पटना: आगामी चुनावी को लेकर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ती जा रही है. 28 अक्टूबर को 71 सीटों पर चुनाव होना है. महागठबंधन और एनडीए से इतर राज्य में ग्रैंड डेमोक्रेटिक सेक्युलर फ्रंट की स्थापना की गई है, जो रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व में मैदान में हैं. इसकी जीत के लिए आने वाले 23 अक्टूबर से मायावती और कुशवाहा एकसाथ पूरे बिहार में प्रचार-प्रसार करेंगे.
ग्रैंड डेमोक्रेटिक सेक्युलर फ्रंट सभी 243 सीटों पर प्रत्याशियों को उतारेगा. इस फ्रंट में मायावती यानी बहुजन समाज पार्टी को 80 सीट मिली है तो वहीं 104 पर उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलएसपी चुनाव लड़ रही है. इस गठबंधन में शामिल ओवैसी की पार्टी को 24 सीटें मिली हुई हैं. इसके अलावा समाजवादी जनता दल को 25 सीटें, भारतीय समाज पार्टी को 5 और जनतांत्रिक पार्टी सोशलिस्ट को 5 सीट पर चुनाव लड़ना है. यह सभी दल अपने-अपने उम्मीदवारों के नाम और विधानसभा के चयन करने में लगे हुए हैं.
जल्द शुरू होगा प्रचार
इस फ्रंट का नेतृत्व उपेंद्र कुशवाहा कर रहे हैं. यानी इस फ्रंट का मुख्यमंत्री के रूप में उपेंद्र कुशवाहा को सभी नेताओं ने चयनित किया है. बीएसपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती और असद्दुद्दीन ओवैसी उपेंद्र कुशवाहा को मुख्यमंत्री बनाने के लिए एक साथ कई जनसभा भी करने वाले हैं. बीएसपी पार्टी सूत्रों की मानें तो मायावती की पहली सभा 23 अक्टूबर को कैमूर के भभुआ में होने वाली है. यहीं से उपेंद्र कुशवाहा मायावती के साथ मंच साझा करेंगे और कई विधानसभा सीटों के लिए प्रचार प्रसार करेंगे.
दिलचस्प होगा इसबार का चुनाव
बता दें कि इस चुनाव में बिहार में 5 फ्रंट हैं. जिसमें एनडीए में जदयू, बीजेपी, हम और वीआईपी पार्टी है तो वहीं महागठबंधन में राजद, कांग्रेस, सीपीआई, सीपीएम और लेफ्ट पार्टी चुनाव लड़ रही है. वहीं महागठबंधन से अलग होकर उपेंद्र कुशवाहा ने मायावती, असदुद्दीन ओवैसी, देवेंद्र प्रसाद यादव के साथ अन्य दो छोटे दलों को मिलाकर जीडीएसएफ बनाया है. पप्पू यादव की पार्टी और चंद्रशेखर रावण की पार्टी के साथ मिलकर पीडीए फ्रंट बनाया है. इसके अलावा जदयू और भाजपा से अलग होकर लोजपा बिहार में चुनाव लड़ रही है.