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निजी मेडिकल कॉलेजों में फीस कटौती पर सरकार के जवाब से MLA संतुष्ट, कहा- उम्मीद है कार्रवाई जरूर होगी

विधानसभा में आज एमबीबीएस पढ़ाई में हो रही बड़ी राशि खर्च को लेकर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया गया. ध्यान आकर्षण के माध्यम से जेडीयू और बीजेपी के कई विधायकों ने यह सवाल उठाया था. वहीं सरकार के जवाब से विधायक संतुष्ट नजर आ रहे हैं. उनको उम्मीद है कि निजी मेडिकल कॉलेजों में फीस में कटौती (Fee Reduction in Private Medical Colleges) पर जरूर गंभीरता से विचार किया जाएगा.

निजी मेडिकल कॉलेजों में फीस कटौती का मामला
निजी मेडिकल कॉलेजों में फीस कटौती का मामला
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Published : Mar 3, 2022, 4:44 PM IST

पटना: आज बिहार विधानसभा के बजट सत्र के दौरान निजी मेडिकल कॉलेजों में फीस में कटौती (Fee Reduction in Private Medical Colleges) का मामला उठा. सवाल पूछने वाले परबत्ता से जेडीयू विधायक संजीव कुमार (JDU MLA Sanjeev Kumar) ने सदन से बाहर आकर कहा कि वे सरकार के जवाब से संतुष्ट हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने भी हम लोगों से राय ली है और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे को भी हम लोगों ने ध्यान दिलाया है.

ये भी पढ़ें: सदन में उठा निजी मेडिकल कॉलेजों में फीस कटौती का मामला, CM ने कहा- 'निश्चित रूप से विचार करना पड़ेगा'

सरकार से जवाब से विधायक संतुष्ट: जेडीयू विधायक डॉ. संजीव कुमार ने कहा कि सरकार के जवाब से हम लोग संतुष्ट हैं. सरकार का ध्यान इस ओर गया है. उन्होंने कहा कि आर्थिक स्थिति बेहतर नहीं होने कारण बड़ी संख्या में लोग पलायन कर दूसरे देश में पढ़ाई करते हैं, वहां कम फी देना पड़ा है. कई बार कम्पटीशन पास होने के बाद भी अधिक राशि के कारण छात्र एडमिशन नहीं ले पाते हैं.

सरकार को ध्यान देना चाहिए: जेडीयू विधायक ने कहा कि मुख्यमंत्री ने भी हम लोगों से राय ली है और स्वास्थ्य मंत्री को भी हम लोगों ने ध्यान दिलाया है. सरकार ने कार्रवाई करने की बात कही है. वहीं, मुख्यमंत्री के यह कहने पर कि यूक्रेन में इतने छात्र पढ़ने जाते हैं, यह पता नहीं था. इस पर डॉ. संजीव कुमार ने कहा कि संभव हो कि उनको पता नहीं हो लेकिन अब तो पता चल गया है. सरकार को इस तरफ ध्यान देना चाहिए.

सीएम ने खुद लिया संज्ञान: उधर, पातेपुर से बीजेपी विधायक लखेद्र पासवान ने भी कहा कि मामला गंभीर है, हमने सरकार से कहा है कि आरक्षण का पालन करते हुए एससी-एसटी के गरीब बच्चों को कम शुल्क में एमबीबीएस पढ़ाई की व्यवस्था सरकार करें. मुख्यमंत्री ने पूरे मामले में खुद संज्ञान लिया है.

फीस कम करने पर विचार करना होगा: आपको बताएं कि यूक्रेन में छात्रों के मेडिकल की पढ़ाई को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सदन में कहा कि मेडिकल कॉलेज में पढ़ने के लिए बच्चे वहां जा रहे हैं, यह किसी को मालूम नहीं था. यह तो वास्तव में नेशनल लेवल पर सोचना होगा. उन्होंने कहा कि जो भी कम्पटीशन होता है, नेशनल स्तर से होता है. बाहर जाने के लिए कोई परीक्षा नहीं देनी होती है. सिर्फ बिहार के बच्चे पढ़ने नहीं गए हैं, अमीर राज्यों के बच्चे भी वहां पढ़ने गए हैं.

