पटना: बिहार में छपरा जहरीली शराबकांड (Chhapra Spurious Liquor Case) को लेकर बिहार विधान सभा में जमकर हंगामा हुआ. बीजेपी के विधान पार्षदों द्वारा छपरा जहरीली शराब कांड पर कार्यस्थगन प्रस्ताव के दिए जाने और उसे सभापति द्वारा अस्वीकृत कर दिए जाने के बाद सदन को दिन में ढाई बजे तक स्थगित कर दिया गया. दोबारा सदन की कार्यवाही जब शुरू हुई तब बीजेपी के विधान पार्षद ने फिर से कार्य स्थगन प्रस्ताव की बात कही. जिसे सभापति की तरफ से अस्वीकृत कर दिया गया. बीजेपी के वरिष्ठ विधान पार्षद प्रोफेसर नवल किशोर यादव ने सभापति को कार्य स्थगन की बात कही. इस दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच हल्की हल्की नोकझोंक भी हुई.
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छपरा जहरीली शराब कांड पर सियासत तेज : विधान परिषद में नेता विपक्ष सम्राट चौधरी ने सदन की नियमावली का हवाला देते हुए वॉकआउट की बात कही और बीजेपी के सारे विधान पार्षद सदन से वॉकआउट कर गए. विपक्ष के वॉकआउट होने के बाद सदन संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी (Minister Vijay Chowdhary) ने मोर्चा संभाला और सभापति को संबोधित करते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने अलग व्यवहार से प्रतिरोध किया. वेल की अवधारणा वेल तक होती है न कि सदन के आसन तक. अव्यवस्था फैलाने वाले अव्यवस्था फैलाकर व्यवस्था की बात करते हैं. इनका केंद्रीय नेतृत्व तानाशाही नेतृत्व अपनाता है. वह यहां पर भी इसे लागू करना चाहते हैं.
संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी ने विपक्ष पर साधा निशाना : विजय चौधरी यहां तक ही नहीं रुके, उन्होंने कहा कि बीजेपी वाले खुद कह रहे हैं कि शराब पीकर मर (Chhapra Hooch Tragedy) रहे हैं. सरकार भी यही कह रही है, जान जोखिम में डालेंगे. सरकार की बात नहीं मानेंगे. कानून बनने के बाद सभी सदस्यों ने संकल्प लिया था. किसी की भी जान जाती है तो परेशानी होती है. सरकार नागरिकों की सुरक्षा के लिए कटिबद्ध है. शराब पीने के लिए बेसब्र होने की क्या जरूरत है?.
'बीजेपी वाले छपरा जाएंगे तो सरकार की विफलता बताएंगे. शराबबंदी कहां फेल है?. यूपी, हरियाणा में बीजेपी की सरकार है. वहां से शराब में बिहार में आपूर्ति की जा रही है. राज्य में लोग मर रहे हैं. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लिखित में बताया है कि सबसे ज्यादा शराब पीने से एमपी में लोग मरते हैं तो वहां इस्तीफा क्यों नहीं मांगते?. इनकी टीम छपरा जा रही है. यह गरीबों के कैसे हमदर्द हैं?. उनकी मौत पर राजनीतिक रोटी सेंक सकते हैं. हम विपक्ष को चाहते हैं, वह भी सरकार का अंग है. विपक्ष तानाशाही में लगा हुआ है. हम नहीं चलने देंगे. सरकार विपक्ष की इज्जत करती है.' - विजय चौधरी, संसदीय कार्य मंत्री