पटना: बिहार में मंत्रिमंडल का दूसरा विस्तार होना है, ऐसे में कई नेता आस लगाए बैठे हैं. विधानसभा की कमेटी में जगह पाने वाले नेताओं की उम्मीदों को झटका लगा है. मंत्रिमंडल में जगह पाने को लेकर संशय की स्थिति बन गई है. वहीं, भाजपा के कुछ शीर्ष नेताओं के राजनीतिक भविष्य अधर में है.
तीन दशक तक बिहार भाजपा की बागडोर संभालने वाले नेता हाशिए पर हैं. सुशील मोदी को बिहार भाजपा के किनारे कर दिया गया है. कोर कमेटी के दो और सदस्य प्रेम कुमार और नंद किशोर यादव को भी पहले विस्तार में मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलेगी. अब दोनों नेताओं को विधानसभा की समिति में जगह दी गई है.
प्रेम कुमार को याचिका समिति में जगह मिली
नंद किशोर यादव को प्राक्कलन समिति में जगह दी गई है. इसके अलावा प्रेम कुमार को याचिका समिति में जगह मिली है. रामनारायण मंडल को आचार समिति, विनोद नारायण झा निवेदन समिति और कृष्ण कुमार ऋषि को कृषि उद्योग विकास समिति में जगह दी गई है. जदयू के वरिष्ठ नेताओं को भी समिति में जगह मिली है. पूर्व मंत्री नरेंद्र नारायण यादव को जिला परिषद और पंचायती राज समिति में जगह दी गई है. दामोदर रावत को राजकीय स्वास्थ्य समिति में जगह मिली है.
भाजपा कोटे के 5 पूर्व मंत्रियों को समिति में मिली जगह
पूर्व कृषि मंत्री और भाजपा कोर कमेटी के सदस्य प्रेम कुमार ने कहा कि वरिष्ठ नेताओं को विधानसभा की समिति में जगह दी जाती है. ऐसी परंपरा है और मुझे जो भी दायित्व मिलेगा उसका निर्वहन करेंगे और जनता के हित में काम करते रहेंगे. भाजपा प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि कमंटी में जगह देना विधानसभा अध्यक्ष का विवेक है. उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नेताओं को कमेटी में जगह दी जाती है. ऐसा जरूरी नहीं है कि जो कमेटी का सदस्य बन जाता है, उसे बाद में कैबिनेट में शामिल नहीं किया जा सकता है. केंद्र और प्रदेश नेतृत्व मिलकर यह तय करता है कि कैबिनेट में किसे जगह मिलेगी और किसे नहीं.