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शिवानंद तिवारी पर अशोक चौधरी का पलटवार, बोले- 'रेलवे भर्ती में नहीं बरती गयी थी पारदर्शिता इसलिए पड़ी रेड'

लालू-राबड़ी देवी के ठिकानों पर सीबीआई रेड (CBI Raids On Lalu Yadav Premises ) को अशोक चौधरी ने नीतीश कुमार और तेजस्वी की मुलाकात से जोड़ने को गलत ठहराया है. शिवानंद तिवारी के आरोपों पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि लालू के कार्यकाल में रेलवे भर्ती में पारदर्शिता नहीं बरती गयी थी. सीबीआई को कुछ साक्ष्य मिले होंगे उसी के आधार पर छापेमारी हो रही है.

Ashok Choudhary on shivanand tiwari
Ashok Choudhary on shivanand tiwari
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Published : May 20, 2022, 2:31 PM IST

Updated : May 20, 2022, 2:36 PM IST

पटना: राबड़ी देवी आवास (CBI Raid On Rabri Devi House) सहित 17 स्थानों पर सीबीआई की छापेमारी (CBI Raid At Lalu Yadav Patna Delhi Residence) को लेकर सियासत शुरू हो गयी है. आरजेडी की तरफ से सीबीआई और केंद्र सरकार पर कई तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं. RJD नेता शिवानंद तिवारी ने बिहार की सियासत से इस रेड को जोड़ दिया है. कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव जिस प्रकार से जातीय जनगणना को लेकर नजदीक आये हैं, उससे बीजेपी घबरा गई है और नीतीश कुमार को डराने के लिए छापेमारी की जा रही है. जदयू के मंत्री अशोक चौधरी (Minister Ashok Choudhary) का कहना है कि रेलवे में नियुक्ति मामले में कहीं ना कहीं पारदर्शिता नहीं बरती गई है.

पढ़ें- लालू के ठिकानों पर CBI रेड, शिवानंद तिवारी बोले - छापेमारी कहीं नीतीश कुमार को चेतावनी तो नहीं?

'रेलवे भर्ती में नहीं बरती गयी थी पारदर्शिता': अशोक चौधरी ने कहा कि राजनीतिक दलों की तरफ से भी लगातार इस को लेकर सवाल उठाए जाते रहे हैं और सीबीआई को कुछ ना कुछ जानकारी मिली होगी. जानकारी के आधार पर ही छापेमारी की गयी है. यदि नियुक्ति में पारदर्शिता (railway recruitment scam case) बरती गई होगी तो कोर्ट मदद करेगा. अशोक चौधरी ने कहा कि लालू के शासनकाल में रेलवे भर्ती में पारदर्शिता नहीं बरती गयी थी. लंबे समय से कई राजनीतिक दलों द्वारा इसपर प्रश्न चिन्ह उठाया जा रहा था.

"रेलवे में जो बहालियां की गई थीं उसमें पारदर्शिता नहीं बरती गयी थी. उसमें भ्रष्टाचार हुआ था. सीबीआई को शुरूआती जांच में कुछ साक्ष्य मिले होंगे. उसके बाद केस दायर करके छापेमारी की जा रही है. छापेमारी को तेजस्वी और नीतीश कुमार के मुलाकात से जोड़कर देखना सरासर गलत है. नीतीश जी भी तो रेल मंत्री रहे, कहां ऐसी कोई इंक्वायरी हो रही है."- अशोक चौधरी, मंत्री, भवन निर्माण विभाग

'नीतीश-तेजस्वी मुलाकात से इसका कोई लिंक नहीं': अशोक चौधरी ने यह भी कहा कि जातीय जनगणना को लेकर आरजेडी के तरफ से यह दिखाने की कोशिश की जा रही है कि तेजस्वी यादव के कहने पर ही सब कुछ हो रहा है जबकि नीतीश कुमार शुरू से जातीय जनगणना के पक्ष में रहे हैं और प्रयास भी करते रहे हैं. नीतीश जी ने जातीय जानगणना पर सार्वजनिक रूप से चर्चा भी कई बार की है. जातीय जनगणना को लेकर सरकार का प्रस्ताव आया था, विपक्ष का नहीं. जातीय जनगणना से सीबीआई की छापेमारी का कोई लिंक नहीं है.

शिवानंद तिवारी ने छापे की टाइमिंग पर उठाये सवाल : इस छापेमारी पर आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी (RJD leader Shivanand Tiwari) ने कहा कि ''राबड़ी देवी के आवास सहित लालू यादव से जुड़े अन्य ठिकानों पर सीबीआई की छापेमारी कहीं नीतीश कुमार को चेतावनी (cbi raids on lalu a warning to nitish kumar ) तो नहीं है. जातीय जनगणना के मुद्दे पर नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच बढ़ती हुई नजदीकी बीजेपी को असहज कर रही है. छापेमारी के समय का चयन तो इसी ओर इशारा कर रहा है.''

लालू यादव के 17 ठिकानों पर CBI का छापा : बता दें कि लालू प्रसाद के पटना, दिल्ली और गोपालगंज समेत 17 परिसरों पर एक साथ छापेमारी की गई है. बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर भी सीबीआई की टीम ने छापेमारी की है. राबड़ी देवी आवास में ही हैं. सीबीआई सूत्रों का कहना है कि यह मामला लालू प्रसाद के रेल मंत्री रहते सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर कथित रूप से रिश्वत लेने, जमीन और संपत्ति लेने के मामले (land for job scam case) से जुड़ा है. इसकी जांच के सिलसिले में छापेमारी की गई है.

