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बोले मंत्री श्रवण कुमार- 'केंद्रीय योजना में दी जा रही राशि नाकाफी'

बिहार में गोवर्धन योजना (Govardhan Yojana) के लिए बेगूसराय और पूर्वी चंपारण जिले को चयनित किया गया है. केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) ने 12 राज्यों के साथ इसे लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा बैठक की.

पटना
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Published : Aug 4, 2021, 11:11 PM IST

पटना: केंद्र सरकार द्वारा (Central Government) ग्रामीण इलाकों में गोबर और कृषि उत्पादन अवशिष्ट के प्रबंधन के लिए गोवर्धन योजना (Govardhan Yojana) की शुरुआत की गई है. इस योजना के तहत राज्य के जिलों में कचरा प्रबंधन और गोबर गैस उत्पादन की जाएगी.

ये भी पढ़ें- बड़ी खबर: बिहार में स्कूल, कोचिंग से लेकर खुलेंगे सिनेमा हॉल, ये रही जानकारी

बिहार के बेगूसराय और पूर्वी चंपारण जिले में इस योजना के तहत चयनित किया गया है. योजना की समीक्षा के लिए केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) ने देश के 12 राज्यों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की. इस दौरान सभी राज्यों से इस योजना पर विस्तार से चर्चा हुई.

''बिहार द्वारा प्रस्ताव रखा गया है कि जो राशि जिलों को केंद्र सरकार द्वारा इस योजना के तहत आवंटित की गई है, वह काफी कम है. दरअसल प्रत्येक जिले को 5 सालों के लिए मात्र 50 लाख रुपए इस योजना के तहत आवंटित की गई है. राशि बढ़ाने के संदर्भ में केंद्रीय मंत्री ने अभी कुछ नहीं कहा है.''- श्रवण कुमार, ग्रामीण विकास मंत्री, बिहार सरकार

ये भी पढ़ें- मंत्री आलोक रंजन झा की लालू यादव को सलाह- 'राजनीति करने के बजाय स्वास्थ्य लाभ लें'

मंत्री श्रवण कुमार (Shravan Kumar) ने बताया कि गोवर्धन योजना के तहत सरकार कृषि और पशु मत्स्य विभाग को भी जोड़कर काम करें, इसका सुझाव भी बिहार के द्वारा दिया गया है. इस योजना के तहत पशु के मल के द्वारा बायोगैस का निर्माण और किसी कार्य के बाद फसल अवशिष्ट का उचित प्रबंधन कर ग्रामीण इलाकों में इसका सदुपयोग किस तरह से हो इस पर विशेष फोकस दिया जा रहा है. राज्य में प्रथम चरण में बेगूसराय और पूर्वी चंपारण दो जिलों में इस योजना की शुरुआत की जा रही है.

पटना: केंद्र सरकार द्वारा (Central Government) ग्रामीण इलाकों में गोबर और कृषि उत्पादन अवशिष्ट के प्रबंधन के लिए गोवर्धन योजना (Govardhan Yojana) की शुरुआत की गई है. इस योजना के तहत राज्य के जिलों में कचरा प्रबंधन और गोबर गैस उत्पादन की जाएगी.

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बिहार के बेगूसराय और पूर्वी चंपारण जिले में इस योजना के तहत चयनित किया गया है. योजना की समीक्षा के लिए केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) ने देश के 12 राज्यों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की. इस दौरान सभी राज्यों से इस योजना पर विस्तार से चर्चा हुई.

''बिहार द्वारा प्रस्ताव रखा गया है कि जो राशि जिलों को केंद्र सरकार द्वारा इस योजना के तहत आवंटित की गई है, वह काफी कम है. दरअसल प्रत्येक जिले को 5 सालों के लिए मात्र 50 लाख रुपए इस योजना के तहत आवंटित की गई है. राशि बढ़ाने के संदर्भ में केंद्रीय मंत्री ने अभी कुछ नहीं कहा है.''- श्रवण कुमार, ग्रामीण विकास मंत्री, बिहार सरकार

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मंत्री श्रवण कुमार (Shravan Kumar) ने बताया कि गोवर्धन योजना के तहत सरकार कृषि और पशु मत्स्य विभाग को भी जोड़कर काम करें, इसका सुझाव भी बिहार के द्वारा दिया गया है. इस योजना के तहत पशु के मल के द्वारा बायोगैस का निर्माण और किसी कार्य के बाद फसल अवशिष्ट का उचित प्रबंधन कर ग्रामीण इलाकों में इसका सदुपयोग किस तरह से हो इस पर विशेष फोकस दिया जा रहा है. राज्य में प्रथम चरण में बेगूसराय और पूर्वी चंपारण दो जिलों में इस योजना की शुरुआत की जा रही है.

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