पटना: जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के बयान पर मंत्री आलोक मेहता ने पलटवार किय है. उपेंद्र कुशवाहा को जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि मेरे बयान को अलग रंग दिया जा रहा है. उपेंद्र कुशवाहा जी हमसे उम्र में बड़े हैं लेकिन मुझे कहते हुए खेद हो रहा है कि उन्होंने मेरी बातों की गलत व्याख्या की. हम भी बराबरी की बात कर रहे हैं और वे भी बराबरी की ही बात कर रहे हैं. गैर बराबरी को बराबर करने की बात है जो एक बार फिर से समाज में तैयार हो गई है.
बोले आलोक मेहता- 'सवर्णों के खिलाफ नहीं कहा एक लफ्ज': आलोक मेहता ने कहा कि हमने कभी भी सवर्णों के खिलाफ एक लब्ज भी नहीं बोला. जहां तक समाज में बराबरी की बात है तो शहीद जगदेव प्रसाद भी समाज में बराबरी की बात करते थे. इसीलिए हमने कहा कि अभी भी समाज में गैर बराबरी है और समाज के वैसे वर्गों को आगे बढ़ाने की जरूरत है जो अंतिम पंक्ति में शामिल हैं. उपेंद्र कुशवाहा कभी भी एक घर में नहीं रहे हैं. उन्हें घर बदलने की आदत है इसलिए वह तरह तरह का बयान देते हैं.
"सच्चाई यही है कि समाज के किसी वर्ग के खिलाफ हमने कुछ नहीं कहा. हमने इतना जरूर कहा कि सभी वर्ग के लोगों में शोषक लोग होते हैं जो कि समाज के कुछ लोगों को आगे नहीं बढ़ने देते हैं. लेकिन मेरे बयान को सवर्ण जाति का विरोधी बयान बताकर जिस तरह से प्रचारित किया गया वह कहीं से भी उचित नहीं है."- आलोक मेहता, मंत्री, बिहार सरकार
'उपेंद्र कुशवाहा ने मेरी बातों की गलत व्याख्या की': आलोक मेहता ने कहा कि आजादी की लड़ाई हो या कोई भी लड़ाई सब ने एक दूसरे का साथ दिया है. हां हमने वैसे वर्गों की बात जरूर की है जो कि हमेशा शोषक की भूमिका में रहे हैं. जो समाज को कभी भी बराबर हिस्सेदारी नहीं देना चाहते हैं. मेरी लड़ाई उन लोगों के साथ है. उपेंद्र कुशवाहा कहते हैं कि 35 साल से बिहार में यादव और कुर्मी का राज रहा है. फिर किस तरह से समाज में गैर बराबरी है. हमारे बयान को गलत ढंग से प्रस्तुत किया जा रहा है.
"हमने कभी किसी जाति को लेकर कुछ नहीं कहा है. कर्पूरी ठाकुर मुख्यमंत्री थे लेकिन कहीं भी जाति को लेकर कोई बात नहीं कही गई थी. जहां तक सत्ता का सवाल है तो जनता ने जिन्हे मेंडेट दिया वही यहां पर राज करता है. सब कुछ जनता के हाथों में रहता है. ऐसी स्थिति में इस तरह का बयान हमें उचित नहीं लगता है. हमने जो शहीद जगदेव प्रसाद के नारे को दोहराया था उसमें कहीं ना कहीं सच्चाई है. उपेंद्र कुशवाहा जो कुछ कर रहे हैं, हम मानते हैं कि वह कहीं से भी उचित नहीं है."- आलोक मेहता, मंत्री, बिहार सरकार
क्या कहा था उपेंद्र कुशवाहा ने: उपेंद्र कुशवाहा ने राष्ट्रीय जनता दल को परिवारवाद की पार्टी बताया और कहा कि जब मौका मिला इस पार्टी ने परिवारवाद किया है. कभी भी पार्टी ने अति पिछड़ा को जगह देने के बारे में नहीं सोचा है और अब 'शोषित भाग हमारा है' का नारा दे रहे हैं. उपेंद्र कुशवाहा ने जनता दल यूनाइटेड पर भी कई तरह के आरोप लगाए और साफ-साफ कहा कि सत्ता का हस्तांतरण तो हो गया लेकिन लोगों की सोच नहीं बदली. जो लोग दूसरे को शोषण करने वाला बताते हैं उन्हें अपने गिरेबान में झांकने की जरूरत है.
10 Vs 90: दरअसल जगदेव प्रसाद की जयंती के मौके पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस कार्यक्रम में आलोक मेहता ने बयान देते हुए कहा कि पहले देश में अंग्रेज शोषण करते थे. अंग्रेजों के जाने के बाद 10 प्रतिशत लोग शोषण करते हैं. मजबूती से कहता हूं कि 10 फीसदी का शासन नहीं चलेगा. भागलपुर में मैंने जो कहा कुछ गलत नहीं कहा, 10 फीसदी लोगों के पास दिमाग ज्यादा है. इससे लड़ने के लिए सभी को एकजुट होना चाहिए.