पटना : मनरेगा में मशीनों का इस्तेमाल करने वाले मुखिया या बीडीओ पर गिरेगी गाज. इस संबंध में ग्रामीण विकास विभाग ने राज्य के सभी डीडीसी को सख्त दिशा निर्देश जारी किया है. वहीं, बिहार सरकार के मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि कई जिलों से मनरेगा मजदूरी में मशीनों के प्रयोग की शिकायतें आ रही है. इसकी जांच के लिए डीडीसी की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई है, जो रिपोर्ट सौपेगी. श्रवण कुमार ने कहा कि जो भी प्रतिनिधि या अधिकारी मनरेगा के कामों में मशीनों का इस्तेमाल करता हुआ पकड़ा जाएगा, उस पर विभागीय कार्रवाई होगी.
जॉब कार्ड का निर्माण
अभी तक राज्य के गोपालगंज, भागलपुर, गया और मधेपुरा जिलो से शिकायते आई है. जिसके आधार पर ग्रामीण विकास मंत्री ने पूरे राज्य में इस तरह के अनियमितता पर रोक लगाने का निर्देश जारी किया है. वहीं, ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में श्रवण कुमार ने बताया कि अभी तक बाहर से आए हुए तकरीबन 16 हजार मजदूरों और कामगारों को जॉब कार्ड का निर्माण करा दिया गया है.
9 लाख मजदूर कर रहे हैं काम
मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि जब यह मजदूर क्वारंटाइन सेंटर से बाहर जाएंगे, तो इन्हें ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं के तहत रोजगार मुहैया कराया जाएगा. वर्तमान वित्तीय वर्ष में अब तक एक लाख लोगों का नया जॉब कार्ड बना दिया गया है. मनरेगा के तहत लगभग 9 लाख मजदूर काम कर रहे हैं. इनके द्वारा तालाब की उड़ाई, चेकडैम का निर्माण, पशु शेड का निर्माण, मुर्गी शेड का निर्माण के साथ जल-जीवन हरियाली से जुड़े हुए कई काम लिए जा रहे हैं.
स्वास्थ्य प्रशिक्षण कराएं
ग्रामीण विकास विभाग की योजनाएं तकरीबन 8000 पंचायतों में चल रही है. मंत्री श्रवण कुमार की माने तो अन्य राज्यों से आने वाले सभी मजदूरों के रोजगार का सृजन बिहार सरकार करेगी. विभाग का अभी 3 लाख 15 हजार योजनाएं चल रही है. मंत्री श्रवण कुमार ने राज्य में आने वाले सभी लोगों से अपील की है कि वे सबसे पहले अपना स्वास्थ्य प्रशिक्षण कराएं. इसके बाद स्थानीय प्रशासन द्वारा जो भी गाइडलाइन दिए जाते हैं, उसका अनुपालन जरूर करें.