पटना: कोरोना महामारी से बिगड़े हालात के बीच अन्य राज्यों से घर लौट रहे कामगारों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. इस संबंध में ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि राज्य के सभी 38 जिलों में मनरेगा योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य आजीविका सुरक्षा को सुदृढ़ करना है.
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मनरेगा योजना का क्रियान्वयन
ग्रामीण विकास मंत्री ने बताया कि परिसम्पतियों के सृजन के तहत आंगनवाड़ी केन्द्रों का निर्माण, विद्यालयों में चाहरदिवारी निर्माण, पौधारोपण, बकरी शेड, मुर्गी शेड, आदि कार्य कराये जाते हैं.
'मनरेगा योजना के तहत सामग्री मद में 7 अरब 85 करोड़ 69 लाख रूपये विभाग के द्वारा विमुक्त किया गया है. जिससे सामग्री मद में लंबित भुगतान की राशि का भुगतान किया जाएगा. विभाग के पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए सभी आवश्यक सावधानियां एवं सरकार के गाइडलाइन के अनुसार मनरेगा योजनाओं को जारी रखा जाये. इस निर्देश का मकसद अन्य राज्यों से अपने राज्य में वापस लौटे प्रवासियों के लिए पर्याप्त रोजगार का सृजन करना है.'- श्रवण कुमार, ग्रामीण विकास मंत्री, बिहार
श्रम बजट स्वीकृत
ग्रामीण विकास मंत्री ने जानकारी दी कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 20 करोड़ मानव दिवस का श्रम बजट स्वीकृत किया गया है. वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए मनरेगा अंतर्गत अकुशल मजदूरी की दर 198 रूपये निर्धारित की गई है. जो विगत वर्ष से 4 रूपये अधिक है.