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तिरंगे में लिपटा शहीद का पार्थिव शरीर पहुंचा गांव, रो पड़े लोग, नम आखों से दी गई श्रद्धांजलि

CRPF Jawan Martyred In Jammu: जम्मू के पुलवामा में शहीद हुए सीआरपीएफ जवान का शव मसौढ़ी पहुंचा, जहां मौजूद लोगों ने शहीद की याद में भारत माता की जय के नारे लगाए. वहीं शहीद का शव जैसे ही उनके घर पहुंचा, उनके परिवार में कोहराम मच गया.

तिरंगे में लिपटकर शाहिद का पार्थिव शरीर पहुंचा मसौढ़ी
तिरंगे में लिपटकर शाहिद का पार्थिव शरीर पहुंचा मसौढ़ी
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 14, 2024, 10:25 AM IST

Updated : Jan 15, 2024, 6:42 AM IST

तिरंगे में लिपटा शहीद का पार्थिव शरीर पहुंचा गांव

पटनाः राजधानी पटना के मसौढ़ी के रहने वाले सीआरपीएफ जवान लाल पशुपतिनाथ जम्मू के पुलवामा में ड्यूटी के दौरान शहीद हो गए, जिनका पार्थिव शरीर रविवार को मसौढ़ी के सरवां गांव पहुंचा, जहां शहीद के सम्मान में तिरंगा यात्रा निकाली गई. इस यात्रा में हजारों की संख्या में लोग पहुंचे थे, जहां भारत माता के जयकर के साथ पूरा इलाका गूंजत उठा.

शहीद का शव पहुंचा पैतृक गांवः शहीद पशुपतिनाथ के बड़े भाई ने सरकार से मांग की है कि शहीद के सम्मान में मसौढ़ी के सरवां गांव में आदमकद प्रतिमा और तोरण द्वार बनाया जाए, ताकि इन शहीदों का सम्मान बरकरार रहे. वहीं शव यात्रा सरवां गांव से निकल कर गुमटी चौराहा तक गई. इस मौके पर सीआरपीएफ के सीईओ एवं बटालियन ने उन्हें तिरंगे में लपेटकर उन्हें सलामी दी. उसके बाद भारत माता के जय के नारे लगे.

शाहिद का पार्थिव शरीर
शहीद का पार्थिव शरीर

"2003 में सीआरपीएफ में मिली थी नौकरी शहीद सीआरपीएफ के जवान पशुपतिनाथ पांडे मसौढ़ी के सरवां गांव के निवासी थे, वर्ष 2003 में सीआरपीएफ में इन्हें नौकरी लगी थी पहली पोस्टिंग श्रीनगर में थी और फिलहाल पुलवामा जिले में ड्यूटी पर तैनात थे, जो शहीद हो गए हैं. हर किसी ने नम आंखों से उन्हें अंतिम विदाई दी"- बैजनाथ पांडे, शहीद के बड़े भाई

रोते हुए शहीद के परिजन
रोते हुए शहीद के परिजन

जम्मू में थे दो साल से पोस्टेडः पशुपति नाथ ऊर्फ पंकज पांडे 2 साल पहले ही सीआरपीएफ में ड्यूटी पर तैनात हुए थे, लेकिन अचानक शुक्रवार को ड्यूटी पर हृदय गति रुक जाने के कारण उनका निधन हो गया. इनका पार्थिव शरीर जम्मू कश्मीर से दानापुर रेजीमेंट पहुंचा. जहां शहीद को सलामी दी गई. उसके बाद आज सुबह उनका पार्थिव शरीर मसौढ़ी पहुंचा.

ये भी पढ़ेंः मसौढ़ी का लाल सीआरपीएफ जवान जम्मू में हुआ शहीद, इलाके के लोग गमगीन

तिरंगे में लिपटा शहीद का पार्थिव शरीर पहुंचा गांव

पटनाः राजधानी पटना के मसौढ़ी के रहने वाले सीआरपीएफ जवान लाल पशुपतिनाथ जम्मू के पुलवामा में ड्यूटी के दौरान शहीद हो गए, जिनका पार्थिव शरीर रविवार को मसौढ़ी के सरवां गांव पहुंचा, जहां शहीद के सम्मान में तिरंगा यात्रा निकाली गई. इस यात्रा में हजारों की संख्या में लोग पहुंचे थे, जहां भारत माता के जयकर के साथ पूरा इलाका गूंजत उठा.

शहीद का शव पहुंचा पैतृक गांवः शहीद पशुपतिनाथ के बड़े भाई ने सरकार से मांग की है कि शहीद के सम्मान में मसौढ़ी के सरवां गांव में आदमकद प्रतिमा और तोरण द्वार बनाया जाए, ताकि इन शहीदों का सम्मान बरकरार रहे. वहीं शव यात्रा सरवां गांव से निकल कर गुमटी चौराहा तक गई. इस मौके पर सीआरपीएफ के सीईओ एवं बटालियन ने उन्हें तिरंगे में लपेटकर उन्हें सलामी दी. उसके बाद भारत माता के जय के नारे लगे.

शाहिद का पार्थिव शरीर
शहीद का पार्थिव शरीर

"2003 में सीआरपीएफ में मिली थी नौकरी शहीद सीआरपीएफ के जवान पशुपतिनाथ पांडे मसौढ़ी के सरवां गांव के निवासी थे, वर्ष 2003 में सीआरपीएफ में इन्हें नौकरी लगी थी पहली पोस्टिंग श्रीनगर में थी और फिलहाल पुलवामा जिले में ड्यूटी पर तैनात थे, जो शहीद हो गए हैं. हर किसी ने नम आंखों से उन्हें अंतिम विदाई दी"- बैजनाथ पांडे, शहीद के बड़े भाई

रोते हुए शहीद के परिजन
रोते हुए शहीद के परिजन

जम्मू में थे दो साल से पोस्टेडः पशुपति नाथ ऊर्फ पंकज पांडे 2 साल पहले ही सीआरपीएफ में ड्यूटी पर तैनात हुए थे, लेकिन अचानक शुक्रवार को ड्यूटी पर हृदय गति रुक जाने के कारण उनका निधन हो गया. इनका पार्थिव शरीर जम्मू कश्मीर से दानापुर रेजीमेंट पहुंचा. जहां शहीद को सलामी दी गई. उसके बाद आज सुबह उनका पार्थिव शरीर मसौढ़ी पहुंचा.

ये भी पढ़ेंः मसौढ़ी का लाल सीआरपीएफ जवान जम्मू में हुआ शहीद, इलाके के लोग गमगीन

Last Updated : Jan 15, 2024, 6:42 AM IST
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