पटनाः प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया ने पटना में दो दिवसीय बैठक के बाद कई मीडिया हाउस को सेंसर किया है. वहीं, एक मामले में डीजीपी को कार्रवाई का आदेश दिया है. प्रेस काउंसिल के चेयरमैन जस्टिस चन्द्रमौली कुमार प्रसाद ने कहा कि जब तक पत्रकारों को जॉब सिक्योरिटी नहीं मिलेगी तब तक मीडिया से पक्षपात रहित खबरों की उम्मीद करना सही नहीं है.
सबसे ज्यादा बिहार के मामले
जस्टिस प्रसाद ने कहा कि प्रेस काउंसिल में सबसे ज्यादा 18 मामले बिहार से ही थे. जिसके कारण बिहार में ही दो दिवसीय जांच कमेटी की बैठक हुई. इसमें एक प्रमुख मामले में दैनिक जागरण अखबार को नोटिस भेजा गया था और उनसे एक गलत खबर छपने के बाद जानकारी मांगी गई थी. जिसका जवाब अखबार ने नहीं दिया.
'अखबारों में प्रोफेशनल एडिटर्स जरूरी'
जस्टिस चन्द्रमौली कुमार प्रसाद ने ये भी बताया कि भागलपुर एडिशन के दैनिक जागरण को सेंसर किया गया है. वहीं, उन्होंने पत्रकारों की निष्पक्षता पर कहा कि जब तक पत्रकारों की जॉब सिक्योरिटी नहीं होगी और अखबारों में प्रोफेशनल एडिटर्स नहीं होंगे, तब तक निष्पक्ष खबरों की अपेक्षा नहीं की जा सकती. उन्होंने कहा कि आज के समय में मैनेजर मीडिया हाउसेज चला रहे हैं जिसका प्रभाव देखने को मिल रहा है.