पटना: बिहार सरकार (Bihar Government) के समाज कल्याण विभाग के मंत्री मदन सहनी (Madan Sahni) ने बिहार में अफसरशाही (Bureaucracy in Bihar) की बात कही और अपने इस्तीफे तक की पेशकश कर दी. उसके बाद अब सत्तापक्ष के लोग भी वर्तमान सरकार में अफसरशाही पर बयान देते नजर आ रहे हैं. मंत्री नीरज कुमार सिंह (Neeraj Kumar Singh) भी मदन सहनी की बातों में हां में हां मिलाते नजर आए.
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मंत्री नीरज कुमार सिंह ने कहा कि मंत्री जो कह रहे हैं, उसमें कुछ न कुछ तो है. ऐसे मामलों में मुख्यमंत्री को संज्ञान लेना चाहिए. ऐसा नहीं है कि सभी अधिकारी मनमानी कर रहे हैं, लेकिन कुछ ऐसे अधिकारी हैं. जो बात को अनसुना करते हैं, जो कि ठीक नहीं है.
''हम भी मंत्री हैं, विभाग देखते हैं. वैसे हमारे विभाग में ऐसी दिक्कत नहीं हो रही है, लेकिन जो बात मदन सहनी कह रहे हैं. वो बिना दिक्कत के नहीं बोल सकते हैं. इन सब बातों पर गौर करना होगा और इस मामले को खुद मुख्यमंत्री को देखना होगा और इस समस्या का समाधान करना होगा जिससे आगे जाकर दिक्कत नहीं हो.''- नीरज कुमार सिंह, मंत्री, बिहार सरकार
अधिकारियों की मनमानी से थे परेशान
गौरतलब है कि मदन सहनी ने 1 जून को मंत्री पद से इस्तीफा दिया था. उन्होंने कहा था कि विभागीय अधिकारियों की मनमानी से परेशान होकर मुझे यह फैसला लेना पड़ा है. सहनी ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान कहा था कि अधिकारी बात नहीं सुनते हैं. यह एक विभाग का मामला नहीं है, बल्कि सभी विभागों में यही हाल है, कोई कहता है तो कोई छिपाता है.
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चलती है अधिकारियों की मनमानी
मदन सहनी ने समाज कल्याण विभाग के सचिव अतुल प्रसाद पर आरोप लगाते हुए कहा था कि अधिकारी की मनमानी चलती है. सरकार के मंत्रियों की कोई पूछ नहीं है. मंत्रियों के आदेश का कोई मतलब नहीं है. मंत्री के आदेशों की धज्जियां उड़ाई जाती है. ऐसे में मंत्री पद पर मेरे लिए बने रहना उचित नहीं था.