पटना: बिहार में चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहा है. इनमें सबसे दिलचस्प मुकाबला इमामगंज विधानसभा सीट पर देखने को मिल रहा है, जहां केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की पुत्रवधू दीपा मांझी चुनावी समर में उतरी हैं, लेकिन बिहार के दो बड़े दलित नेता आमने-सामने है. केंद्र की सरकार में मंत्री जीतन राम मांझी और चिराग पासवान के बीच होड़ लगी है और उसका असर उपचुनाव पर देखा जा रहा है. चिराग पासवान ने इमामगंज विधानसभा सीट पर चुनाव प्रचार करने से परहेज किया.
बिहार उप चुनाव में दिख रहा मतभेद: जीतन राम मांझी और चिराग पासवान के बीच मतभेद का असर विधानसभा के उपचुनाव में देखने को मिल रहा है. जीतन राम मांझी की बहू दीपा मांझी इमामगंज से चुनाव लड़ रहे हैं और इमामगंज विधानसभा क्षेत्र में 24000 के आसपास पासवान जाति के मतदाता है. हम पार्टी इमामगंज में चिराग पासवान का कार्यक्रम चाहते थे, लेकिन चिराग पासवान ने इमामगंज में चुनाव-प्रचार नहीं किया, जबकि बाकी के विधानसभा क्षेत्र में चिराग पासवान ने चुनाव प्रचार किया.
मांझी और चिराग आमने-सामने: आरक्षण के मसले पर भी जीतन राम मांझी और चिराग पासवान आमने-सामने हैं. जीतन राम मांझी ने कहा था कि 76 सालों से चार जातियों ने ही एससी आरक्षण का लाभ उठाया है. इसपर चिराग पासवान जीतन राम मांझी के बयान से नाराज हुए और मांझी पर सीधा-सीधा हमला बोला. चिराग पासवान ने कहा कि यह वहीं लोग हैं जो मंदिर गए थे तो उनके बाहर आने के बाद मंदिर को गंगाजल से बुलवाया गया था. जब एक पूर्व मुख्यमंत्री के साथ ऐसा हो सकता है तो फिर उनसे बड़ा कौन है. उनके साथ आज की तारीख में भी छुआछूत होती है तो एससी आरक्षण में क्रीमी लेयर तो क्या कोई भी प्रावधान संभव नहीं है.
"दो दलित नेताओं के बीच वर्चस्व की लड़ाई है. कौन दलित का मसीहा है इसे लेकर संघर्ष है. कई मौके पर जीतन राम मांझी और चिराग पासवान आमने-सामने दिखे हैं. दलित आरक्षण के मसले पर दोनों नेताओं के अलग-अलग राय थे. चिराग पासवान का इमामगंज नहीं जाना दोनों के बीच संघर्ष को दर्शाता है. हालांकि चिराग पासवान के नहीं जाने से चुनाव के नतीजे पर असर पड़ने की संभावना कम है." - प्रवीण बागी, वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक
पारस और चिराग के बीच आ पार की लड़ाई: चाचा पशुपति पारस केंद्र की सरकार में मंत्री थे और चिराग पासवान का राजनीतिक भविष्य आधर में नजर आ रहा थे. चाचा पशुपति पारस ने पार्टी दफ्तर पर कब्जा जमा लिया और चाचा भतीजा के बीच आर पार की लड़ाई छिड़ गई. लोकसभा चुनाव के दौरान फिर से बड़ी पलटी और चिराग पासवान ड्राइविंग सीट पर आ गए पशुपति पारस को एनडीए ने एक भी सीट नहीं दिया 100% स्ट्राइक रेट के साथ चिराग पासवान एक बार फिर नेता बन गए और फिलहाल केंद्र की सरकार में मंत्री हैं.
"राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन चारों सीटों पर चुनाव जीतने जा रही है. हमारे नेता चिराग पासवान ने चुनाव प्रचार किया है. विधानसभा क्षेत्र से चुनाव प्रचार के लिए आमंत्रण मिला. वहां हमारे नेता चुनाव प्रचार के लिए गए." -राजेश भट्ट, प्रवक्ता, लोक जनशक्ति पार्टी (आर)
जीतन मांझी ने पारस का किया था समर्थन: पशुपति पारस और चिराग पासवान के बीच लड़ाई चरम पर थी और दोनों नेता स्वर्गीय रामविलास पासवान की पुण्यतिथि मना रहे थे. जीतन राम मांझी पशुपति पारस के कार्यक्रम में पहुंचे और पशुपति पारस को रामविलास पासवान का उत्तराधिकारी करार दिया. चौथी पुण्यतिथि के मौके पर जीतन राम मांझी ने कहा कि रामविलास बाबू तो चले गए लेकिन उनके स्वरूप पारस बाबू में है. हम लोगों को उम्मीद है कि पारस बाबू उनकी कमी को पूरा कर सकेंगे.
"विधानसभा उपचुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन मजबूत स्थिति में हैं. जहां तक चिराग पासवान का सवाल है तो चिराग पासवान अस्वस्थ होने के चलते ही इमामगंज नहीं आ सके. उन्होंने अपना संदेश कार्यकर्ताओं को भेजा है और इमामगंज सीट हम बड़े मतों के अंतर से जीतने जा रहे हैं."-विजय यादव, मुख्य प्रवक्ता, हम
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