पटना : संसदीय कार्य मंत्री और जदयू के वरिष्ठ नेता विजय कुमार चौधरी ने विपक्षी दलों पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने जातीय गणना के आकड़े जारी करने के बाद विपक्षी कनबे में असहजता अब छटपटाहट में बदल रही है. नीतीश कुमार की इस ऐतिहासिक कार्य से उत्पन्न ईर्ष्या-भाव से ग्रस्त होकर अपनी ही कलई उतार रहे हैं. वर्ना पहले सहमति देना, फिर बिना किसी तथ्य या प्रमाण के आंकड़ों पर प्रश्न चिन्ह लगाना हास्यास्पद है.
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'ठोस प्रमाण दें जातीय गणना में गड़बड़ी का आरोप लगाने वाले' : सरकार ने स्पष्ट किया है कि अगर किसी को नहीं गिना गया, या किसी की संख्या बढ़ा कर गिनी गई, तो इसके ठोस प्रमाण दें. कोई कह रहा कि उप जातियों में बांटकर गणना की गयी. सामान्य समझदारी है कि उनकी अलग संख्या को जोड़ देने से पूरे जाति की संख्या मिल जाएगी. इसमें गड़बड़ी क्या है?
''कुछ नेता अतिपिछड़ों की चिन्ता में दुबले हो रहे हैं. अतिपिछड़ों को एक समूह में पहचान ही नीतीश कुमार ने बनाई और कर्पूरी ठाकुर की सोच को आगे बढ़ाया है. प्रामाणिक गिनती से उनकी सामाजिक ताकत उभर कर सामने आई है. अब इसका संपूर्ण श्रेय वाजिबन मुख्यमंत्री को मिलता देख विपक्षी कुनबा की बौखलाहट स्वाभाविक है.''- विजय चौधरी, संसदीय कार्य मंत्री
जातीय गणना पर इन पार्टियों ने उठाया सवाल : असल में जब से जातीय गणना की रिपोर्ट आई है आंकड़ों पर सवाल उठ रहे हैं. कई दलों के नेताओं के तरफ से उनकी जाति की संख्या काम बताए जाने का आरोप लगाया गया है. उपेंद्र कुशवाहा की तरफ से तो लगातार आंदोलन किया जा रहा है, राजभवन मार्च भी किया गया. चिराग पासवान की तरफ से भी जातीय गणना पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं. तो वहीं भाजपा के नेताओं के तरफ से भी लगातार इस पर आरोप लगाए जा रहे हैं.
जेडीयू के सांसद पर भी आरोप : जदयू के सांसद ने भी तेली समाज की संख्या कम दिखाई जाने पर जातीय गणना को त्रुटि पूर्ण बताया है. लगातार लग रहे हैं आरोप के बाद नीतीश कुमार के नजदीकी और वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने आरोप लगाने वालों से प्रमाण देने के लिए कहा है. विजय चौधरी ने यह भी कहा है सिर्फ राजनीति करने के लिए आरोप लगाने से बचना चाहिए.