"हमलोगों को तो बहुत हाल में ये बात जानने को मिला कि इतने लोग बाहर चले जा रहे हैं तो सचमुच सोचना पड़ेगा. निश्चित रूप से विचार करना पड़ेगा और विचार करेंगे. ये मामला सिर्फ राज्य सरकार का नहीं है, सबको सोचना पड़ेगा"- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार

ये भी पढ़ें: तिरंगे की ताकत: बोले बिहार लौटे तुषार- तिरंगा झंडा देख रूस-यूक्रेन की सेना ने दिया रास्ता

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पटना: आज बिहार विधानसभा के बजट सत्र के दौरान निजी मेडिकल कॉलेजों में फीस में कटौती (Fee Reduction in Private Medical Colleges) का मामला उठा. सवाल पूछने वाले परबत्ता से जेडीयू विधायक संजीव कुमार (JDU MLA Sanjeev Kumar) ने सदन से बाहर आकर कहा कि वे सरकार के जवाब से संतुष्ट हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने भी हम लोगों से राय ली है और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे को भी हम लोगों ने ध्यान दिलाया है.

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सरकार से जवाब से विधायक संतुष्ट: जेडीयू विधायक डॉ. संजीव कुमार ने कहा कि सरकार के जवाब से हम लोग संतुष्ट हैं. सरकार का ध्यान इस ओर गया है. उन्होंने कहा कि आर्थिक स्थिति बेहतर नहीं होने कारण बड़ी संख्या में लोग पलायन कर दूसरे देश में पढ़ाई करते हैं, वहां कम फी देना पड़ा है. कई बार कम्पटीशन पास होने के बाद भी अधिक राशि के कारण छात्र एडमिशन नहीं ले पाते हैं.

सरकार को ध्यान देना चाहिए: जेडीयू विधायक ने कहा कि मुख्यमंत्री ने भी हम लोगों से राय ली है और स्वास्थ्य मंत्री को भी हम लोगों ने ध्यान दिलाया है. सरकार ने कार्रवाई करने की बात कही है. वहीं, मुख्यमंत्री के यह कहने पर कि यूक्रेन में इतने छात्र पढ़ने जाते हैं, यह पता नहीं था. इस पर डॉ. संजीव कुमार ने कहा कि संभव हो कि उनको पता नहीं हो लेकिन अब तो पता चल गया है. सरकार को इस तरफ ध्यान देना चाहिए.

सीएम ने खुद लिया संज्ञान: उधर, पातेपुर से बीजेपी विधायक लखेद्र पासवान ने भी कहा कि मामला गंभीर है, हमने सरकार से कहा है कि आरक्षण का पालन करते हुए एससी-एसटी के गरीब बच्चों को कम शुल्क में एमबीबीएस पढ़ाई की व्यवस्था सरकार करें. मुख्यमंत्री ने पूरे मामले में खुद संज्ञान लिया है.

फीस कम करने पर विचार करना होगा: आपको बताएं कि यूक्रेन में छात्रों के मेडिकल की पढ़ाई को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सदन में कहा कि मेडिकल कॉलेज में पढ़ने के लिए बच्चे वहां जा रहे हैं, यह किसी को मालूम नहीं था. यह तो वास्तव में नेशनल लेवल पर सोचना होगा. उन्होंने कहा कि जो भी कम्पटीशन होता है, नेशनल स्तर से होता है. बाहर जाने के लिए कोई परीक्षा नहीं देनी होती है. सिर्फ बिहार के बच्चे पढ़ने नहीं गए हैं, अमीर राज्यों के बच्चे भी वहां पढ़ने गए हैं.

"हमलोगों को तो बहुत हाल में ये बात जानने को मिला कि इतने लोग बाहर चले जा रहे हैं तो सचमुच सोचना पड़ेगा. निश्चित रूप से विचार करना पड़ेगा और विचार करेंगे. ये मामला सिर्फ राज्य सरकार का नहीं है, सबको सोचना पड़ेगा"- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार

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