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पटना: अशोक राजपथ पर PHI के बाहर विभिन्न मांगों को लेकर पारा मेडिकल छात्रों ने की आगजनी

पटना के अशोक राजपथ पर स्थित पब्लिक हेल्थ इंस्टिट्यूट के छात्रों ने संस्थान के बाहर अपनी मांगों को लेकर आगजनी की. पारा मेडिकल छात्रों की मांग है कि अलग से कैडर बनाया जाए.

आगजनी
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Published : Jan 16, 2021, 8:38 AM IST

Updated : Jan 16, 2021, 9:48 AM IST

पटना: अशोक राजपथ पर स्थित पब्लिक हेल्थ इंस्टिट्यूट के छात्रों ने संस्थान के बाहर अपनी मांगों को लेकर आगजनी की. स्वास्थ्य मंत्री और संस्थान के निदेशक डॉ. विमल कारक के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस प्रदर्शन में संस्थान के सैकड़ों छात्र मौजूद रहे. छात्रों का कहना था कि सरकार पिछले कई सालों से सिर्फ आश्वासन दे रही है. अब तक उनका कैडर नहीं बना है. ऐसे में उन्हें डिग्री करने के बावजूद डिप्लोमा धारियों के साथ ही ड्यूटी करनी पड़ती है और दोनों का एक ही पद होता है.

पब्लिक हेल्थ इंस्टिट्यूट
पब्लिक हेल्थ इंस्टिट्यूट

किस पद पर होगी नौकरी ?
'पारा मेडिकल में लैब टेक्नीशियन के बैचलर डिग्री के छात्र हैं और साल 2012 से बिहार में यह कोर्स शुरू हुआ है. अब तक उनके कैडर का गठन नहीं हुआ है.'- जय प्रकाश, मेडिकल छात्र

मेडिकल छात्र ने बताया कि संस्थान में पारा मेडिकल में लैब टेक्नीशियन में बैचलर डिग्री की पढ़ाई होती है. इसके अलावा ऑपरेशन थिएटर और रेडियोलॉजी समेत कई विषयों में भी बैचलर डिग्री की पढ़ाई होती है. उन्होंने बताया कि साल 2012 से यह बिहार में कोर्स है और बैचलर की पढ़ाई होती है. सरकार की ओर से अब तक यह डिसाइड नहीं हुआ है कि बैचलर पासआउट के बाद छात्र किस पद पर नौकरी करेंगे.

पढ़ें: जमुई में CM नीतीश कुमार करेंगे पक्षी महोत्सव का उद्घाटन

अलग कैडर की मांग

पारा मेडिकल छात्रा सोनाली चंद्रा ने कहा, 'वह चाहती हैं कि उनका अलग कैडर बने. क्योंकि अभी उन्हें डिप्लोमा धारियों के साथ ही जॉब करना पड़ता है. 4 साल और 6 महीना की इंटर के बाद 1 डिग्री प्राप्त करती हैं और उन्हें 2 साल की पढ़ाई करने वाले डिप्लोमा धारियों के साथ ही जॉब करना पड़ता है. यह कहीं से उचित नहीं है.'
उन्होंने कहा कि इसके अलावा उनकी यह भी मांग है कि उनका इंटर्नशिप पेड हो और इंटर्नशिप पीरियड के दौरान उन्हें स्टाइपेंड के तौर पर उचित राशि मिले.

Patna
सोनाली चंद्रा, पारा मेडिकल छात्रा

'संस्थान भी उनकी मांगों को लेकर कोई ध्यान नहीं देता है और संस्थान के निदेशक जो पीएमसीएच हॉस्पिटल के अधीक्षक भी है. डॉक्टर विमल कारक वह पब्लिक हेल्थ इंस्टीट्यूट के छात्रों के प्रति लापरवाह रहते हैं.'- चंद्रशेखर प्रसाद, पारा मेडिकल छात्र

पढ़ें: भागलपुर में वैक्सीनेशन को लेकर तैयारी पूरी-DM

स्वास्थ्य मंत्री ने दिया था आश्वासन

छात्रों ने बताया कि वह बिहार कंबाइंड कंपटिटिव एंट्रेंस एग्जाम के तहत पीटी और मेंस एग्जाम को क्वालीफाई करने के बाद इंस्टीट्यूट में पहुंचते हैं. उनका नामांकन होता है और इसके बाद कैडर ना होने की वजह से जब वह डिग्री कंप्लीट कर निकलते हैं तो उनके लिए बिहार में कोई पद ही नहीं है. उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में इस संस्थान में 650 छात्र पारा मेडिकल के बैचलर डिग्री कोर्स के हैं और अब तक 1080 छात्र 2012 से अब तक एडमिशन ले चुके हैं.

