पटना (मसौढ़ी): राजधानी पटना समेत प्रदेश के विभिन्न जिलों में बार-बार स्वास्थ्य की बदहाल स्थिति देखने को मिलती है. हाल ही स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही (Negligence of Health Department in Masaurhi) से मुजफ्फरपुर में दर्जनों लोगों ने अपनी आंखें गंवा दी. दवाओं के लिए रोजाना विभिन्न अस्पतालों में हंगामे की स्थिति बनी रहती है. आज भी गरीबों को मुफ्त में मिलने वाली दवाओं के लिए भाग-दौड़ करने के बावजूद उन्हें दवा नहीं मिल पाती. वहीं, पटना से सटे मसौढ़ी में आम लोगों को वितरित की जाने वाली दवा स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते एक्सपायर (Medicine Expired in Masaurhi) हो गयी.
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बता दें कि अस्पतालों में सरकार सभी स्वास्थ्य सुविधाएं देने का वादा करती है, मगर आज भी ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों में गरीबों को मुफ्त में समय दवाएं नहीं मिल पाती हैं. ऐसे में रोजाना विभिन्न अस्पतालों में हो हंगामे की स्थिति भी बनी रहती है. ऐसे में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मसौढ़ी में लाखों रुपए की दवाएं स्ट्रांग रूम में रखे-रखे एक्सपायर हो गयी. जिसे कूड़े के ढेर में फेंक दिया गया है.
कूड़े में फेंकी गयी दवाओं में खून की कमी में काम आने वाली फोलिक एसिड, आयरन की गोलियां और सिरप समेत कई दवाइयां हैं. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग पर सवाल उठना लाजिमी है. एक तरफ गरीबों को दवाई नहीं मिल रही है. सरकार महिलाओं और किशोरियों को खून की कमी से होने वाली बीमारियों के प्रति जागरूक कर रही और दवाओं को वितरण करने की बात कह रही है. वहीं, दूसरी तरफ रखे-रखे तमाम दवाइयां एक्सपायर हो जा रही है.
इस पूरे मामले में मसौढ़ी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा प्रभारी डॉ रामानुज ने बताया कि एक्सपायर होने वाली दवाई के 3 महीना पहले बताना होता है ताकि समय वे दवाइयां विभाग को लौटाया जा सके. इस मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
अस्पतालों में दवा एक्सपायर होना एक गंभीर सवाल है. संबंधित पदाधिकारियों पर जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी. दवा कैसे एक्सपायर हुई और विभाग को समय से क्यों सूचना नहीं दी गयी. -विभा कुमारी, सिविल सर्जन पटना
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