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बिजली बंद कर लालटेन जलाने का अभियान फ्लॉप, जनता पर नहीं हुआ तेजस्वी की बातों का असर- JDU - बिहार महासमर 2020

नीरज कुमार ने आंकड़ा देते हुए बताया कि जब तेजस्वी यादव का कार्यक्रम शुरू हुआ उस समय 5573 मेगावाट बिजली की खपत हो रही थी और जब कार्यक्रम समाप्त हुआ तो उस समय खपत केवल 5517 मेगावाट था.

नीरज कुमार
नीरज कुमार
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Published : Sep 10, 2020, 11:39 AM IST

पटनाः जदयू नेता और मंत्री नीरज कुमार ने तेजस्वी यादव के बिजली बंद कर लालटेन मोमबत्ती जलाने के अभियान को पूरी तरह फ्लाप बताया है. मंत्री ने कहा कि तेजस्वी यादव की अपील का बिहार के लोगों पर कोई असर नहीं पड़ा.

बिजली खपत के आंकड़ों को बताते हुए नीरज कुमार ने अभियान को विफल बताया. साथ ही प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की 5 अप्रैल की अपील से तेजस्वी की अपील में बिजली की खपत की तुलना भी की.

'एक परसेंट से बहुत कम बिजली बंद हुई'
जदयू मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अनुरोध पर 5 अप्रैल को कोविड से लड़ने का संकल्प लिया गया और उस समय लोगों से बिजली बंद कर मोमबत्ती की रोशनी करने का अनुरोध किया गया था. बिहार में जब कार्यक्रम शुरू हुआ उस समय 3828 मेगावाट की खपत हो रही थी और जब कार्यक्रम खत्म हुआ, उस समय 1699 मेगा वाट रह गया था.

बयान देते हुए मंत्री नीरज कुमार

यानी कि 55% कम बिजली की खपत हुई. लेकिन तेजस्वी यादव की अपील पर लोगों ने एक परसेंट से बहु कम बिजली बंद की. जब तेजस्वी यादव का कार्यक्रम शुरू हुआ उसमें 5573 मेगावाट बिजली की खपत हो रही थी और जब कार्यक्रम समाप्त हुआ तो उस समय खपत केवल 5517 मेगावाट था.

ये भी पढ़ेंः ट्विटर पर टॉप ट्रेंड, बेरोजगारी के खिलाफ चला '9 बजे 9 मिनट' कैंपेन

जनता पर पीएम और सीएम की बात का असर
नीरज कुमार ने कहा कि जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बातों का असर पड़ता है. तेजस्वी यादव की बातों पर जनता विश्वास नहीं करती है, उनकी बात बेअसर है.

पटनाः जदयू नेता और मंत्री नीरज कुमार ने तेजस्वी यादव के बिजली बंद कर लालटेन मोमबत्ती जलाने के अभियान को पूरी तरह फ्लाप बताया है. मंत्री ने कहा कि तेजस्वी यादव की अपील का बिहार के लोगों पर कोई असर नहीं पड़ा.

बिजली खपत के आंकड़ों को बताते हुए नीरज कुमार ने अभियान को विफल बताया. साथ ही प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की 5 अप्रैल की अपील से तेजस्वी की अपील में बिजली की खपत की तुलना भी की.

'एक परसेंट से बहुत कम बिजली बंद हुई'
जदयू मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अनुरोध पर 5 अप्रैल को कोविड से लड़ने का संकल्प लिया गया और उस समय लोगों से बिजली बंद कर मोमबत्ती की रोशनी करने का अनुरोध किया गया था. बिहार में जब कार्यक्रम शुरू हुआ उस समय 3828 मेगावाट की खपत हो रही थी और जब कार्यक्रम खत्म हुआ, उस समय 1699 मेगा वाट रह गया था.

बयान देते हुए मंत्री नीरज कुमार

यानी कि 55% कम बिजली की खपत हुई. लेकिन तेजस्वी यादव की अपील पर लोगों ने एक परसेंट से बहु कम बिजली बंद की. जब तेजस्वी यादव का कार्यक्रम शुरू हुआ उसमें 5573 मेगावाट बिजली की खपत हो रही थी और जब कार्यक्रम समाप्त हुआ तो उस समय खपत केवल 5517 मेगावाट था.

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जनता पर पीएम और सीएम की बात का असर
नीरज कुमार ने कहा कि जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बातों का असर पड़ता है. तेजस्वी यादव की बातों पर जनता विश्वास नहीं करती है, उनकी बात बेअसर है.

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