर श्राद्धकर्म कर दिया था


Body:पटना जिला अंतर्गत रानीतलाब थाना क्षेत्र के निसरपुरा गांव निवासी कृष्णा मांझी 6 माह पूर्व ग्रामीणों के साथ झारखंड कमाने गया था जहाँ वह ग्रामीणों के साथ कुछ दिनों तक मजदूरी किया उसके बाद वही सहयोगी से कृष्णा विछड़ गया था ,कुछ माह बाद गांव का लोग लौट गया घर लेकिन कृष्णा की कोई पता नही चल सका था ,वही इसी बीच 4माह पूर्व नोबतपुर थाना क्षेत्र के महमदपुर गांव में बच्चा चोरी के अफवाह पर एक आदमी को ग्रामीणों ने लाठी डंडे से पीट पीटकर हत्या कर दिया था ,इस घटना की जानकारी होने पर कृष्णा जे पत्नी रूबी देवी ने परिजन के साथ नोबतपुर थाना जाकर शव को पहचान किया ,लेकिन पति की हमशक्ल होने पर पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम कराकर पत्नी के साथ पुलिस ने मिलकर दाह संस्कार करा दिया था । कृष्णा मांझी के परिवार ने गांव निसरपुरा में रिश्तेदार के साथ श्राद्धकर्म कर दिया था । आज गुरुवार के सुबह जब पूना से मजदूरी कर घर लौटा कृष्णा मांझी तो गांव में जंगल में आग की तरह फैल गया ग्रामिणो की भीड़ जुटने लगा वही पति कृष्णा को जिंदा देख कर पत्नी रूबी देवी के आँखों मे खुशी की आँसू लगातार गिर रहा था वह खुशी से लोगो के बीच झूम रही थी । लेकिन नोबतपुर पुलिस तो कृष्णा के शव बता कर परिजन को सौप कर इत्मीनान हो गई थी लेकिन प्रश्न उठता है की कृष्णा मांझी तो शकुसल घर आज लौट गया परिवार के बीच लेकिन आखिर ओ शव किसका था ,अब देखना होगा कि पुलिस अब उस शव का कैसे पहचान कर पाती है । कृष्णा मांझी की पत्नी ने रानीतलाब पुलिस को पति के घर जीवित लौटने की जानकारी दे दिया है ,वही ग्रामीण प्रभात सिंह ने बताया कि गांव में कृष्णा के लौटने पर खुसी है की हमारे गांव का आदमी सकुशल लौट गया है वही उसके परिवार में खुशी लौट आया है ।


Conclusion:रानीतलाब थाना के ASI दरोगी कुमार ने बताया की कृष्णा मांझी की पत्नी रूबी देवी ने थाना पर सूचना दी है कि मेरा पति घर सकुशल लौट कर आ गये है ,उन्हों ने बताया कि 10 अगस्त को बच्चा चोरी के अफवाह में नोबदपुर थाना के महमदपुर गांव में ग्रामीणों ने एक आदमी को पीट पीटकर हत्या कर दिया था ,वही पुलिस ने कृष्णा मांझी का शव बता कर परिजन को सौप दिया था । बाइट 1 पत्नी (रूबी देवी) 2ग्रामीण(प्रभात सिंह) 3ASI रानितलाब थाना (दरोगी कुमार)
Last Updated : Nov 17, 2019, 4:52 PM IST
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