पटना: जिले में मुख्यमंत्री की सात निश्चय योजना के तहत गली पक्कीकरण का कार्य किया जा रहा है. वहीं पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने बताया कि इस योजना के तहत गली-गली पक्की करण योजना का 90% वार्ड में काम पूरा हो चुका है. वहीं ग्रामीण पेयजल योजना का कार्य भी 92% वार्डों में पूरा हो चुका है. पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने बताया कि सभी 38 जिलों में ट्रेनिंग के लिए भी केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं. चाणक्य लॉ यूनिवर्सिटी से एमओयू भी किया गया है.
प्राथमिकता के आधार पर योजनाओं का क्रियान्वयन
अपर मुख्य सचिव पंचायती राज अमृत लाल मीणा ने बताया कि विभाग ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की दो महत्वाकांक्षी योजनाओं का कार्यान्वयन प्राथमिकता के
आधार पर किया है. मुख्यमंत्री ग्रामीण पक्की गली-नाली पक्कीकरण निश्चय योजना के तहत अनुश्रवण और विजिट के क्रम में हर घर तक पक्की गली और नाली का निर्माण किया जा रहा है. राज्य में कुल 1 लाख 14 हजार 606 वार्डों में से 1 लाख 13 हजार 382 वार्डों यानी 90 प्रतिशत से अधिक वार्डों में गली-नाली पक्कीकरण योजना का कार्य पूर्ण कर लिया गया है.
18 जिलों में के प्रत्येक वार्ड में शत-प्रतिशत कार्य पूरा
इस योजना के तहत 18 जिलों में के प्रत्येक वार्ड में शत-प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया गया है. वहीं शेष जिलों के एक प्रतिशत से कम वार्डों में काम होना बाकी है. इसे 31 अगस्त तक पूर्ण कर लिया जाएगा. अमृत लाल मीणा ने बताया कि मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना पर भी तेजी से काम चल रहा है. कुल लक्ष्य 58 हजार 280 के विरुद्ध 53 हजार 372 वार्डों में कार्य पूर्ण हो चुका है. ये लक्ष्य के विरुद्ध लगभग 92 प्रतिशत उपलब्धि है. वहीं शेष वार्डों में भी बोरिंग का कार्य पूर्ण हो चुका है. बाढ़ के कारण कुछ इलाकों में दिक्कते आ रही हैं. वहीं कार्य करने की परिस्थिति अनुकूल होते ही 16 दिनों के अंदर सभी कार्य पूरा कर लिया जाएगा.
80 लाख परिवारों तक पहुंचाई गई पानी की सुविधा
पंचायती राज विभाग के सचिव ने बताया कि अभी तक 80 लाख परिवारों को हर घर तक नल का जल का कनेक्शन दिया जा चुका है. विभाग ने तटस्थ मूल्यांकन में पाया गया है कि अच्छी संख्या में योजनाएं चालू हैं. सभी 63 हजार 372 योजनाओं के लिए वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति ने एक-एक अनुरक्षक की व्यवस्था की गई है. अनुरक्षक का दायित्व है कि वह योजना का समय पर संचालन कर, मरम्मती का कार्य कराए और उपभोक्ताओं से 30 रुपये प्रतिमाह की दर शुल्क की वसूली करें.
ओईओटी डिवाइस स्थापित
सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए ओआईओटी डिवाइस लगाने का निर्णय विभाग ने लिया है. कई जिलों में ओईओटी डिवाइस स्थापित कर दी गई है. इससे पता चलता है कि कौन सी योजना कितने समय तक चली या बंद है. मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल योजना और मुख्यमंत्री ग्रामीण पक्की गली नाली योजना की शत-प्रतिशत सफलता सुनिश्चित करने को लेकर विभाग कटिबद्ध है.
भवन निर्माण के लिए स्वीकृति
अमृत लाल मीणा ने बताया कि ग्राम पंचायतों के कार्यालय में पंचायत सरकार भवन निर्माण के लिए 8,663 ग्राम पंचायतों में से 3200 ग्राम पंचायतों में पंचायत
सरकार भवन बनाने के लिए सरकार ने स्वीकृति जारी कर दी है. 1409 ग्राम पंचायतों के पंचायत सरकार गमन का कार्य पूर्ण हो चुका है. इनमें ग्राम पंचायतों का कार्यालय भी संचालित हो रहा. इसके साथ ही शेष निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए पंचायतों को यह जिम्मेदारी दी है कि पंचायत सरकार भवन का निर्माण करेगा. इसके साथ ही 1 करोड़ 14 लाख रुपये की औसतन निर्माण लागत से पंचायत सरकार भवन का निर्माण होगा.
चार पंचायत पर एक लेखपाल की नियुक्ति
पंचायती राज विभाग के तकनीकी सहायकों ने पर्यवेक्षण किया है कि अभी तक 4559 ग्राम पंचायतों में आरटीपीएस केंद्र का कार्य पूर्ण हो गया है. सरकार हर ग्राम पंचायत में एक-एक कार्यपालक सहायक की नियुक्ति की स्वीकृति प्रदान की है. सरकार ने पंचायतों की लेखा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए हर चार पंचायत पर एक लेखापाल की भी नियुक्ति को लेकर 2 हजार 92 पदों की स्वीकृति दी थी. अभी तक 1,500 पदों पर नियुक्ति हो चुकी है. लेखापाल, पंचायतों के ऑनलाइन लेखा प्रबंधन में सहयोग कर रहे हैं.
मास्क का किया गया वितरण
अमृत लाल मीणा ने बताया कि कोरोना वायरस से बचाव को लेकर ग्राम पंचायतों में अभी तक 2 करोड़ 10 लाख परिवारों में मास्क वितरण किया जा चुका है. इसके साथ ही 2 करोड़ 22 लाख परिवारों को साबुन का वितरण किया गया है. मास्क के वितरण से लोगों में मास्क का उपयोग करने के प्रति जागरूकता आई है.
प्रशिक्षण के लिए चाणक्य लॉ यूनिवर्सिटी के साथ एमओयू
अमृत लाल मीणा ने कहा कि पंचायती राज विभाग ने ग्राम कचहरियों का प्रबंधन किया जाता है. विभाग ने चाणक्य लॉ यूनिवर्सिटी के साथ एमओयू करके ग्राम कचहरियों के चुने हुए सरपंचों, सचिवों आदि का प्रशिक्षण कराया है. इसके फलस्वरूप ग्राम कचहरियों की गुणवत्ता में काफी सुधार हुआ है. राज्य सरकार ने त्रि-स्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के चुने हुए प्रतिनिधि और इसमें काम करने वाले कर्मियों के प्रशिक्षण व्यवस्था को मजबूत करने के लिए हर जिले में जिला पंचायती राज ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना का निर्णय लिया है. इसके भवन निर्माण के लिए धनराशि उपलब्ध करा दी गई है. सभी 38 जिलों में जिला पंचायती राज केंद्र स्थापित होंगे. वहीं 18वें वित्त आयोग की अनुशंसा पर प्रथम किस्त की 1500 करोड़ की धनराशि प्राप्त हो चुकी है. कुल प्राप्त संसाधनों का 70 प्रतिशत ग्राम पंचायतों, 20 प्रतिशत पंचायत समितियों और 10 प्रतिशत जिला परिषदों को स्थानांतरित कर दिया गया है.