देखें रिपोर्ट

उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव की पहले जब वह स्वास्थ्य मंत्री से मिले थे तो चुनाव के बाद उनके कैडर के निर्माण को लेकर आश्वासन दिया गया था. मगर चुनाव के बाद उनके मसले पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. जिसके कारण विवश होकर सड़क पर वह आगजनी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर सरकार उनकी मांगे नहीं मानती है तो आगे चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करेंगे.

पटना: अशोक राजपथ पर स्थित पब्लिक हेल्थ इंस्टिट्यूट के छात्रों ने संस्थान के बाहर अपनी मांगों को लेकर आगजनी की. स्वास्थ्य मंत्री और संस्थान के निदेशक डॉ. विमल कारक के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस प्रदर्शन में संस्थान के सैकड़ों छात्र मौजूद रहे. छात्रों का कहना था कि सरकार पिछले कई सालों से सिर्फ आश्वासन दे रही है. अब तक उनका कैडर नहीं बना है. ऐसे में उन्हें डिग्री करने के बावजूद डिप्लोमा धारियों के साथ ही ड्यूटी करनी पड़ती है और दोनों का एक ही पद होता है.

पब्लिक हेल्थ इंस्टिट्यूट
पब्लिक हेल्थ इंस्टिट्यूट

किस पद पर होगी नौकरी ?
'पारा मेडिकल में लैब टेक्नीशियन के बैचलर डिग्री के छात्र हैं और साल 2012 से बिहार में यह कोर्स शुरू हुआ है. अब तक उनके कैडर का गठन नहीं हुआ है.'- जय प्रकाश, मेडिकल छात्र

मेडिकल छात्र ने बताया कि संस्थान में पारा मेडिकल में लैब टेक्नीशियन में बैचलर डिग्री की पढ़ाई होती है. इसके अलावा ऑपरेशन थिएटर और रेडियोलॉजी समेत कई विषयों में भी बैचलर डिग्री की पढ़ाई होती है. उन्होंने बताया कि साल 2012 से यह बिहार में कोर्स है और बैचलर की पढ़ाई होती है. सरकार की ओर से अब तक यह डिसाइड नहीं हुआ है कि बैचलर पासआउट के बाद छात्र किस पद पर नौकरी करेंगे.

पढ़ें: जमुई में CM नीतीश कुमार करेंगे पक्षी महोत्सव का उद्घाटन

अलग कैडर की मांग

पारा मेडिकल छात्रा सोनाली चंद्रा ने कहा, 'वह चाहती हैं कि उनका अलग कैडर बने. क्योंकि अभी उन्हें डिप्लोमा धारियों के साथ ही जॉब करना पड़ता है. 4 साल और 6 महीना की इंटर के बाद 1 डिग्री प्राप्त करती हैं और उन्हें 2 साल की पढ़ाई करने वाले डिप्लोमा धारियों के साथ ही जॉब करना पड़ता है. यह कहीं से उचित नहीं है.'
उन्होंने कहा कि इसके अलावा उनकी यह भी मांग है कि उनका इंटर्नशिप पेड हो और इंटर्नशिप पीरियड के दौरान उन्हें स्टाइपेंड के तौर पर उचित राशि मिले.

Patna
सोनाली चंद्रा, पारा मेडिकल छात्रा

'संस्थान भी उनकी मांगों को लेकर कोई ध्यान नहीं देता है और संस्थान के निदेशक जो पीएमसीएच हॉस्पिटल के अधीक्षक भी है. डॉक्टर विमल कारक वह पब्लिक हेल्थ इंस्टीट्यूट के छात्रों के प्रति लापरवाह रहते हैं.'- चंद्रशेखर प्रसाद, पारा मेडिकल छात्र

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स्वास्थ्य मंत्री ने दिया था आश्वासन

छात्रों ने बताया कि वह बिहार कंबाइंड कंपटिटिव एंट्रेंस एग्जाम के तहत पीटी और मेंस एग्जाम को क्वालीफाई करने के बाद इंस्टीट्यूट में पहुंचते हैं. उनका नामांकन होता है और इसके बाद कैडर ना होने की वजह से जब वह डिग्री कंप्लीट कर निकलते हैं तो उनके लिए बिहार में कोई पद ही नहीं है. उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में इस संस्थान में 650 छात्र पारा मेडिकल के बैचलर डिग्री कोर्स के हैं और अब तक 1080 छात्र 2012 से अब तक एडमिशन ले चुके हैं.

देखें रिपोर्ट

उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव की पहले जब वह स्वास्थ्य मंत्री से मिले थे तो चुनाव के बाद उनके कैडर के निर्माण को लेकर आश्वासन दिया गया था. मगर चुनाव के बाद उनके मसले पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. जिसके कारण विवश होकर सड़क पर वह आगजनी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर सरकार उनकी मांगे नहीं मानती है तो आगे चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करेंगे.

Last Updated : Jan 16, 2021, 9:48 AM IST
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