ये भी पढ़ें : Big Breaking : राबड़ी आवास सहित लालू यादव के 17 ठिकानों पर CBI का छापा


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पटना: राबड़ी देवी आवास (CBI Raid On Rabri Devi House) सहित 17 स्थानों पर सीबीआई की छापेमारी (CBI Raid At Lalu Yadav Patna Delhi Residence) को लेकर सियासत शुरू हो गयी है. आरजेडी की तरफ से सीबीआई और केंद्र सरकार पर कई तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं. RJD नेता शिवानंद तिवारी ने बिहार की सियासत से इस रेड को जोड़ दिया है. कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव जिस प्रकार से जातीय जनगणना को लेकर नजदीक आये हैं, उससे बीजेपी घबरा गई है और नीतीश कुमार को डराने के लिए छापेमारी की जा रही है. जदयू के मंत्री अशोक चौधरी (Minister Ashok Choudhary) का कहना है कि रेलवे में नियुक्ति मामले में कहीं ना कहीं पारदर्शिता नहीं बरती गई है.

पढ़ें- लालू के ठिकानों पर CBI रेड, शिवानंद तिवारी बोले - छापेमारी कहीं नीतीश कुमार को चेतावनी तो नहीं?

'रेलवे भर्ती में नहीं बरती गयी थी पारदर्शिता': अशोक चौधरी ने कहा कि राजनीतिक दलों की तरफ से भी लगातार इस को लेकर सवाल उठाए जाते रहे हैं और सीबीआई को कुछ ना कुछ जानकारी मिली होगी. जानकारी के आधार पर ही छापेमारी की गयी है. यदि नियुक्ति में पारदर्शिता (railway recruitment scam case) बरती गई होगी तो कोर्ट मदद करेगा. अशोक चौधरी ने कहा कि लालू के शासनकाल में रेलवे भर्ती में पारदर्शिता नहीं बरती गयी थी. लंबे समय से कई राजनीतिक दलों द्वारा इसपर प्रश्न चिन्ह उठाया जा रहा था.

"रेलवे में जो बहालियां की गई थीं उसमें पारदर्शिता नहीं बरती गयी थी. उसमें भ्रष्टाचार हुआ था. सीबीआई को शुरूआती जांच में कुछ साक्ष्य मिले होंगे. उसके बाद केस दायर करके छापेमारी की जा रही है. छापेमारी को तेजस्वी और नीतीश कुमार के मुलाकात से जोड़कर देखना सरासर गलत है. नीतीश जी भी तो रेल मंत्री रहे, कहां ऐसी कोई इंक्वायरी हो रही है."- अशोक चौधरी, मंत्री, भवन निर्माण विभाग

'नीतीश-तेजस्वी मुलाकात से इसका कोई लिंक नहीं': अशोक चौधरी ने यह भी कहा कि जातीय जनगणना को लेकर आरजेडी के तरफ से यह दिखाने की कोशिश की जा रही है कि तेजस्वी यादव के कहने पर ही सब कुछ हो रहा है जबकि नीतीश कुमार शुरू से जातीय जनगणना के पक्ष में रहे हैं और प्रयास भी करते रहे हैं. नीतीश जी ने जातीय जानगणना पर सार्वजनिक रूप से चर्चा भी कई बार की है. जातीय जनगणना को लेकर सरकार का प्रस्ताव आया था, विपक्ष का नहीं. जातीय जनगणना से सीबीआई की छापेमारी का कोई लिंक नहीं है.

शिवानंद तिवारी ने छापे की टाइमिंग पर उठाये सवाल : इस छापेमारी पर आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी (RJD leader Shivanand Tiwari) ने कहा कि ''राबड़ी देवी के आवास सहित लालू यादव से जुड़े अन्य ठिकानों पर सीबीआई की छापेमारी कहीं नीतीश कुमार को चेतावनी (cbi raids on lalu a warning to nitish kumar ) तो नहीं है. जातीय जनगणना के मुद्दे पर नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच बढ़ती हुई नजदीकी बीजेपी को असहज कर रही है. छापेमारी के समय का चयन तो इसी ओर इशारा कर रहा है.''

लालू यादव के 17 ठिकानों पर CBI का छापा : बता दें कि लालू प्रसाद के पटना, दिल्ली और गोपालगंज समेत 17 परिसरों पर एक साथ छापेमारी की गई है. बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर भी सीबीआई की टीम ने छापेमारी की है. राबड़ी देवी आवास में ही हैं. सीबीआई सूत्रों का कहना है कि यह मामला लालू प्रसाद के रेल मंत्री रहते सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर कथित रूप से रिश्वत लेने, जमीन और संपत्ति लेने के मामले (land for job scam case) से जुड़ा है. इसकी जांच के सिलसिले में छापेमारी की गई है.

ये भी पढ़ें : Big Breaking : राबड़ी आवास सहित लालू यादव के 17 ठिकानों पर CBI का छापा


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Last Updated : May 20, 2022, 2:36 PM IST
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