पटना: कोरोना काल में भारी संख्या में प्रवासी अपने घर लौटे हैं. जिनके पास अभी कोई भी रोजगार नहीं है. इसको देखते हुए बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए गृह मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देशों का शत-प्रतिशत अनुपालन करते हुए ग्रामीण विकास विभाग की आवास योजनाओं को जारी रखने का निर्देश सभी जिलों को दिया है.
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विभागीय दिशा निर्देश में कही गयी बातें :
- सामाजिक दूरी (न्यूनतम 6 फीट की दूरी) का पालन किया जाय.
- सभी कर्मियों/श्रमिकों को फेस मास्क अथवा गमछा/तौलिया से नाक तक चेहरा ढंकना अनिवार्य.
- कार्य स्थल पर थूकना, तंबाकू का सेवन वर्जित रहेगा.
- प्रत्येक कर्मी/श्रमिक खाने-पीने एवं आने-जाने के दौरान भी सामाजिक दूरी बनाए रखेंगे.
- निर्माण कार्य में प्रयुक्त उपकरण, कपड़े आदि की अदला-बदली नहीं की जायेगी.
- कार्यस्थल पर साबुन, पानी की उपलब्धता रहेगी और संबंद्ध कर्मी/श्रमिक नियमित अंतराल पर साबुन-पानी से अनिवार्य रूप से हाथ धोते रहेंगे.
- बीमारी के लक्षण वाले कर्मी/श्रमिक को कार्य से दूर रखा जायेगा.
- स्वास्थ्य विभाग, बिहार, पटना के दिशा-निर्देशों के आलोक में कर्मी/श्रमिक को टीकाकरण हेतु प्रोत्साहित किया जायेगा.
ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार द्वारा कही गई बातें
- बुधवार और कई जगहों पर शुक्रवार को पंचायतों में आयोजित होने वाले ‘आवास दिवस‘ के अवसर पर दस से अधिक लाभुकों को नहीं बुलाया जायेगा. छत की ढलाई को छोड़कर अन्य स्तरों के आवास निर्माण कार्य में लाभुक को छोड़कर दो/तीन श्रमिकों से अधिक को कार्य में नहीं लगाया जायेगा'.
- वित्तीय वर्ष 2016-17 से 2020-2021 तक कुल समेकित लक्ष्य 32 लाख 60 हजार 978 के विरूद्ध अबतक 19 लाख 40 हजार से अधिक आवास पूर्ण हो चुके हैं. जो लक्ष्य का लगभग 60 प्रतिशत है. जो प्रथम किस्त के भुगतान के 12 माह बाद भी आवास नहीं बना पाये हैं एवं पूर्व के अधूरे इन्दिरा आवास को विशेष अभियान चलाकर 15 मई, 2021 तक पूर्ण कराने हेतु जिलों को निर्देशित किया गया है.
- प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत लाभुकों को मनरेगा योजना से 90/95 दिनों की मजदूरी का भुगतान किया जाता है. जिसके तहत वित्तीय वर्ष 2016-17 से अबतक 17 करोड़ 40 लाख 89 हजार मानव दिवस का सृजन करते हुए उस पर 3 हजार 238 करोड़ 57 लाख रूपये मजदूरी मद में व्यय किया गया है. मनरेगा योजना से मजदूरी मद में भुगतान हेतु राशि की कोई कमी नहीं है. साथ ही मनरेगा योजना में सामग्री मद में भुगतान हेतु 785 करोड़ 69 लाख रूपये विमुक्त किये गये हैं.
कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप के बाद दूसरे राज्यों से अपने घर लौटने वाले बिहारवासियों की संख्या लगातार बढ़ रही है. लौटने वालों में अधिकांश मजदूर और कामगार वर्ग के लोग हैं, जो प्रतिदिन मजदूरी कर अपना पेट और परिवार पालते हैं. हजारों की संख्या में प्रतिदिन लौट रहे मजदूरों को अपने राज्य लौटने के बाद रोजगार की समस्या दिखाई देने लगी है.
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