पटना: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए में सीट शेयरिंग का मामला फंसा हुआ है. सीट शेयरिंग के मद्देनजर बीजेपी कोर कमिटी के सदस्य दिल्ली पहुंच चुके हैं. जहां बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर बैठक आयोजित की गई है. यहां सीट शेयरिंग सहित चुनावी रणनीति पर चर्चा होगी. इसके बाद शाम में एनडीए की बैठक हो सकती है. जिसमें चिराग पासवान और जेडीयू के नेता शामिल होंगे.
इस बार के चुनाव में नीतीश कुमार ने सीट शेयरिंग को लेकर बीजेपी के प्रभाव वाले कई सीटों पर मजबूती से दावा पेश किया है. बता दें कि 2015 के विधानसभा चुनाव में 23 विधानसभा सीटें ऐसी थी, जो जेडीयू के प्रभाव वाला माना जाता था. इन सीटों पर बीजेपी ने जेडीयू को पछाड़कर जीत हासिल की. लेकिन इस बार जेडीयू उसे अपना पारंपरिक सीट मान रही है. वहीं, जेडीयू की नजर बीजेपी के पारंपरिक सीट सासाराम, पालीगंज गायघाट, केउटी, डेहरी और बक्सर विधानसभा सीट पर भी है.
31 सीटों पर सीधा तकरार
इसके अलावा नीतीश कुमार ने 8 बड़े चेहरे को जेडीयू में शामिल कराया है. जेडीयू में आरजेडी कोटे के 6 विधायक के साथ पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय और इलियास हुसैन के बेटे शामिल हुए हैं. डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय बक्सर से चुनाव लड़ने का दावा कर रहे हैं तो इलियास हुसैन के बेटे डेहरी से चुनाव लड़ना चाहते हैं. इस तरह से जेडीयू और बीजेपी के बीच कुल मिलाकर 31 सीटों पर सीधा तकरार है.
बड़े भाई की भूमिका में जेडीयू
बिहार में जेडीयू लंबे समय से बीजेपी की सहयोगी पार्टी रही है. जेडीयू पिछले कई चुनाव में बड़े भाई की भूमिका निभाई है. 2010 विधानसभा चुनाव में जेडीयू 141 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. इसमें जेडीयू को 115 सीटों पर जीत हासिल हुई. वहीं, बीजेपी 102 सीटों पर चुनाव लड़ी थी. जिसमें उसे 91 सीटों पर जीत हासिल हुई. इस तरह से एनडीए के खाते में कुल 206 सीटें गई थी. लेकिन बीजेपी और जेडीयू के बीच 17 जून 2013 को अलगाव हो गया था. 17 साल पुरानी दोस्ती अचानक टूट गई और नीतीश कुमार महागठबंधन में शामिल हो गए.
इन सीटों पर हो सकता है विवाद
2015 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी जेडीयू के साथ चुनाव नहीं लड़ी. इस चुनाव में बीजेपी को 53 सीटों पर जीत हासिल हुई. वहीं, बीजेपी के जीते हुए 53 सीटों में 23 विधानसभा सीट ऐसी है. जिन पर लंबे समय से जेडीयू के प्रत्याशी या तो चुनाव लड़ते हैं या फिर विधायक रहे हैं. लेकिन इस बार के विधानसभा चुनाव 2020 में जेडीयू तमाम वैसे सीटों पर दावा पेश कर बीजेपी के सामने मुश्किलें खड़ी करेगी. आइए एक नजर डालते हैं, उन सीटों पर जिसके चलते विवाद खड़ा हो सकता है.
विधानसभा क्षेत्र | विजेता (बीजेपी) | उपविजेता( जेडीयू) |
रामनगर | राघव शरण पांडे | भीष्म साहनी |
नौतन | नारायण प्रसाद | वैद्यनाथ महतो |
चनपटिया | प्रकाश राय | एनएन शाही |
कल्याणपुर | सचिंद्र प्रसाद सिंह | रजिया खातून |
पिपरा | श्याम बाबू यादव | कृष्ण चंद्र |
मधुबन | राणा रणधीर | शिवाजी राय |
सिकटी | विजय मंडल | शत्रुघ्न प्रसाद सुमन |
कटिहार | तार किशोर प्रसाद | विजय सिंह |
जाले | जीवेश कुमार | ऋषि मिश्रा |
कुढ़नी | केदार प्रसाद | मनोज सिंह |
मुजफ्फरपुर | सुरेश शर्मा | विजेंद्र चौधरी |
बैकुंठपुर | मिथिलेश तिवारी | मनजीत कुमार सिंह |
सिवान | व्यासदेव प्रसाद | बबलू प्रसाद |
अमनौर | शत्रुघ्न तिवारी | कृष्ण कुमार महतो |
लखीसराय | विजय सिन्हा | रामानंद मंडल |
बाढ़ | ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू | मनोज कुमार |
दीघा | संजीव चौरसिया | राजीव रंजन |
भभुआ | आनंद भूषण पांडे | डॉ. प्रमोद कुमार |
गोह | मनोज कुमार | डॉ. रणविजय कुमार |
गरुआ | राजीव नंदन | रामचंद्र प्रसाद सिंह |
हिसुआ | अनिल सिंह | कौशल यादव |
वारसलीगंज | अरुणा देवी | प्रदीप कुमार |
झाझा | रविन्द्र यादव | दामोदर रावत |