पटना: बिहार में मल्लाह और बिंद जाति को अनुसूचित जाति कैटेगरी में आरक्षण का लाभ नहीं मिलने पर मंत्री मुकेश सहनी ने केंद्र की सभी सरकारों को निशाने पर लिया. मुकेश ने कहा कि केंद्र की किसी भी सरकार ने निषाद समाज के साथ न्याय नहीं किया. जब दिल्ली और बंगाल में निषाद समाज को अनुसूचित जाति की कैटेगरी में रखा गया है तो फिर बिहार में क्यों नहीं?
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दरअसल मंगलवार को एक सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री रतनलाल कटोरिया ने यह स्पष्ट किया था कि मल्लाह और बिंद जाति को एससी कैटेगरी में शामिल करने के बिहार के प्रस्ताव को केंद्र ने रिजेक्ट कर दिया है. इसे वापस भेज दिया गया है. इसे लेकर बिहार में सियासत हो रही है.
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निषाद समाज को फुटबॉल बनाकर रखा
मुकेश सहनी ने कहा कि निषाद समाज को अनुसूचित जाति कैटेगरी में आरक्षण दिलाने की उनकी कोशिश जारी रहेगी.
"जब तक मल्लाह और बिंद जाति को अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति कैटेगरी में आरक्षण का लाभ नहीं मिल जाता हमारा संघर्ष जारी रहेगा. केंद्र में अब तक जितनी भी सरकारें रही हैं सबने निषाद समाज को फुटबॉल बनाकर रखा. अगर दिल्ली की सरकार और बंगाल की सरकार ने निषाद समाज को आरक्षण का लाभ दिया है तो बिहार में ऐसा क्यों नहीं हो सकता."-मुकेश सहनी, मंत्री, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग
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वहीं, जदयू नेता भीष्म सहनी ने भी केंद्र के फैसले पर अफसोस जताया है. उन्होंने कहा "बिहार के प्रस्ताव में कुछ खामियां रह गई थी जिन्हें दूर कर फिर से प्रस्ताव भेजा जाएगा. हमें विश्वास है कि निषाद समाज को आरक्षण का लाभ जरूर मिलेगा."