पटनाः राजधानी के होटल मौर्या में शरद मोहन की पुस्तक 'इंडिया एन अनब्रोकन सिविलाइजेशन' ( एनालाइज द्रविडियंस आदिवासी डिवाइडर और यूनीफायर ) का विमोचन किया गया. इसके अलावे एनआरआई लेखक आदित्य सत्संगी की पुस्तक 'सत्तोलॉजी डेब्यूंकिंग माइथोलॉजी' का भी विमोचन हुआ. दोनों किताबों का विमोचन सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार और राजद उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने किया. दोनों पुस्तक भारतीय सभ्यता और संस्कृति से जुड़े अनछुए पहलुओं पर लिखी गई है.
इस मौके पर लेखक शरद मोहन ने बताया कि इससे पहले उनकी पुस्तक 'कश्मीर द बरमूडा ट्रायंगल ऑफ इंडिया' काफी पसंद की गई थी. पुस्तक लिखने के दौरान कई अनछुए पहलू सामने आए थे. जिस पर यह 'इंडिया एन अनब्रोकन सिविलाइजेशन' लिखी गई है. उन्होंने बताया कि हमारे हिस्ट्री पर वेस्ट का ज्यादा प्रभाव रहा है. लेकिन हमारी संस्कृति काफी पुरानी है, जो उत्खनन पर हुए जांच से प्रमाणित होती है.
वैज्ञानिक प्रमाण पर आधारित है आदित्य सत्संगी की पुस्तक
उन्होंने बताया कि आइडिया ऑफ इंडिया में भाषाई, द्रविडियन और आर्यन के बारे में लिखी गई है. वहीं, आदित्य सत्संगी की पुस्तक सत्तोलॉजी भारतीय माइथोलॉजी की वैज्ञानिक प्रमाण पर है. विधु और महाभारत में जो तथ्य बताए गए हैं, वह वास्तव में भारत में स्थित है. इस बात को इस पुस्तक में प्रमाणित किया गया है.
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सामाजिक और आर्थिक स्थिति के कारण धर्मांतरण
पुस्तक विमोचन के मौके पर मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि भारत की आईडिया ऑफ इंडिया हमारे संविधान के प्रस्तावना में अंकित है. इस दौरान नीरज कुमार ने स्वामी विवेकानंद की बातों को रखा. उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने बहुत पहले ही कहा था, देश के अंदर धर्मांतरण सामाजिक और आर्थिक जकड़न के कारण हुआ है.
![neeraj kumar](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/4514746_neerajkumar.jpg)
संविधान सर्वोच्च धर्म ग्रंथ
वहीं, शिवानंद तिवारी ने कहा कि भारत का सर्वोच्च धर्म ग्रंथ संविधान है और आइडिया ऑफ इंडिया के बारे में उसमें अच्छे से बताया गया है. उन्होंने कहा कि आज देश में हिस्टोरिक लोगों की तुलना में माइकोलॉजिकल लोग ज्यादा प्रचलित हैं. सभी जगह बुद्ध से जुड़ी स्मृतियां नहीं मिलती. लेकिन भारत में कहीं भी उस जगह से राम सीता से जुड़ी कुछ ना कुछ कहानियां देखने को मिल जाती है.
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उन्होंने कहा कि भारत में विभिन्न धर्मों के लोग आए और यहां आकर बस गए. सहर्ष सभी अपने-अपने धर्म को फॉलो कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि आज के समय में कोई खास समाज का तबका श्रेष्ठ नहीं है. संविधान सभी को बराबरी का हक देता है और यहां सभी समुदाय के लोग एक समान हैं.