ETV Bharat / state

Bhraman Darshan Yojana 2023: मसौढ़ी के 60 मत्स्य पालक परिभ्रमण दर्शन के लिए रवाना, सीखेंगे नवीनतम तकनीक

राजधानी पटना से मसौढ़ी में 60 मत्स्य पालक को मत्स्य पालन भ्रमण दर्शन कार्यक्रम के लिए भेजा गया है. अनुमंडल मत्स्य पदाधिकारी जितेंद्र भाटिया और प्रखंड मत्स्य पदाधिकारी लिली ने हरी झंडी दिखाकर नालंदा के लिए रवाना किया है. आगे पढ़ें पूरी खबर...

मसौढ़ी में पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग
मसौढ़ी में पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग
author img

By

Published : Jul 20, 2023, 2:45 PM IST

पटना: राजधानी पटना से सटे मसौढ़ी के 60 मत्स्य पालकों को मछली पालन के नवीनतम तकनीक से अवगत कराने के लिए मत्स्य पालन भ्रमण दर्शन कार्यक्रम के तहत नालंदा के लिए रवाना किया गया है. जिन्हें अनुमंडल मत्स्य पदाधिकारी जितेंद्र भाटिया ने और प्रखंड मत्स्य पदाधिकारी लिली ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. मछली पालन के बेहतर तरीके को सीखने के लिए मत्स्य पालकों को नालंदा भेजा गया है. मत्स्य पालकों को तालाब के पास ले जाकर मछली उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा. साथ ही हेचरी के विकास और मछली की बिक्री के लिए भी प्रशिक्षित किया जाएगा.

पढ़ें-Purnea News: 'मर रहीं मछलियां'.. पूर्णियां के मछली पालक परेशान.. बोले- 'इथेनॉल फैक्ट्री से छोड़े जा रहे केमिकल वाले पानी से नदी हुई जहरीली'

मसौढ़ी में 300 से अधिक मछली के तालाब: अनुमंडल मत्स्य पदाधिकारी जितेंद्र भाटिया ने बताया कि पूरे पटना जिला में खासकर मसौढ़ी में 300 से अधिक मछली के तालाब हैं और यहां काफी पर्याप्त मात्रा में जल स्रोत है. जैसे यहां मत्स्य पालन की असीम संभावना है. इसको देखते हुए यहां समेकित मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए यहां के मत्स्य पालकों को विजिट के लिए अन्य जिलों और प्रांतों में भेजा जा रहा है. मछुआरों एवं मत्स्य पालकों को स्वरोजगार सृजन एवं मत्स्य पालन क्षेत्र में आधारभूत संरचना एवं उत्पादन में वृद्धि के लिए मत्स्य भ्रमण कार्यक्रम विभाग की योजना है.

"मसौढ़ी में 300 से अधिक मछली के तालाब हैं और यहां काफी पर्याप्त मात्रा में जल स्रोत है. जैसे यहां मत्स्य पालन की असीम संभावना है. इसको देखते हुए यहां समेकित मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए यहां के मत्स्य पालकों को विजिट के लिए अन्य जिलों में भेजा जा रहा है."-जितेंद्र भाटिया, अनुमंडल मत्स्य पदाधिकारी, पटना

सीखेंगे नवीनतम तकनीक: मत्स्य पालक विभिन्न जिलों में जाकर वहां के मत्स्य पालन से परिचित होते हैं. वह मिश्रित मत्स्य पालन, चौर विकास, बायोशॉक इत्यादि से परिचित होंगे. इससे जिला भी मछली उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा. इस मौके पर चंद्र मोहन पटेल, रंजीत पटेल, लालमोहन सिंह, शिव शंकर कुमार एवं अन्य मत्स्य पालन शामिल रहे. पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग बिहार मत्स्य विभाग भ्रमणदर्शन कार्यक्रम के तहत मसौढ़ी एवं धनरूआ के साथ मत्स्य पालक किसान को नालंदा के लिए रवाना किया गया है.

पटना: राजधानी पटना से सटे मसौढ़ी के 60 मत्स्य पालकों को मछली पालन के नवीनतम तकनीक से अवगत कराने के लिए मत्स्य पालन भ्रमण दर्शन कार्यक्रम के तहत नालंदा के लिए रवाना किया गया है. जिन्हें अनुमंडल मत्स्य पदाधिकारी जितेंद्र भाटिया ने और प्रखंड मत्स्य पदाधिकारी लिली ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. मछली पालन के बेहतर तरीके को सीखने के लिए मत्स्य पालकों को नालंदा भेजा गया है. मत्स्य पालकों को तालाब के पास ले जाकर मछली उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा. साथ ही हेचरी के विकास और मछली की बिक्री के लिए भी प्रशिक्षित किया जाएगा.

पढ़ें-Purnea News: 'मर रहीं मछलियां'.. पूर्णियां के मछली पालक परेशान.. बोले- 'इथेनॉल फैक्ट्री से छोड़े जा रहे केमिकल वाले पानी से नदी हुई जहरीली'

मसौढ़ी में 300 से अधिक मछली के तालाब: अनुमंडल मत्स्य पदाधिकारी जितेंद्र भाटिया ने बताया कि पूरे पटना जिला में खासकर मसौढ़ी में 300 से अधिक मछली के तालाब हैं और यहां काफी पर्याप्त मात्रा में जल स्रोत है. जैसे यहां मत्स्य पालन की असीम संभावना है. इसको देखते हुए यहां समेकित मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए यहां के मत्स्य पालकों को विजिट के लिए अन्य जिलों और प्रांतों में भेजा जा रहा है. मछुआरों एवं मत्स्य पालकों को स्वरोजगार सृजन एवं मत्स्य पालन क्षेत्र में आधारभूत संरचना एवं उत्पादन में वृद्धि के लिए मत्स्य भ्रमण कार्यक्रम विभाग की योजना है.

"मसौढ़ी में 300 से अधिक मछली के तालाब हैं और यहां काफी पर्याप्त मात्रा में जल स्रोत है. जैसे यहां मत्स्य पालन की असीम संभावना है. इसको देखते हुए यहां समेकित मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए यहां के मत्स्य पालकों को विजिट के लिए अन्य जिलों में भेजा जा रहा है."-जितेंद्र भाटिया, अनुमंडल मत्स्य पदाधिकारी, पटना

सीखेंगे नवीनतम तकनीक: मत्स्य पालक विभिन्न जिलों में जाकर वहां के मत्स्य पालन से परिचित होते हैं. वह मिश्रित मत्स्य पालन, चौर विकास, बायोशॉक इत्यादि से परिचित होंगे. इससे जिला भी मछली उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा. इस मौके पर चंद्र मोहन पटेल, रंजीत पटेल, लालमोहन सिंह, शिव शंकर कुमार एवं अन्य मत्स्य पालन शामिल रहे. पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग बिहार मत्स्य विभाग भ्रमणदर्शन कार्यक्रम के तहत मसौढ़ी एवं धनरूआ के साथ मत्स्य पालक किसान को नालंदा के लिए रवाना किया गया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.