पटना: राज्य सरकार ने सूबे में तकनीकी शिक्षा पर जोर देते हुए एक बड़ा फैसला लिया है. राज्य सरकार द्वारा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत सात अभियंत्रण महाविद्यालय में शिक्षा मंत्रालय द्वारा चलाए जा रहे टेक्निकल एजेकुशन को राज्य सरकार ने अपने निधि से चालू रखने का फैसला लिया गया है.
इस बाबत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री सुमित कुमार सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार की क्वालिटी इंप्रूवमेंट प्रोग्राम फेज 3 के अंतर्गत चल रही तकनीकी पढ़ाई योजना 31 मार्च को समाप्त हो गयी. जिसके बाद इसे चालू रखने का फैसला नीतीश सरकार ने लिया है. उन्होंने कहा कि इन सभी अभियंत्रण महाविद्यालयों के सारे खर्च राज्य सरकार वहन करेगी.
राज्य सरकार अपने खर्च पर चालू रखेगी अभियंत्रण महाविद्यालय
मंत्री सुमित कुमार सिंह ने बताया कि बिहार में तकनीकी शिक्षा में गुणवत्ता बढ़ाने और छात्रों को अधिक से अधिक लाभ पहुंचाने के लिए बिहार सरकार और विभाग दोनों कार्य कर रहे हैं. इसी क्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह बड़ा फैसला लिया है कि अब केंद्र सरकार की तरफ से जो योजना चलाई जा रही थी उसे अब राज्य सरकार अपने तरफ से चालू रखेगी. इन सभी कॉलेजों में पढ़ाने वाले 198 सहायक अध्यापकों को सरकार अगले एक साल तक मानदेय देगी. जिस पर कुल 18 करोड़ 5 लाख 76 हजार रुपये खर्च होंगे.
'बिहार सरकार का लगातार प्रयास है कि सूबे में तकनीकी शिक्षा में गुणवत्ता को बढ़ाया जाए और इसलिए टेक्निकल एजुकेशन क्वालिटी इंप्रूवमेंट प्रोग्राम फेज 3 राज्य सरकार आगे बढ़ाएगी. क्योंकि जो शिक्षक इस योजना के अंतर्गत छात्रों को पढ़ाते हैं वह सभी क्वालिफाइड हैं और उनकी गुणवत्ता भी काफी अधिक है. जिससे सूबे के तकनीकी शिक्षा को काफी लाभ मिलेगा'.- सुमित कुमार सिंह, मंत्री, बिहार सरकार
वहीं, उन्होंने कहा कि बिहार के तीन अभियंत्रण महाविद्यालय में एमआईटी मुजफ्फरपुर, बीसीआई भागलपुर, नालंदा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग चंडी में एमटेक की पढ़ाई शुरू हो गई है और हमारा प्रयास है कि आने वाले समय में जल्द ही 7 अभियंत्रण महाविद्यालय में एमटेक की पढ़ाई शुरू करवायी जाएगी.
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