पटना: शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के बीच चल रहे विवाद पर आज गुरुवार को जदयू कोटे की मंत्री शीला मंडल ने कहा कि आपसी मामला है सब मिल बैठकर ठीक कर लेंगे. उन्होंने कहा कि कोई भी काम सफल तभी होगा जब सभी मिलकर करेंगे. अपने विभाग का उदाहरण देते हुए बोलीं कि परिवहन विभाग का काम हम लोग मिलकर कर रहे हैं. जब मिलकर काम नहीं करेंगे तो कोई भी काम ठीक से नहीं होगा.
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"इस मामले में हमारे प्रवक्ता और वरिष्ठ मंत्री अपनी बात रख चुके हैं. विपक्ष के लोग इसे तूल देने की कोशिश कर रहे हैं महागठबंधन मजबूत है और 2024 तक मजबूती से चलेगा"- शीला मंडल, मंत्री, बिहार सरकार
जदयू कोटे के मंत्री केके पाठक के पक्ष मेंः बुधवार को जदयू कोटे के वरिष्ठ मंत्री श्रवण कुमार ने बयान दिया था कि अधिकारी कानून के हिसाब से काम करते हैं. उन्होंने कहा कि केके पाठक भी कानून के हिसाब से काम करते होंगे. एक तरह से उन्होंने केके पाठक का पक्ष लिया था. जदयू का कोई भी नेता शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के पक्ष में खड़ा नहीं दिख रहा है. शीला मंडल भी शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर पर बोलने से बच रही हैं.
मुख्यमंत्री के पास पहुंचा मामला: शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और प्रमुख सचिव केके पाठक के बीच विवाद पिछले कई दिनों से चल रहा है. इस मामले पर आज गुरुवार को शिक्षा मंत्री ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की है. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव भी मुख्यमंत्री से मिले हैं. पूरा मामला अब नीतीश कुमार के पाले में है. केके पाठक को जब शिक्षा विभाग की जिम्मेवारी दी गई थी उसी समय तय था कि शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर पर नकेल कसने के लिए ही शिक्षा विभाग लाया गया है.
केके पाठक और शिक्षा मंत्री में ठनी: शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और विभागीय अपर सचिव के बीच ठनी हुई है. चंद्रशेखर अपने विभाग के अधिकारी की कार्यशैली से नाराज हैं. उन्होंने केके पाठक को पीत पत्र भेजा है. साथ ही विभाग के निदेशक स्तर के पदाधिकारियों को भी पीत पत्र भेजा है. दरअसल केके पाठक ने गाइडलाइन जारी किया है कि महादलित टोले में बच्चों की उपस्थिति 90 फीसदी नहीं रही तो उस विद्यालय के शिक्षक के वेतन में कटौती का प्रावधान किया गया है. इसी का विरोध हो रहा है.