पटना: पीएमसीएच के इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान की तरफ जाने वाले रास्ते में पोस्टमार्टम हाउस के पास मेडिकल कचरे का अंबार लगा हुआ है. लगभग 50 मीटर के रास्ते में लोगों का सांस लेना भी दूभर है. कचरे पर कुत्ते और कौवे मंडराते रहते हैं. ऐसे मे संक्रमण का खतरा हमेशा बना रहता है.
पोस्टमार्टम हाउस के बाहर मेडिकल कचरे का अंबार
पीएमसीएच लोग अपना इलाज कराने आते हैं लेकिन इस गंदगी की वजह से कहीं उन्हें कोई संक्रमण ना हो जाये इसका डर सताता रहता है. मेडिकल कचरे की वजह से लोगों को यहां सांस लेना भी दूभर होता है. स्थानीय लोगों का कहना है कि पोस्टमार्टम हाउस के बाहर हमेशा ऐसे ही गंदगी का अंबार रहता है.
पीएमसीएच दे रहा कई बीमारियों को दावत
पीएमसीएच के प्राचार्य डॉ विद्यापति चौधरी ने कहा कि पोस्टमार्टम हाउस के बाहर एंबुलेंस चालक जो डेड बॉडी लेकर आते हैं, वह पीपीई किट को उतारकर इधर-उधर बाहर फेंक देते हैं. साथ ही उनका कहना है कि पीएमसीएच परिसर बहुत बड़ा है और पोस्टमार्टम हाउस के सामने ही हर बार इस प्रकार की दृश्य नजर आते हैं. नियमित रूप से साफ सफाई करायी जाती है मगर कई बार नगर निगम की गाड़ी नियमित कचरा उठाने के लिए नहीं आते. इस कारण भी कचरे का ढेर लग जाता है.
बताते चलें कि पीएमसीएच अस्पताल प्रबंधन द्वारा पटना नगर निगम को अस्पताल के कचरे के उठाव के लिए हर साल 14 लाख रुपया दिया जाता है. बावजूद इसके नगर निगम अस्पताल परिसर का कचरा नियमित रुप से नहीं उठाता.