पटना: फाइलेरिया रोग के उन्मूलन के लिए बिहार सरकार द्वारा सूबे के 11 जिलों में 28 सितंबर से मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी. इसके तहत लोगों को फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन करने के प्रति जागरूक किया जाएगा.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के राज्य एनडीटी डॉक्टर राजेश पांडे ने बताया कि फाइलेरिया या हाथी पांव रोग देश के 16 राज्यों और 5 केंद्र शासित प्रदेशों में एक सार्वजनिक स्वास्थ्य संबंधी समस्या है. आमतौर पर 55 वर्ष में होने वाला यह संक्रमण लिंफेटिक सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है. वहीं इसका इलाज सही तरीके से नहीं किया गया तो शारीरिक अंगों में असामान्य सूजन होती है.
फाइलेरिया का सही उपचार बेहद जरूरी
डॉक्टर राजेश पांडे ने कहा कि यह बेहद जरूरी है कि इसका सही तरीके से उपचार कराया जाए और दवा लिया जाए. प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा दी गई दवाई खाने से इस रोग से आसानी से बचा जा सकता है. उन्होंने कहा कि अगर व्यक्ति स्वस्थ रहेगा तो उसके आने वाले बच्चे भी स्वस्थ रहेंगे. वहीं उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के बीच सभी सावधानियां अपनाते हुए लोगों को जागरूक किया जाएगा.